युवाओं को शहीद भगत सिंह व दीनबंधु सर छोटूराम के जीवन से प्रेरणा मिलेगी : कैप्टन अभिमन्यु

पूर्व वित्त मंत्री ने हैबतपुर में किया दीनबंधु सर छोटूराम की प्रतिमा का अनावरण
डेमोक्रेटिक फ्रंट/पवन सैनी
हिसार। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा है कि दीनबंधु सर छोटूराम ने किसानों के हित में जो कार्य किए, उन्हें भुलाया नहीं जा सकता। आज हमारे सिर के उपर जो पगड़ी है, जिससे हम जमींदार कहलाते हैं, वह सब दीनबंधु सर छोटूराम की देन है। उन्होंने कहा कि  शहीदों व महापुरूषों की प्रतिमा गांव में लगाकर गांव ने साबित कर दिया है कि इस गांव की तासीर कैसी है, निश्चय ही इस गांव के युवाओं को शहीद भगत सिंह व रहबरे आजम दीनबंधु सर छोटूराम के जीवन से प्रेरणा मिलेगी।
कैप्टन अभिमन्यु नारनौंद विधानसभा क्षेत्र के गांव हैबतपुर में दीनबंधु सर छोटूराम की प्रतिमा का अनावरण करने उपरांत ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे।  इस अवसर पर जिला परिषद के चेयरमैन सोनू सिहाग डाटा, ब्लॉक समिति चेयरमैन प्रदीप कुमार, नरेश कुमार मैंबर, ग्राम पंचायत सदस्य, सुमित, सतबीर मलिक, डा. जिलेसिंह, दिनेश, मोहित, डा. धर्मपाल, सत्यपाल आर्य, मोहिनी, डा. राकेश श्योराण, डा. सोनिया श्योराण व पूर्व प्रधान नरेन्द्र आदि मौजूद थे।
कैप्टन ने कहा कि दीनबंधु सर छोटूराम ने बचपन से ही गरीबी की हालत में अपने पिता को कर्ज लेते देखा था, तभी से उनके मन में किसानों के लिए कुछ करने का जज्बा पैदा हो गया था। उनके मन में संकल्प आता है कि मुझे किसानों को कर्ज से मुक्त करवाना है और जो जमीनें किसानों ने रहन रखी हुई है, उन्हें मुक्त करवाना है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई की, आगरा से वकालत की, रोहतक में आकर वकालत की, कांग्रेस पार्टी को छोडक़र उन्होंने यूनियस्ट पार्टी (जमींदारा पार्टी) बनाई और उस समय वजीर बनकर दीन बंधु सर छोटूराम ने बहुत बड़ा काम किया। जो पगड़ी आज हमारे सिर के उपर सजती है, जिस पगड़ी को हम सिर पर रखकर जमींदार, जमीन का मालिक कहलाने का हक व अधिकार मानते हैं, उस पगड़ी की लाज बचाने व उसके सिर पर सजाने का काम किसी ने किया था, वो दीनबंधु सर छोटूराम ने किया था। उन्होंने 1935 की सरकार में वजीर बनकर कानून पास किया कि आज तक जिसकी जमीन रहण रखी गई है, वो सारे के सारे पुराने कर्जों बारे नये नियम बनाकर किसानों को कर्जमुक्त बनाने का काम किया था। जमींदार जो मजबूर था, बेजमीन हो गया था, उस जमीन को उसकी जमीन का हक दीनबंधु सर छोटूराम ने किया था।