जेएनवी ओढ़ा की छात्राओं हिमानी, कृतिका व रमनप्रीत ने राष्ट्रीय स्तर पर परचम लहराया 

डिम्पल अरोड़ा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, कालावाली – 20 दिसंबर :

             जवाहर नवोदय विद्यालय ओढ़ा की छात्राओं ने राष्ट्रीय  लेवल विद्यार्थी विज्ञान मंथन प्रतियोगिता में परचम लहराया है। कक्षा दसवीं की छात्राओं ने पहले तीन स्थानों पर कब्जा करके जिले व स्कूल का नाम रौशन किया है। नवोदय विद्यालय के विज्ञान अध्यापक गौतम खत्री ने बताया कि विद्यार्थी विज्ञान मंथन नए भारत के लिए राष्ट्रीय विज्ञान प्रतिभा खोज कार्यक्रम है। जिसका आयोजन विज्ञान भारती, विज्ञान प्रसार भारत सरकार के विज्ञान एवम प्रोद्योगिकी विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्था तथा एनसीईआरटी शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से आयोजित करवाया जाता है।

            राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित हुई इस प्रतियोगिता में नवोदय विद्यालय सहित अनेक स्कूलों के विद्यार्थियों ने भाग लिया। जिसमें जेएनवी ओढ़ा कक्षा दसवीं की छात्रा  नुहियांवाली निवासी हिमानी ने पहला स्थान, बालसमंद निवासी कृतिका श्योराण ने दूसरा व रमनप्रीत ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है।

            गौरतलब है कि हिमानी व कृतिका श्योराण ने पिछले तीन सालों से लगातार इस प्रतियोगिता में पहला व दूसरा स्थान हासिल करके हैट्रिक लगाई है। छात्राओं ने इस सफलता का श्रेय साइंस विभाग के अध्यापकों संदीप कुमार, गौतम खत्री व मीनू जुनेजा सहित स्टाफ सदस्यों को दिया है। विद्यालय के विज्ञान अध्यापक गौतम खत्री ने आगे बताया कि हमारे स्कूल की छात्राएं होनहार है और विज्ञान के प्रति काफी जागरूक है।

            राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल करना स्कूल के लिए गौरव की बात है और ऐसे मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा ताकि वे दूसरे विद्यार्थियों के प्रेरणा बन सके। ऐसी परीक्षाएं आयोजित करवा कर भारत सरकार का बच्चो को विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाना है और राष्ट्र स्तर पर विजेता विद्यार्थियों को इसरो व डीआरडीओ में भ्रमण कर घूमने व नई जानकारी हासिल करने का का मौका मिलेगा।

बच्चों को बिगाड़ रहा स्कूलों के बाहर सरेआम बिकता नशा अब स्कूलों के बाहर तंबाकू नहीं बिकेगा

            सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 की धारा 6 के अनुसार किसी भी शैक्षणिक संस्थान के 100 गज की परिधि के भीतर नशीले पदार्थ खरीद और बेच नहीं हो सकती। वहीं 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को सिगरेट, तंबाकू व अन्य उत्पादों को बेचना गैर-कानूनी है। जबकि चंडीगढ़ के कॉलोनी और गांवों के स्कूलों के पास तंबाकू, गुटखा, सिगरेट सरेआम बिक रहा है। सरकार के नियम सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं। जमीनी धरातल पर स्कूलों के बाहर दुकानों पर ही बच्चों को नशा बेचा जा रहा है।

स्कूल के पास बीड़ी, सिगरेट बेच रहे दुकानदार नपे

अजय सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

            चंडीगढ़ पुलिस ने नशे के खिलाफ अभियान शुरू किया है। इस अभियान में शहर के स्कूल और कालेजों के स्टूडेंट्स को भी साथ जोड़ा गया है। अभियान के तहत शहर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में अवेयरनेस कैंप लगाकर स्टूडेंट्स को नशे के खिलाफ जागरूक किया जा रहा है। वहीं स्टूडेंट्स भी इस कैंपेन में हिस्सा लेने के लिए आगे आ रहे हैं। 

            वहीं कहा गया है कि तंबाकू फ्री एजुकेशनल इंस्टीट्यूट गाइडलाइंस रिवाइज्ड (ToFEI), 2020 को लागू किया जाए। बीते 18 दिसंबर को चाइल्ड पार्लियामेंट में उठा था मुद्दा।


