पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क, 24 दिसम्बर 22 :
नोटः आज आरोग्य व्रत है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है उत्तम आरोग्य के लिए रखे जाने वाले व्रत को ‘आरोग्य व्रत’ के नाम से जाना जाता है। इसे पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया के दिन करने का विधान है। जो इस साल 11 जनवरी सोमवार यानी आज है। यह पौष मास से आरंभ होकर मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को पूर्ण होता है। हमारे धर्मग्रंथों में पौष मास की गणना उत्तम मासों में की गई है। इस दिन सूर्यास्त के बाद गोशृंगोदक यानी गायों के सींगों को धोये गये जल से स्नान करके श्वेत वस्त्र धारण कर बालेंदु यानी द्वितीया के चंद्रमा की पूजा की जाती है।
विक्रमी संवत्ः 2079,
शक संवत्ः 1944,
मासः पौष,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः प्रतिपदा दोपहरः 12.07 तक है,
वारः शनिवार।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।
नक्षत्रः पूर्वाषाढ़ा, रात्रिकाल कालः 10.16 तक है,
योगः वृद्धि प्रातः काल 09.26 तक,
करणः बव,
सूर्य राशिः धनु, चन्द्र राशि धनु,
राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्योदयः 07.15, सूर्यास्तः 05.26 बजे।