Panchang

पंचांग, 24 जनवरी 2023

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उसकी राशि ही काफी होती है। राशि से उस या अमूक व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में जानना आसान हो जाता है। इतना ही नहीं, ग्रह दशा को अपने विचारों को सकारात्मक रखें, क्योंकि आपको ‘डर’ नाम के दानव का सामना करना पड़ सकता है। नहीं तो आप निष्क्रिय होकर इसका शिकार हो सकते हैं। आपका कोई पुराना मित्र आज कारोबार में मुनाफा कमाने के लिए आपको सलाह दे सकता है, अगर इस सलाह पर आप अमल करते हैं तो आपको धन लाभ जरुर होगा। घरेलू मामलों पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है। आपकी ओर से की गयी लापरावाही महंगी साबित हो सकती है। आपके प्रिय/जीवनसाथी का फ़ोन आपका दिन बना देगा।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – राशिफल, 24 जनवरी 2023 :

नाटः आज गौरी तृतीया व्रत है। श्री गणेश तिल चतुर्थी व्रत तथा कुन्द चतुर्थी व्रत है।

Gauri Tritiya 2021: आज है गौरी तृतीया, जानें कैसे करें सौभाग्य की कृपा  प्राप्त करने वाला यह व्रत - Gauri Tritiya 2021 Today Know Puja Vidhi And  Significance
गौरी तृतीया व्रत

गौरी तृतीया व्रत :             शक्तिरूपा पार्वती की कृपा प्राप्त करने हेतु सौभाग्य वृद्धिदायक गौरी तृतीया व्रत करने का विचार शास्त्रों में बताया गया है। इस वर्ष यह व्रत 24 जनवरी, 2023 को किया जाना है।  माघ मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन इस व्रत को किया जाता है. शुक्ल तृतीया को किया जाने वाला यह व्रत शिव एवं देवी पार्वती की असीम कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। विभिन्न कष्टों से मुक्ति एवं जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त करने के लिए इस व्रत की महिमा का बखान पूर्ण रुप से प्राप्त होता है। इस व्रत का उद्धापन कर देना चाहिए। देवी गौरी सभी की मनोकामना पूर्ण करें।

                        गौरी तृतीया शास्त्रों के कथन अनुसार इस व्रत और उपवास के नियमों को अपनाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।  स्त्रियों को दांपत्य सुख व संतान सुख की प्राप्ती कराता है। गौरी तृतीया व्रत की महिमा के संबंध में पुराणों  में उल्लेख प्राप्त होता है जिसके द्वारा यह स्पष्ट होता है कि दक्ष को पुत्री रुप में सती की प्राप्ति होती है। सती माता ने भगवान शिव को पाने हेतु जो तप और जप किया उसका फल उन्हें प्राप्त हुआ।

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श्री गणेश तिल चतुर्थी व्रत तथा कुन्द चतुर्थी व्रत

श्री गणेश तिल चतुर्थी व्रत तथा कुन्द चतुर्थी व्रत :                         माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को तिलकुंद/तिलकूट चतुर्थी का व्रत किया जाता है। इस बार यह व्रत कल यानि 28 जनवरी को मनाया जा रहा है। इस दिन विशेष रूप से भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाती है। बहुत से लोग इस दिन व्रत करके भगवान को प्रसन्न करते हैं। पुराणों में भीगणेश चतुर्थीका विशेष महत्व बताया गया है, खासकर महिलाओं के लिए इस व्रत को उपयोगी माना गया है। शास्त्रों में वर्णित है कि जो लोग नियमित रूप से विघ्नहर्ता भगवान श्रीगणेश की पूजा-अर्चना करते हैं, उनके जीवन से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। तिलकुंद चतुर्थी के दिन व्रत रखकर भगवान श्रीगणेश का पूजन करने से सुख-समृद्धि, धन-वैभव तथा आत्मीय शांति की प्राप्ति होती है। आज हम आपको इसकी पूजन विधि के बारे में बताने जा रहे हैं। 

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः माघ, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः तृतीया अपराहन् काल 03.23 तक है, 

वारः मंगलवार। 

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन, मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।

नक्षत्रः शतभिषा, रात्रि कालः 09.58 तक है, 

योगः वरीयान रात्रिकाल काल 09.36 तक, 

करणः गर, 

सूर्य राशिः मकर, चंद्र राशिः कुम्भ, 

राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 07.17, सूर्यास्तः 05.50 बजे।