            एजुकेशन सेक्रेटरी ने जारी आदेशों में कहा है कि स्कूलों के आसपास सरप्राइज चेकिंग की जाए। इसकी जानकारी चंडीगढ़ पुलिस के साथ भी सांझी की जाए ताकि पुलिस का सहयोग लिया जा सके। बता दें कि चाइल्ड पार्लियामेंट में पैनलिस्ट रहे समाजसेवी अमित शर्मा ने चंडीगढ़ के एडवाइजर, DGP, SSP और एजुकेशन सेक्रेटरी को लेटर लिख मामले में कार्रवाई मांगी थी। चंडीगढ़ अर्बन फेस्टिवल और डोन बोस्को नवजीवन सोसाइटी की ओर से यह चाइल्ड पार्लियामेंट आयोजित की गई थी।


            बता दें कि चंडीगढ़ में कुल 113 गवर्नमेंट स्कूल हैं और इनमें से 43 सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं। 54 हाई स्कूल और 12 मिडिल स्कूल हैं। इसके अलावा 4 प्राइमरी स्कूल हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ने भी देश में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ToFEI के दिशा-निर्देशों की सख्ती से पालना करने के आदेश दिए थे।

            लेटर में कहा गया था कि शहर भर से बच्चे सवाल कर रहे हैं कि स्कूलों के बाहर ड्रग बेची जा रही है। वहीं स्कूलों में डम्मी दाखिले किए जा रहे हैं। कुछ परिजन बच्चों के साथ होने वाली दुर्व्यवहार की घटनाओं में उनकी आवाज को दबा रहे हैं। ऐसे में स्कूलों के बाहर चैकिंग बढ़ा कर ड्रग संकट से बच्चों को बचाया जाए।

            वहीं मांग की गई थी कि पुलिस और शिक्षा विभाग के सीनियर अफसर स्कूलों में बच्चों से मिले और उनकी सुरक्षा एवं शिक्षा से जुड़े मुद्दों को समझें। इससे बच्चों में विश्वास पैदा होगा।

कोहरे में लेट एक्सप्रेस गाड़ियों को चलाने वास्ते समय पर नहीं चलाते पैसेंजर गाड़ियां

                        घने कोहरे में चल रही एक्सप्रेस मेल सुपरफास्ट गाड़ियां 2 से 3 घंटे लेट चल रही हैं।  इन लेट होती एक्सप्रेस गाड़ियों को चलाने के चक्कर में रेल प्रशासन नजदीक चलने वाली यात्री गाड़ियों को रोकते हैं और समय पर नहीं चलाते।

करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरतगढ़ :

            कोहरे में पिटकर लेट हो चुकी मेल एक्सप्रेस को पहले गुजारते हैं और सही समय पर यात्री गाड़ी को रवाना करने के बजाय रोक लेते हैं। इससे यात्री गाड़ियां भी लेट कर दी जाती हैं। इससे आसपास पहुंचने वाले यात्रियों को बेवजह ही लेट होना पड़ता है और उनको अनेक प्रकार के नुकसान भी सहन करने पड़ते हैं।

            रेल विभाग ने पहले घोषणा की थी कि कोहरे के अंदर दिखाई देने वाले उपकरण उनके पास उपलब्ध है। ऐसे उपकरणों के कुछ एक्सप्रेस गाड़ियों में लगाए जाने के समाचार भी थे। जब ऐसी सुविधा है तब रेलों का लेट होना रेलों के विकास पर बड़ा सवाल पैदा करता है। अब ऐसी क्या बात हो गई है की कोहरे में एक्सप्रेस मेल आदि दो-तीन घंटे लेट हो जाती हैं।

            यदि रेलवे के पास में इसका कोई उचित हल नहीं है तो यह हल निकाला जाना चाहिए। उत्तर भारत में अधिक कोहरा पड़ता है इसलिए उत्तर भारत के रेलवे जोनों में रेलों के समय में कुछ परिवर्तन किया जाना चाहिए। रेलों को एक-दो घंटे पहले रवाना किया जाना चाहिए। 

