Saturday, December 28

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 16 दिसम्बर :

            राष्ट्रपति सचिवालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से भारतीय रेलवे के परिवीक्षाधीनों (प्रोबेशनर) ने आज शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की।

            इस दौरान राष्ट्रपति ने अधिकारियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “रेलवे कई लोगों के लिए वास्तविक जीवन रेखा है,जो दैनिक आधार पर नौकरी या व्यवसाय के लिए अपने कार्यस्थलों पर जाते हैं। भारतीय रेलवे के अधिकारियों के कंधों पर एक बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि वे हर दिन लोगों को आजीविका प्राप्त करने में सहायता करते हैं। कई लोग रोगों के उपचार के लिए यात्रा भी करते हैं। आम लोगों के जीवन में रेलवे की भूमिका हमेशा की तरह महत्वपूर्ण बनी हुई है। रेलवे ने पूरे देश में यात्रा व विचारों और सूचनाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया है।”

            राष्ट्रपति ने कहा कि आज जब भारत राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ रहा है, इस कारण हम व्यक्ति और सामानों की अधिक आवाजाही देख रहे हैं। यह भविष्य में बढ़ने वाला है। इसे देखते हुए भारतीय रेलवे को भी नवीनतम डिजिटल तकनीकों को अपनाना चाहिए और सुरक्षित, समय की बचत, अधिक सुविधाजनक व उच्च गुणवत्ता वाली परिवहन सेवाओं को लेकर उन्नत सुविधाओं की उपलब्धता के लिए नए रास्तों की खोज करनी चाहिए।

            राष्ट्रपति ने आगे कहा, “हम सभी ट्रेन यात्रा से जुड़ी यादें लेकर चलते हैं। यह सुनिश्चित करना भारतीय रेलवे के अधिकारियों का कर्तव्य है कि लोग आरामदायक तरीके से यात्रा करें, जिससे उनके साथ इसकी अच्छी यादें जुड़ी रहें। राष्ट्रपति ने अधिकारियों को दिव्यांग व्यक्ति, महिला व वृद्धजनों की जरूरतों को पूरा करने और उन्हें एक सुरक्षित व सुविधाजनक यात्रा का अनुभव प्रदान करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे को कमियों को दूर करने और एक समावेशी व आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।

            राष्ट्रपति ने कहा कि नई और फिर से उन्नतशील भारत की सोच के अनुरूप भारतीय रेलवे ने बड़ी विकास परियोजनाएं शुरू की हैं। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की लंबाई का 56 फीसदी से अधिक काम पूरा हो चुका है।

            उन्होंने कहा कि इससे कार्य और वहन क्षमता में बढ़ोतरी होगी। इस प्रकार माल परिवहन में क्रांति आएगी और रेल नेटवर्क का रूपांतरण होगा। इन गलियारों के माध्यम से माल ढुलाई लागत और लॉजिस्टिक लागत में भी काफी कमी आएगी। राष्ट्रपति ने आगे बताया कि देश में मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी के लिए प्रधानमंत्री गति शक्ति, तेज गति वाली रेल परियोजनाएं, हाइपरलूप आधारित परिवहन, चार धाम रेल परियोजना, सेतु भारतम् जैसे कार्यक्रम औद्योगिक, वाणिज्यिक और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले हैं। इससे अलावा इनसे संसाधनों के समान वितरण को भी काफी बढ़ावा मिलेगा।