विपक्ष का पैदल मार्च : 16 दलों के विपक्षी सांसद ED दफ्तर के लिए निकले

अडानी मामले पर जांच की मांग करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम अडानी मामले में ज्ञापन सौंपने के लिए ईडी जा रहे थे लेकिन सरकार हमको विजय चौक के पास भी जाने नहीं दिया। दिल्ली पुलिस ने हालांकि बाद में विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को ही आगे बढ़ने की इजाजत दे दी और बाकी सांसद वापस लौट गए.विपक्षी सांसदों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय जांच एजेंसी के ऑफिस के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी थी। इस प्रदर्शन में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस शामिल नहीं हुई थी।

विपक्ष के नेताओं को पुलिस ने विजय चौक पर ही रोक लिया। उन्होंने कहा कि आगे धारा 144 लागू है इसलिए आप नहीं जा सकते

अजय सिंगल, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/नई दिल्ली – 15 मार्च :

अडानी मामले में सरकार को घेरने के लिेए 17 विपक्षी दलों के करीब 200 सांसदों ने एकसाथ संसद भवन से लेकर ईडी कार्यालय तक मार्च निकाला, लेकिन धारा 144 का हवाला देते हुए पुलिस ने उन्हें बीच में विजय चौक पर ही रोक लिया। सांसदों को रोकने के लिए पुलिस ने तीन लेयर की बेरिकेडिंग की थी। बीच में रोके जाने से गुस्साए सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि, सरकार ने 200 सांसदों को रोकने के लिए 2000 पुलिस वाले लगाए हैं। उन्होंने कहा कि वह सभी विपक्षी सांसदों के साथ ईडी के दफ्तर पर जाकर मेमोरेंडम देना चाहते थे लेकिन हमें बीच में ही रोक दिया गया। 

इधर, सुबह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर विपक्ष के 16 नेताओं ने बैठक की। आज ही राहुल गांधी विदेश से लौटे और एक बार फिर अडाणी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। इधर, सत्र स्थगित होते ही विपक्ष के नेता ED ऑफिस पर प्रदर्शन के लिए निकले हालांकि पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक लिया।

ईडी मुख्यालय के लिए संसद भवन से निकलने के बाद ही पुलिस ने विजय चौक पर विपक्षी सांसदों को रोका। पुलिस ने विजय चौक के निकट अवरोधक लगा रखे थे।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम अडानी समूह के घोटाले के मामले में ज्ञापन देने के लिए ईडी निदेशक से मिलने जा रहे थे, लेकिन सरकार ने हमें रोक लिया और विजय चौक तक भी जाने नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मामले पर ईडी के समक्ष विस्तृत पक्ष रखना चाहता है और आगे जाने की कोशिश करेगा।

राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने आरोप लगाया कि यह तानाशाही सरकार है और यह विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है।

कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल ने अडानी समूह के खिलाफ तीन पृष्ठों का ज्ञापन तैयार किया है जिसमें ‘शेल’ कंपनियों समेत कई आरोप लगाए गए हैं।

विपक्षी दलों के मार्च से पहले, खरगे के संसद भवन परिसर स्थित कार्यालय में विपक्षी दलों के नेताओं ने अडानी समूह से जुड़े मुद्दे पर अपनी संयुक्त रणनीति में समन्वय के लिए एक बैठक की।

तृणमूल कांग्रेस विपक्षी दलों के इस मार्च का हिस्सा नहीं थी। उसके सांसदों ने घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) की कीमतों में वृद्धि को लेकर संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया।

अमेरिकी वित्तीय शोध संस्था ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट आने के बाद से ही अडानी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमलावर विपक्षी दलों के सदस्यों की मांग है कि इस मुद्दे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाए।

उल्लेखनीय है कि ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ ने अडानी समूह के खिलाफ फर्जी तरीके से लेन-देन और शेयर की कीमतों में हेर-फेर सहित कई आरोप लगाए थे। अडानी समूह ने इन आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा था कि उसने सभी कानूनों और प्रावधानों का पालन किया है।