            जिन स्थानों पर कोहरा नहीं पड़ता हो वहां पर ट्रेनों को कुछ तेज गति दी भी  जा सकती है। इस तरह दो-तीन घंटों की लेट नहीं होगी। यात्री दूर के गंतव्य स्टेशन पर उचित समय में ही पहुंच सकेंगे। पैसेंजर गाड़ियां समय पर निकाली जानी चाहिए मुख्य स्टेशनों जंक्शन आदि पर उन्हें रोका जाना पूरी तरीके से अनुचित है। इससे यात्रियों को अनेक परेशानियां होती है। रेल यात्री समितियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए और तुरंत रेल मंत्रालय से मांग भी करनी चाहिए।

डॉ.मनसुख मांडविया ने पूरे विश्व में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए निगरानी

  • रोकथाम व प्रबंधन के लिए कोविड – 19 की स्थिति और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारी की समीक्षा 

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 21 दिसम्बर :

            केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कुछ देशों में कोविड-19 मामलों की संख्या में हालिया उछाल को देखते हुए आज भारत में कोविड-19 की स्थिति और इसकी निगरानी, रोकथाम व प्रबंधन को लेकर सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ.भारती प्रवीण पवार, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी. के. पॉल, वरिष्ठ अधिकारी और लोक स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञ उपस्थित थे।इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को वैश्विक कोविड-19 स्थिति और घरेलू परिदृश्य के बारे में जानकारी दी गई।

            डॉ. मांडविया ने विश्व के चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस और अमेरिका जैसे कुछ देशों में कोविड-19 मामलों की बढ़ती संख्या से उत्पन्न चुनौती को रेखांकित किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने विशेष रूप से त्यौहारों के आगामी सीजन को देखते हुए कोविड-19 के नए और उभरते रूप के खिलाफ तैयार और सतर्क रहने के महत्व पर जोर दिया। केंद्रीय मंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि कोविड अभी समाप्त नहीं हुआ है। इसे देखते हुए उन्होंने अधिकारियों को पूरी तरह से तैयार रहने और निगरानी को मजबूत करने का निर्देश दिया। उन्होंने लोगों से कोविड उपयुक्त व्यवहार का अनुपालन करने और कोविड के टीके लगवाने का अनुरोध किया।

            डॉ. मनसुख मांडविया ने देश में सक्रिय नए वेरिएंट, अगर कोई हो, का समय पर पता लगाने को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय सार्स सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) नेटवर्क के माध्यम से वेरिएंट्स की निगरानी करने के लिए संक्रमित मामलों के नमूने के पूरे जीनोम सिक्वेंसिंग (अनुक्रमण) के लिए निगरानी प्रणाली को मजबूत करने का निर्देश दिया। इससे उचित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय करने में सुविधा होगी। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे सभी कोविड-19 संक्रमित मामलों के नमूने को सिक्वेंसिंग के लिए दैनिक आधार पर आईएनएसएसीओजी जीनोम सीक्वेंसिंग प्रयोगशाला (आईजीएसएल) को भेजें, जिससे नए वेरिएंट, अगर कोई हो, का पता लगाया जा सके।

            एक प्रस्तुति के माध्यम से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को यह जानकारी दी गई कि 19 दिसंबर, 2022 को समाप्त सप्ताह में भारत में संक्रमित मामलों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। दैनिक आधार पर यह संख्या घटकर 158 हो गई है। हालांकि, पिछले 6 हफ्तों से वैश्विक दैनिक औसत मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बीते 19 दिसंबर, 2022 को समाप्त सप्ताह में 5.9 लाख दैनिक औसत मामले दर्ज किए गए हैं। चीन में कोविड संक्रमणों के व्यापक उछाल के पीछे ओमिक्रॉन वेरिएंट का एक नया और अत्यधिक संक्रमणीय रुप बीएफ.7 पाया गया है।

            इससे पहले जून, 2022 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने “कोविड-19 के संदर्भ में संशोधित निगरानी रणनीति के लिए परिचालन दिशा-निर्देश” जारी कर दिया था। इसमें नए सार्स-सीओवी-2 वेरिएंट के प्रकोप का पता लगाने और उसे रोकने के लिए संदिग्ध और पुष्ट मामलों का शीघ्र पता लगाने, अलगाव, परीक्षण और समय पर प्रबंधन का आह्वाहन किया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को इसका प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

            इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव श्री राजेश भूषण, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय सूद, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. आर एस गोखले, आयुष के सचिव श्री राजेश कोटेचा, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव डॉ. राजीव बहल, डीजीएचएस के डॉ. अतुल गोयल, मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री लव अग्रवाल और टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के कोविड कार्यकारी समूह के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा उपस्थित थे।

कैबिनेट सब-कमेटी की तरफ से भूमि रहित मज़दूरों और ठेका कर्मचारियों की जायज़ माँगों के हल के लिए विचार-विमर्श

हरपाल सिंह चीमा, अमन अरोड़ा और कुलदीप धालीवाल ने अलग-अलग यूनियनों और ऐसोसीएशनों के नुमायंदों को हमदर्दी से सुना 

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

              कैबिनेट सब-कमेटी, जिसमें वित्त और योजना मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा, आवास निर्माण और शहरी विकास मंत्री अमन अरोड़ा और ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल शामिल हैं, की तरफ से ठेका कर्मचारियों, विमुक्त जातियों और भूमि रहित मज़दूरों से सम्बन्धित अलग-अलग यूनियनों और ऐसोसीएशनों के नुमायंदों के साथ मीटिंगें की गई जिससे उनकी सभी जायज़ माँगों को हमदर्दी से विचार करके उनको हल किया जा सके।
 
              ठेका मुलाज़िम संघर्ष मोर्चा, ज़मीन प्राप्ति संघर्ष कमेटी और गज़टिड और नान-गज़टिड एस. सी. बी. सी. इम्पलाईज़ वैल्लफेयर फेडरेशन, पंजाब की माँगों के हल के लिए गठित की गई इस कैबिनेट सब-कमेटी की यह पहली मीटिंग थी।

              सब-कमेटी ने पंजाब भवन में तीन घंटे से अधिक समय तक चली चरणबद्व मीटिंगों के दौरान अलग-अलग यूनियनों और ऐसोसीएशनें के नुमायंदों की तरफ से उठाए मुद्दों को गंभीरता से सुना।

              ज्यादातर मसलों को सकारात्मक ढंग से हल करने की दिशा की तरफ आगे बढ़ते हुये सब-कमेटी ने सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को इन यूनियनों और ऐसोसीएशनों के नुमायंदों के साथ मीटिंगें करके उनके मसलों को जल्दी हल करने की हिदायत की।

              सब-कमेटी की तरफ से यूनियनों को भरोसा देते हुये कहा कि मुख्यमंत्री  भगवंत मान ने उनको इन वर्गों के हितों को ध्यान में रखते हुए मसलों का उपयुक्त हल ढूँढने के निर्देश दिए हैं। मीटिंगों में सम्बन्धित विभागों और एल. आर. शाखा के सीनियर अधिकारियों ने भी शिरकत की जिससे मुद्दों के हल में आने वाली कानूनी अड़चनों का जल्द निपटारा यकीनी बनाया जा सके।

              सब-कमेटी ने इन यूनियनों के साथ आगामी मीटिंग अगले साल जनवरी में करने का फ़ैसला किया। सुखद माहौल में हुई यह मीटिंगें सकारात्मक माहौल में समाप्त हुई।

              सब-कमेटी की तरफ से गई मीटिंगों में से एक में सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक मंत्री डा. बलजीत कौर और विधायक कुलवंत सिंह बाज़ीगर भी उपस्थित थे।

पंजाब विधान सभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां द्वारा बवाना में कूड़े से बिजली पैदावार के प्रोजैक्ट दिल्ली एम. एस. डब्ल्यू सल्यूशनस लिमटिड का दौरा 

  • पंजाब में कूड़े की समस्या और इससे होते प्रदूषण से निजात पाने के लिए अपनायी जाएंगी आधुनिक तकनीकें – संधवां  
  • कुलतार सिंह संधवां और राज्य सभा मैंबर संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने ओल्ड राजिन्दर नगर स्थित कूड़ा प्रबंधन प्रोजैक्ट भी देखा 

