जल आपूर्ति एवं स्वच्छता के जूनियर इंजीनियरों और सहकारिता विभाग के क्लर्कों को नियुक्ति पत्र सौंपे
मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर पंजाबियों को दी बधाई
समूह पंजाबियों को पंजाबी भाषा और सभ्याचार को प्रफुल्लित करने का न्योता
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : नौजवानों को सरकारी नौकरियाँ देने की वचनबद्धता को जारी रखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज जल आपूर्ति एवं स्वच्छता और सहकारिता विभागों के जूनियर इंजीनियरों और क्लर्कों को नियुक्ति पत्र सौंपे, जिसके साथ अब तक 26478 नौजवानों को सरकारी नौकरियाँ दी जा चुकी हैं।
यहाँ म्यूनिसिपल भवन में नौजवानों को नियुक्ति पत्र सौंपते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भवन नियुक्ति पत्र देने के लिए आयोजित किए जाने वाले ऐसे समारोहों का गवाह है जिनमें नौजवानों को विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरियाँ दी जा चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से उन्होंने पद ग्रहण किया है, उनकी सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में 26478 नौजवानों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए।
भगवंत मान ने कहा कि केवल 11 महीनों में इतनी बड़ी संख्या में नौजवानों को सरकारी नौकरियाँ देना राज्य सरकार की वचनबद्धता को दिखाता है।
नए भर्ती हुए नौजवानों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके लिए यह गर्व और सम्मान की बात है कि सभी नौजवानों को केवल मैरिट के आधार पर चुना गया है। उन्होंने कहा कि अब यह नौजवान सरकार के परिवार के सदस्य बन चुके हैं, जिनको समर्पित भावना से लोगों की सेवा करनी चाहिए। भगवंत मान ने उम्मीद ज़ाहिर की कि नए भर्ती हुए उम्मीदवारों की कलम समाज के जरूरतमंद और कमज़ोर वर्गों की मदद करेगी।
आज के समारोह में नियुक्ति पत्र प्राप्त करने के अवसर पर लडक़ों की अपेक्षा लड़कियों की संख्या अधिक होने पर स्ंतुष्टी प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महिला सशक्तिकरण की लहर को दिखाता है। उन्होंने कहा कि यह बड़े गर्व की बात है कि लड़कियाँ इन परीक्षाओं को सख़्त मेहनत और लगन से पास कर रही हैं। भगवंत मान ने उम्मीद अभिव्यक्त की कि इससे समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा।
भ्रष्टाचार को ‘मानसिक रोग’ बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों का लालच कभी ख़त्म नहीं होता। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने भ्रष्टाचार और भ्रष्ट नेताओं के साथ कोई लिहाज़ न बरतने की नीति अपनाई हुई है। भगवंत मान ने कहा कि भ्रष्टाचार करने वालों के खि़लाफ़ सख़्त कार्रवाई की जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर पंजाबियों को शुभकामनाएँ देते हुए मुख्यमंत्री ने मातृभाषा के महत्व संबंधी प्रकाश डालते हुए कहा कि राज्य भर के सभी साईन बोर्डों (दिशा सूचक) पर पंजाबी को पहल देने की विशेष मुहिम को और बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वैसे तो बहुत से दुकानदार पहले ही साईन बोर्डों में पंजाबी को प्राथमिकता देते हैं, परन्तु बाकी रहते दुकानदारों को भी साईन बोर्डों में पंजाबी को प्राथमिकता देने के लिए राज़ी कर लिया जाएगा। भगवंत मान ने कहा कि जो छोटे दुकानदार साईन बोर्डों को बदलने की क्षमता नहीं रखते, उनके साईन बोर्ड बदलने को राज्य सरकार सुनिश्चित बनाएगी।
मुख्यमंत्री ने भारत और विश्व के अलग-अलग हिस्सों में बसने वाले पंजाबी भाईचारे को भी पंजाबी भाषा और सभ्याचार को बड़े स्तर पर प्रफुल्लित करने का न्योता दिया। भगवंत मान ने कहा कि यह हकीकत है कि कोई भी व्यक्ति अपनी समृद्ध संस्कृति और मातृभाषा से वंचित होकर अपनी होंद नहीं बचा सकता। उन्होंने कहा कि बिना शक अंग्रेज़ी को विश्व भर में संचार करने की भाषा के तौर पर मान्यता प्राप्त है, परन्तु इस भाषा को हमारी मातृभाषा की कीमत और रुतबे पर प्रफुल्लित नहीं किया जाना चाहिए। इसकी बजाय हरेक पंजाबी को विरासत में मिले गौरवमयी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व महसूस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब महान गुरूओं, संतों, पीरों और शहीदों की धरती है और यह युगों-युगों से मानवता के लिए प्रकाश स्तंभ के रूप में हमारा मार्गदर्शन करता आ रहा है। भगवंत मान ने कहा कि पंजाबियों ने अपनी मेहनत और लगन से दुनिया भर में विशेष स्थान हासिल किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कोई अपनी मातृभाषा को भुला देता है तो इसको श्राप समझा जाता है, परन्तु बदकिस्मती से अंग्रेज़ी और अन्य भाषाओं की चाहत में पंजाब निवासी अपनी मातृभाषा से दूर होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस रुझान पर नकेल कसने की ज़रूरत है, क्योंकि इस तथ्य से मुँह नहीं मोड़ा जा सकता कि मानव अपनी मातृभाषा में ही बढिय़ा ढंग से बातचीत एवं विचार प्रकट कर सकता है। भगवंत मान ने कहा कि बहुत से विदेशी मुल्कों में तो पंजाबी भाषा का प्रयोग किया जा रहा है परन्तु हम किसी न किसी तरह इसको अपने जीवन का हिस्सा बनाने से कतराते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाबी भाषा एक अनमोल खज़़ाना है, क्योंकि इसमें बहुत सारा साहित्य, गीत, कविताएँ और अन्य रचनाएँ लिखी गई हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब हमें इस बेशकीमती खज़ाने को संभालना चाहिए और इसको हमारी आने वाली पीढिय़ों के लिए कायम रखना चाहिए। भगवंत मान ने कहा कि हमें अपनी भाषा, सभ्याचार और परम्पराओं पर गर्व महसूस करना चाहिए।
इससे पहले जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री ब्रम शंकर जिम्पा ने सभी आदरणीयों का स्वागत किया।
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