सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर हरियाणा
पूर्व केन्द्रीय मंत्री अम्बाला लोकसभा सांसद रत्नलाल कटारिया ने लोकसभा में मांग रखते हुए कहा कि गीता जयंती के अवसर पर गीता ज्ञान की भूमि कुरुक्षेत्र पर अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 19 नवंबर से 6 दिसंबर 2022 तक मनाया गया,महोदय, आपने भी 19 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में भाग लेकर इस महोत्सव के गौरव को बढ़ाया था। आप गीता ज्ञान स्थली ज्योतिसर स्वयं गए और अपने ज्योतिसर में ही भगवान श्री कृष्ण के विराट स्वरूप के स्थल को देखा। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी कहा है कि श्रीमद भगवत गीता भारत का दुनिया को सबसे प्रेरक उपहार है। कुरुक्षेत्र के मैदान पर कही गई यह अमरवाणी हजारों साल से प्रसांगिक है। गीता धर्म ग्रंथ के साथ जीवन ग्रंथ भी है, जो हमें सेवा और समर्पण के रास्ते विभिन्न समस्याओं के हल दिखाती है।
महोदय, 29 नवंबर को भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू जी ने स्वयं कुरुक्षेत्र में आकर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में भाग लिया, उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता पर हुए एक सेमिनार में गीता के महत्व पर प्रकाश डाला और कर्म करने को ही मानव जीवन का सच्चा कर्तव्य बताया। उन्होंने भागवत गीता में लिखे गए श्लोकों की ओर विश्व के आकर्षित होने का भी जिक्र किया।
महोदय, अब अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव ना केवल भारत में मनाया जा रहा है बल्कि सितंबर मास में कनाडा में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव मनाया गया और वहां की संसद में गीता रखी गई। इसी प्रकार इंग्लैंड में भी वहां की संसद में गीता रखी गई।
महोदय, जिस प्रकार से लोग गीता ज्ञान की ओर आकर्षित हो रहे हैं। मैं, भारत सरकार से मांग करता हूं कि सारे विश्व के सैलानियों को गीता स्थली कुरुक्षेत्र की ओर आकर्षित करने के लिए कुरुक्षेत्र व कुरुक्षेत्र के 48 कोसी क्षेत्र में आवागमन का विश्व स्तरीय ढांचा खड़ा किया जाए। जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर का बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन व हवाई अड्डा शामिल है। हरियाणा सरकार भी अपनी ओर से गीता नगरी कुरुक्षेत्र को उन्नत करने के लिए हजारों करोड रुपए आने वाले समय में खर्च कर रही है। केंद्र सरकार ने भी इसके महत्व को समझते हुए कृष्णा सर्किट बनाया है। मैं, बड़े विश्वास के साथ यह कहना चाहूंगा, कि कुरुक्षेत्र गीता स्थली में विश्व के एक बहुत बड़े पर्यटन स्थल बनने की प्रबल संभावना है और विश्व के कोने कोने में गीता ज्ञान पहुंचाने का एक बेहतरीन अवसर है। मैं, मांग करता हूं कि सारा सदन मिलकर श्रीमद्भागवत गीता के संदेश को दुनिया के कोने कोने में फैलाने के लिए एकजुटता के साथ विचार करें।