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

            पंजाब विधान सभा के स्पीकर  कुलतार सिंह संधवां की तरफ से यहाँ के बवाना औद्योगिक क्षेत्र में कूड़े से आधुनिक तकनीकों के ज़रिये बिजली पैदावार और खाद तैयार करने वाले प्रोजैक्ट दिल्ली एम. एस. डब्ल्यू सल्यूशनस लिमटिड का दौरा किया गया।  संधवां की तरफ से यहाँ गीले और सूखे कूड़े को अलग करने से लेकर इससे बिजली पैदावार, खाद तैयार करने और अवशेष को वैज्ञानिक तरीके से निर्माण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री में तबदील किये जाने की अलग-अलग प्रक्रियाओं के बारे बारीकी में जानकारी ली गई। इससे पहल संधवां और राज्य सभा मैंबर संत बलबीर सिंह सीचेवाल की तरफ से दिल्ली के ओल्ड राजिन्दर नगर स्थित दिल्ली नगर निगम के कूड़े से खाद तैयार करने वाले कूड़ा प्रबंधन प्रोजैक्ट का भी दौरा किया गया।
            मंगलवार देर शाम किये बवाना प्रोजैक्ट के दौरे के मौके पर मीडिया के साथ बात करते हुये संधवां ने कहा कि कूड़े और इससे पैदा हो रहे प्रदूषण की समस्या से मुल्क के हर शहर को जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि उनका अधिकारियों समेत इस प्रोजैक्ट को देखने का मंतव्य ऐसे प्रोजैक्टों के ज़रिये कूड़े से बिजली पैदा करने, खाद पैदावार और वेस्ट से निर्माण सामग्री तैयार होने की तकनीकों को जानना था जिससे ऐसी तकनीकों को पंजाब के कस्बों और बड़े शहरों की आबादी और अन्य ज़रूरतों अनुसार कूड़े और इससे पैदा होते वातावरण के कारकों से छुटकारा पाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस दौरे का मंतव्य यह अध्ययन करना है कि पंजाब के कस्बों और शहरों की स्थानीय ज़रूरतों अनुसार किस तरह की तकनीक कारगर हो सकेगी और राज्य के इस क्षेत्र में पहले चल रहे प्रोजेक्टों को और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है।

            री-सस्टेनबिलिटी की तरफ से दिल्ली नगर निगम के साथ मिल कर सार्वजनिक निजी हिस्सेदारी (पी. पी. पी.) के ज़रिये चलाये जा रहे इस प्रोजैक्ट के बारे जानकारी देते प्रोजैक्ट के  वाईस प्रैज़ीडैंट डी. पी. सिंह ने बताया  कि 100 एकड़ में चल रहे इस प्रोजैक्ट के द्वारा 2500 मीट्रिक टन कूड़े की रोज़ाना प्रोसैसिंग की जाती है और इस प्रोजैक्ट की बिजली पैदावार क्षमता 24 मेगावॉट है। उन्होंने बताया कि 2.5 लाख टन खाद पैदा करके अलग-अलग कंपनियों को बेची जा चुकी है।

            इससे पहले संधवां और संत सीचेवाल ने ओल्ड राजिन्दर नगर में प्रोजैक्ट के दौरे के समय कहा कि उनका उद्देश्य पंजाब में कूड़े की समस्या और इससे पैदा होते प्रदूषण से छुटकारा पाने और वहां हो रहे काम को और वैज्ञानिक बनाना है। इस मौके पर फरीदकोट के डिवीजनल कमिशनर चन्द्र गेंद, डिप्टी कमिशनर फरीदकोट डा. रूही दुग्ग, दिल्ली नगर निगम के चीफ़ इंजीनियर दिनेश यादव, मनप्रीत सिंह मणी धालीवाल पी. आर. ओ स्पीकर, निजी सहायक शिवजीत संघा, अमरिन्दर सिंह ई. ओ नगर कौंसिल कोटकपूरा, सुखदीप सिंह धालीवाल जे. ई और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

पंजाब ने स्वास्थ्य क्षेत्र में एक और उपलब्धि की हासिल, राज्य में स्वास्थ्य और तंदरुस्ती केंद्र खोलने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने सम्मानित किया : स्वास्थ्य मंत्री 

केंद्र सरकार ने पंजाब के स्वास्थ्य ढांचे में हो रहे सुधार को दी मान्यता: चेतन सिंह जौड़ामाजरा 

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : 

