घने कोहरे में चल रही एक्सप्रेस मेल सुपरफास्ट गाड़ियां 2 से 3 घंटे लेट चल रही हैं। इन लेट होती एक्सप्रेस गाड़ियों को चलाने के चक्कर में रेल प्रशासन नजदीक चलने वाली यात्री गाड़ियों को रोकते हैं और समय पर नहीं चलाते।
करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरतगढ़ :
कोहरे में पिटकर लेट हो चुकी मेल एक्सप्रेस को पहले गुजारते हैं और सही समय पर यात्री गाड़ी को रवाना करने के बजाय रोक लेते हैं। इससे यात्री गाड़ियां भी लेट कर दी जाती हैं। इससे आसपास पहुंचने वाले यात्रियों को बेवजह ही लेट होना पड़ता है और उनको अनेक प्रकार के नुकसान भी सहन करने पड़ते हैं।
रेल विभाग ने पहले घोषणा की थी कि कोहरे के अंदर दिखाई देने वाले उपकरण उनके पास उपलब्ध है। ऐसे उपकरणों के कुछ एक्सप्रेस गाड़ियों में लगाए जाने के समाचार भी थे। जब ऐसी सुविधा है तब रेलों का लेट होना रेलों के विकास पर बड़ा सवाल पैदा करता है। अब ऐसी क्या बात हो गई है की कोहरे में एक्सप्रेस मेल आदि दो-तीन घंटे लेट हो जाती हैं।
यदि रेलवे के पास में इसका कोई उचित हल नहीं है तो यह हल निकाला जाना चाहिए। उत्तर भारत में अधिक कोहरा पड़ता है इसलिए उत्तर भारत के रेलवे जोनों में रेलों के समय में कुछ परिवर्तन किया जाना चाहिए। रेलों को एक-दो घंटे पहले रवाना किया जाना चाहिए।
जिन स्थानों पर कोहरा नहीं पड़ता हो वहां पर ट्रेनों को कुछ तेज गति दी भी जा सकती है। इस तरह दो-तीन घंटों की लेट नहीं होगी। यात्री दूर के गंतव्य स्टेशन पर उचित समय में ही पहुंच सकेंगे। पैसेंजर गाड़ियां समय पर निकाली जानी चाहिए मुख्य स्टेशनों जंक्शन आदि पर उन्हें रोका जाना पूरी तरीके से अनुचित है। इससे यात्रियों को अनेक परेशानियां होती है। रेल यात्री समितियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए और तुरंत रेल मंत्रालय से मांग भी करनी चाहिए।