पंचांग, 27 फरवरी 2023

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उसकी राशि ही काफी होती है। राशि से उस या अमूक व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में जानना आसान हो जाता है। इतना ही नहीं, ग्रह दशा को अपने विचारों को सकारात्मक रखें, क्योंकि आपको ‘डर’ नाम के दानव का सामना करना पड़ सकता है। नहीं तो आप निष्क्रिय होकर इसका शिकार हो सकते हैं। आपका कोई पुराना मित्र आज कारोबार में मुनाफा कमाने के लिए आपको सलाह दे सकता है, अगर इस सलाह पर आप अमल करते हैं तो आपको धन लाभ जरुर होगा। घरेलू मामलों पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है। आपकी ओर से की गयी लापरावाही महंगी साबित हो सकती है। आपके प्रिय/जीवनसाथी का फ़ोन आपका दिन बना देगा।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 27 फरवरी 2023 :

नोटः आज से होलाष्टक प्रारम्भ हो रहे हैं। आज अन्नपूर्णा अष्टमी है।

Holashtak 2023: होलाष्टक आज से प्रारंभ, 8 दिन नहीं होंगे कोई मांगलिक कार्य  | Holashtak 2023 starts from Today, no auspicious work for 8 days, know  Do's and Don'ts and Everything before Holi - Hindi Oneindia
आज से होलाष्टक प्रारम्भ

आज से होलाष्टक प्रारम्भ हो रहे हैं : आज से होलाष्टक शुरू हो गया है और इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। आज फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है. इस वर्ष 8 मार्च को होली है और होलिका दहन से आठ दिन पहले यानी आज से होलाष्टक की शुरुआत हो गई है।

Annapurna Jayanti 2022: अन्नपूर्णा जयंती पर भूल से किए गए ये काम खाली कर  देंगे अन्नभंडार, नाराज हो जाएंगी मां पार्वती | annapurna jayanti 2022 date  time and shubh muhurat do not
आज अन्नपूर्णा अष्टमी है

आज अन्नपूर्णा अष्टमी है : देवी अन्नपूर्णा को पोषण का देवी माना जाता है। अन्न शब्द अनाज या भोजन को दर्शाता है और पूर्ण का अर्थ संस्कृत में सम्पूर्ण या व्याप्त है। देवी अन्नपूर्णा देवी पार्वती का अवतार हैं। अन्नधान (भोजन) की पूजा और भोजन की पेशकश हिंदू धर्म में बहुत सम्मानित और श्रद्धेय है और इसलिए अन्नपूर्णा पूजा हिंदू पौराणिक कथाओं में महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः फाल्गुन, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः अष्टमी रात्रि कालः 02.22 तक है, 

वारः सोमवार। 

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः रोहिणी की वृद्धि है (जो कि मंगलवार को प्रातः 07.19 तक) है, 

योगः वैधृति सांय काल 04.11 तक, 

करणः विष्टि, 

सूर्योदयः 06.53, सूर्यास्तः 06.15 बजे।

सूर्य राशिः कुम्भ, चंद्र राशिः वृष, 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,