              पंजाब अपने स्वास्थ्य सूचकों में लगातार सुधार कर रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र में पंजाब को अग्रणी राज्य बनाने सम्बन्धी पंजाब सरकार के संकल्प के अंतर्गत पिछले आठ महीनों से किये जा रहे यत्नों के नतीजे सामने आने लगे हैं क्योंकि पंजाब स्वास्थ्य के क्षेत्र में केंद्र सरकार की मान्यता हासिल कर रहा है। ऐसी एक मान्यता के अंतर्गत, पंजाब को यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज दिवस के मौके पर दिसंबर-2022 के लिए निर्धारित समय-सीमा से पहले स्वास्थ्य और तंदरुस्ती केंद्र ( एच. डब्ल्यू. सीज़) खोलने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सम्मानित किया गया है।

              इस उपलब्धि संबंधी और जानकारी देते हुये स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने बताया कि भारत सरकार की तरफ से दिसंबर-2022 तक 2810 एच. डब्ल्यू. सीज खोलने के निश्चित लक्ष्य के मुकाबले पंजाब ने राज्य में 2989 एच. डब्ल्यू. सीज को सफलतापूर्वक कार्यशील किया है। यह राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सहूलतें प्रदान करने की दिशा की तरफ एक बड़ा कदम है और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए सरकार की तरफ से किये जा रहे यत्नों को उजागर करता है।

              एच. डब्ल्यू. सीज़ के कामकाज संबंधी बोलते हुये जौड़ामाजरा ने कहा कि यह सैंटर प्राइमरी और रोकथाम वाली स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में अहम भूमिका निभाते हैं। यह सैंटर लगभग 5000 की आबादी को देखभाल सेवाएं प्रदान करते हैं और इस सैंटर में एक कम्युनिटी हैल्थ अफ़सर, एक ए. एन. एम., एक हैल्थ वर्कर और आशा वर्कर सेवाएं प्रदान करते हैं। इन्टरनेट सुविधा से लैस यह सैंटर जनता के लिए टैलीमेडीसन नोडल प्वाइंट के तौर पर भी काम करते हैं। इस सैंटर के अधिकार क्षेत्र में रहते 30 साल से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों को सूचीबद्ध किया जाता है और किसी ग़ैर संचारी बीमारी की पहचान के लिए नज़दीकी उच्च स्वास्थ्य संस्था में शक्की व्यक्तियों की जांच की जाती है।

              मंत्री ने इस उपलब्धि को हासिल करने में अहम भूमिका निभाने वाले स्वास्थ्य अधिकारियों की तरफ से जा रही सख़्त मेहनत की प्रशंसा की और उनको भविष्य में भी इसी तरह पंजाब के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सहूलतें प्रदान करने के लिए तनदेही से काम करने के लिए प्रेरित किया।

सडक़ों की रिपेयर और नयी बन रही सडक़ों के मानक को यकीनी बनाया जाये : हरभजन सिंह ई टी ओ

  • लापरवाही करने वाले किसी भी अधिकारी या ठेकेदार को बख़्शा नहीं जायेगा 
  • लोक निर्माण मंत्री ने टंगोरी में हॉटमिक्स प्लांट का किया दौरा और प्लांट की कार्यप्रणाली का लिया जायज़ा

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

              मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से राज्य में चल रहे विकास कामों के मानक को तय मापदण्डों के अनुसार यकीनी बनाने के लिए सख़्त हिदायतें जारी की गई हैं। इसी के चलते लोक निर्माण मंत्री हरभजन सिंह ई. टी. ओ. ने सार्वजनिक कामों के मानक को सुधारने के मंतव्य से टंगोरी में हॉटमिक्स प्लांट का दौरा किया और प्लांट की कार्यप्रणाली का जायज़ा लिया। इस दौरे के दौरान लोक निर्माण विभाग के उच्च अधिकारी भी मौजूद थे।

              लोक निर्माण मंत्री ने कामों के मानक में सुधार लाने के लिए बढ़ी स्पैसीफीकेशनों के इस्तेमाल के लिए सुझाव दिए।

              उन्होंने कामों की लागत को कम करने के लिए रीसाइक्लिंग का अधिक से अधिक प्रयोग करने के लिए भी अधिकारियों को दिशा प्रदान की। मंत्री जी ने कहा कि रीसाइक्लिंग से वातावरण का प्रदूषण भी कम होगा। उन्होंने प्लांट और मौजूदा लेबोरेटरी का भी जायज़ा लिया।

