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पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क, 29 दिसम्बर 22 :

नोटः मार्तण्ड सप्तमी है।

Martand Saptami 2020: मार्तण्ड सप्तमी को करें सूर्य आराधना मिलेगा ऐसा फल - Martand  Saptami 2020: Do worship of Sun on occasion of Martand Saptami You will get  such a boon
मार्तण्ड सप्तमी

मार्तण्ड सप्तमी : सूर्य भगवान आदि देव हैं अत: इन्हें आदित्य कहते हैं, इसके अलावा अदिति के पुत्र के रूप में जन्म लेने के कारण भी इन्हें इस नाम से जाना जाता है। सूर्य के कई नाम हैं जिनमें मार्तण्ड भी एक है जिनकी पूजा पौष मास में शुक्ल सप्तमी को होती है। 29 दिसंबर 2022 को मार्तण्ड सप्तमी मनाई जाएगी। सूर्य देव का यह रूप बहुत ही तेजस्वी है यह अशुभता और पाप का नाश कर उत्तम फल प्रदान करने वाला है। इस दिन सूर्य की पूजा करने से सुख सभाग्य एवं स्वास्थ्य लाभ मिलता है।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः पौष, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः सप्तमी सांयः 07.18 तक है, 

वारः गुरूवार। 

विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः पूर्वाभाद्रपद, प्रातः कालः 11.44 तक है, 

योगः व्यातिपात प्रातः काल 11.45 तक, 

करणः गर, 

सूर्य राशिः धनु, चन्द्र राशि :  मीन, 

राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 07.17, सूर्यास्तः 05.29 बजे। 

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