व्यपारी वर्ग की अपेक्षाओं के प्रतिकूल रहा प्रदेश का आम बजट: अनिल भाटिया
सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, यमुनानगर 01 मार्च :
हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष अनिल भाटिया ने प्रदेश के आम बजट तथा बुधवार को कमर्शियल सिलेंडर व घरेलू गैस सिलेंडर के दामों में हुई बढ़ोतरी पर चिंता जताते हुए कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार द्वारा पेश किया गया आम बजट आम न होकर एक अलग ही तरह का बजट है।
भाटिया ने बताया कि केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा पेश किए गए दोनों बजट यदि ख़ास वर्ग के बजट का नाम लिया जाए तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी क्योंकि केंद सरकार का बजट पूंजीपतियों के हित में दिखाई दे रहा है और प्रदेश सरकार का बजट व्यवस्था सुधार के लिए न होकर जनता को गुमराह करने वाला प्रतीत होता है। भाटिया ने कहा कि आज देश का हर वर्ग महंगाई की मार से जूझ रहा है परंतु प्रदेश व केंद्र सरकार की मंशा बड़े बड़े पूंजीपतियों को बढ़ावा देने तथा छोटे दुकानदारों व व्यपारियों का शोषण करने की स्प्ष्ट दिखाई दे रहा है।
भाटिया ने कहा कि आम बजट में प्रदेश के व्यापारी वर्ग के लिए कोई खास सुविधा नहीं दिखाई दी वहीं यदि किसान वर्ग की बात करें तो देश के लगभग आधे से अधिक जनसंख्या किसानों की है परंतु सरकार ने किसानों के लिए कोई विशेष कदम नहीं उठाया जिसका सीधा असर बाजार में बैठे छोटे व बड़े दुकानदारों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि देश के व्यापार की व्यवस्था हर वर्ग के लोगों पर आधारित है यदि आम जनता व किसान वर्ग के पास पैसा नहीं होगा तो वह बाजार में नहीं आएगा और व्यापारी वर्ग कोरोना काल की भांति पुनः उपेक्षा का शिकार होता दिखाई दे रहा है।
भाटिया ने महंगाई पर बोलते हुए कहा कि बजट के कुछ दिन बाद ही केंद्र सरकार द्वारा घरेलू सिलेंडर व कमर्शियल सिलेंडर के दामों में की गई बढ़ोतरी आम जनमानस व व्यपारियों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रही है। अनिल भाटिया ने बताया कि कमर्शियल सिलेंडर प्रयोग करने वाले दुकानदारों को पहले से ही खाद्य पदार्थों में हुई महंगाई के चलते विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था वहीं कमर्शियल गैस सिलेंडर के रेट बढ़ाकर उन्हें त्रस्त किया जा रहा है।
भाटिया ने मौजूदा सरकार का आह्वान करते हुए कहा कि सत्ता सदैव के लिए नहीं होती परन्तु जनता का वोट स्थाई है और भविष्य में जनता अपने वोट की चोट से करारा जवाब देगी और सरकार द्वारा स्थापित की गई अलोकतांत्रिक व्यवस्था इसके मुख्य कारण होंगे।