              इस मौके पर बातचीत करते हुये हरभजन सिंह ईटीओ ने कहा कि सरकार की तरफ से विकास कामों के लिए जारी किये जाते फंड लोगों का पैसा है और इसका पारदर्शी तरीकों से प्रयोग करके मानक विकास कार्य यकीनी बनाया जाएँ।

              मंत्री ने साथ ही यह भी हुक्म जारी किये कि राज्य में सडक़ों की रिपेयर और नयी बन रही सडक़ों के मानक को यकीनी बनाया जाये। उन्होंने कहा कि लापरवाही करने वाले किसी भी अधिकारी या ठेकेदार को बख्शा नहीं जायेगा।

डॉ. निज्जर ने जी-20 शिखर सम्मेलन के सम्बन्ध में अमृतसर के सौंदयीकरण की तैयारियों का लिया जायज़ा 

  • कैबिनेट सब कमेटी ने अधिकारियों को सौंदयीकरण के काम समय पर मुकम्मल करने के दिए निर्देश 
  • स्थानीय स्तर पर भी एक सब कमेटी बनाने के लिए डी. सी. अमृतसर को हिदायतें जारी 
  • डॉ. इन्दरबीर सिंह निज्जर की अध्यक्षता अधीन हुई कैबिनेट सब कमेटी की मीटिंग में मैंबर कुलदीप सिंह धालीवाल, हरजोत सिंह बैंस और हरभजन सिंह ने भी की षिरकत 

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

              जी-20 सम्मलेन के लिए की जा रही तैयारियों का जायज़ा लेने के लिए स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. इन्दरबीर सिंह निज्जर के नेतृत्व में कैबिनेट सब कमेटी की मीटिंग म्युनिसिपल भवन चंडीगढ़ में हुई। मीटिंग में कैबिनेट सब कमेटी के मैंबर कुलदीप सिंह धालीवाल, हरजोत सिंह बैंस और हरभजन सिंह भी उपस्थित थे।

              इस सम्बन्धी और जानकारी देते हुये स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. निज्जर ने बताया कि जी-20 सम्मेलन मार्च 2023 में पवित्र नगरी अमृतसर में संभावित तौर पर 15 से 17 मार्च 2023 को होने जा रहा है। इस जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रमुख देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि यह राज्य के लिए बड़े गौरव की बात है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का यह समागम पंजाब में होने जा रहा है।

              कैबिनेट मंत्री डॉ. निज्जर के नेतृत्व वाली कैबिनेट सब-कमेटी ने अमृतसर के सौंदयीकरण सम्बन्धी विकास कामों का जायज़ा लिया और अलग-अलग विभागों के उपस्थित हुए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जी-20 सम्मेलन के सम्बन्ध में अमृतसर के सौंदयीकरण के लिए विकास कामों में कोई कमी नहीं छोड़ी जाये। मंत्री ने अधिकारियों को यह भी कहा कि राज्य के अमृतसर शहर को भारत की तरफ़ से दुनिया के नक्शे पर पेश किया जाना है, इसलिए अमृतसर के सौंदयीकरण के लिए किसी भी तरह की लापरवाही बरतने वाले अधिकारी को बक्शा नहीं जायेगा।

              कैबिनेट मंत्री डॉ. इन्दरबीर सिंह निज्जर के नेतृत्व वाली कैबिनेट सब कमेटी की तरफ से डिप्टी कमिशनर अमृतसर को निर्देश दिए हैं कि अमृतसर के मेयर के नेतृत्व में एक स्थानीय कमेटी बनाई जाये जिससे जी-20 के सम्बन्ध में अमृतसर में करवाए जाने वाले विकास कामों और अन्य तैयारियों का जायज़ा समय-समय पर लिया जा सके।

              उन्होंने बताया कि किये जाने वाले कामों में सडक़ों की मुरम्मत, स्ट्रीट लाईटों के काम, ग्रीन बैल्ट बनाना, गोल्डन गेट को रंग करना, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के काम में सुधार, सायनेज बोर्ड लगाना, बिजली और ट्रैफिक़ लाईटों के काम शामिल हैं।


              डॉ. निज्जर ने आगे बताया कि जी-20 सम्मेलन के लिए अमृतसर शहर के सौंदयीकरण के लिए विकास कामों पर तकरीबन 100 करोड़ रुपए ख़र्च किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस वैश्विक समागम की सफलता के लिए व्यापक स्तर पर प्रबंध किये जाएंगे। स्थानीय निकाय मंत्री ने खुलासा किया कि इस अंतरराष्ट्रीय समागम के साथ जहाँ राज्य विश्व पर्यटन के नक्शे पर उभरेगा वहीं साथ ही निवेश को भी बढ़ावा मिलने की संभावना है।

              उन्होंने इस मौके पर शहर की सुंदरता और प्रारंभिक ढांचा मज़बूत करने के लिए किये जाने वाले कामों के विवरण देते हुये कहा कि जो भी काम किया जायेगा वह केवल प्रोग्राम के लिए नहीं, बल्कि शहर निवासियों की ज़रूरत अनुसार मज़बूत और बढिय़ा गुणवत्ता वाले काम होंगे।

              कैबिनेट सब-कमेटी ने मीटिंग में उपस्थित सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हर हाल में अमृतसर में किये जाने वाले विकास कामों को निर्धारित समय के अंदर मुकम्मल करना यकीनी बनाया जाये।

              इस मौके पर स्थानीय निकाय विभाग के प्रमुख सचिव, श्री विवेक प्रताप सिंह, डायरैक्टर, श्री उमा शंकर गुप्ता, डिप्टी कमिशनर अमृतसर, कमिशनर, नगर निगम, अमृतसर और अन्य अधिकारी शामिल थे।

 हिसार एयरपोर्ट निर्माण के लिए केंद्र सरकार से हमारा समझौता हो चुका है : डिप्टी सीएम

  • दुष्यंत चौटाला बोले, महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाना हरियाणा सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना, मार्च 2023 में तैयार हो जाएगा रनवे

पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार – 21 दिसम्बर :

                        उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा  कि हिसार एयरपोर्ट फंक्शनिंग में है और अब इसे इंटरनेशनल स्टैंडर्ड की ओर बढ़ा रहे हैं। आईजीआई एयरपोर्ट बनने के बाद फ्लाइट कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए 10 साल लग गए थे। आगरा एयरपोर्ट पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिखा जाता है लेकिन केवल एक फ्लाइट आती है। इसी तरह चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर हफ्ते में छह फ्लाइट आती है। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि हिसार एयरपोर्ट निर्माण के लिए केंद्र सरकार से हमारा समझौता हो चुका है।  उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हिसार में महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाना हरियाणा सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए सरकार ने 950 करोड़ रुपए का बजट रखा हुआ है।


                        पत्रकारों के सवाल के जवाब में उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि  अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिसार एयरपोर्ट का विकास किया जा रहा है। हिसार एयरपोर्ट का निर्माणाधीन रनवे 10 हजार फुट का होगा, जो कि अंतरराष्ट्रीय  हवाई अड्डा के अनुरूप है। पिछले डेढ़ वर्ष में रनवे का 99 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया। मार्च 2023  में यह रनवे तैयार हो जाएगा। इस रनवे के साथ-साथ टैक्सी स्टैंड और 23 मीटर चौड़ा टैक्सी-वे, पार्किंग स्टैंड, फायर स्टेशन का निर्माण भी इंटरनेशनल मानकों के हिसाब से किया जा रहा है।                        अत्याधुनिक तकनीक वाली लाइट जिससे रात में भी हवाई जहाज लैंड कर सकते हैं तथा लेटेस्ट टेक्निक वाला एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि द्वितीय चरण का निर्माण होने के बाद एयरपोर्ट के टर्मिनल और एप्रन का निर्माण भी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के स्टैंडर्ड के लिहाज से किया जाना है।

                        हिसार में इंटरनेशनल एयरपोर्ट नहीं, बल्कि एविएशन हब बन कर रहेगा। उन्होंने कहा कि लगभग 7200 एकड़ भूमि में एयरपोर्ट विकसित होगा। 3000 एकड़ में मैन्युफैक्चरिंग हब विकसित करने के लिए जल्द कार्य शुरू किया जाएगा।

                        उन्होंने कहा कि अमृतसर से  लेकर जयपुर तक के सभी यात्रियों के लिए यह एयरपोर्ट लाभकारी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली और नॉर्थ इंडिया की कनेक्टिविटी हिसार में चंडीगढ़ से बेहतर है।