पत्रकारिता निश्चित और निसंदेह समग्र व्यवस्थाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका रखती ही है : स्वामी ज्ञानानंद
डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ :
यैस वी केन के चेयरमैन संजय बतरा और आशुतोष गौतम ने कुरूक्षेत्र के गीता ज्ञान संस्थानं में गीता मनीषी महामण्डलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज को “राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस” के अवसर यैस वी कैन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अपने आशीर्वचनों द्वारा मानसिक उपस्थिति दर्ज करवाने पर अंगवस्त्र ओढ़ाकर और स्मृति चिह्न दे कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस के अवसर पर गीता मनीषी महामण्डलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद जी द्वारा पत्रकारों, आए हुए वशिष्ठ अतिथियों और यैस वी कैन के चेयरमैन संजय बतरा और टीम लिए शुभाशीष वचनों के प्रेषित संदेश में कहा कि पत्रकारिता निश्चित और निसंदेह समग्र व्यवस्थाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका रखती ही है।वर्तमान में पत्रकारिता का जो स्वरूप है, वो और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।
पत्रकारिता जहां एक ओर प्रेरित करती है शुभता के लिए, राष्ट्र गौरव के लिए, वहीं चेताती भी है पत्रकारिता, कि कहाँ कहाँ किस रूप में समस्याएँ हैं ताकि चेतावनी मिले, समाज सचेत रहे।
दोनो प्रकार की भूमिकाएँ पत्रकारिता में हैं और वैसे आपको बताएँ भगवद्गीता का चिंतन भी जो है वह भी भगवान कृष्ण ने दोनो रूपों में कहीं प्रेरित किया है। दैवी सम्पदा के लिए और कहीं कहीं चेतावनियां भी दी हैं, चेताया भी है कि ऐसा उचित नहीं है। भगवद्गीता साथ होगी तो निश्चित है कि पत्रकारिता का निखार और अधिक बढ़ेगा। सकारात्मक रचनात्मक और स्वस्थ सबल राष्ट्र निर्माण और मानवता की मुस्कान की ओर पत्रकारिता अग्रसर हो, ऐसी हमारी ह्रदय से शुभकामना। यहां करनाल में आज आयोजित हो रहे एक पत्रकारिता सम्मान कार्यक्रम में यद्यपि सभी पत्रकारों के अपनी अपनी भूमिका अपने अपने भाव से रहती ही है लेकिन आज यहां करनाल की एक सकारात्मक सोच ले कर सेवा क्षेत्र में अग्रसर संस्था यैस वुई कैन संस्था की ओर से जो कार्यक्रम आयोजित हुआ है पत्रकारिता सम्मान के रूप में हमारी बहुत-बहुत शुभकामना, मंगलकामना।
यैस वुई कैन के चेयरमैन संजय बतरा जी उनकी पूरी टीम सभी सहयोगी जो जो शुभेच्छु जन अलग अलग क्षेत्रों से आए हैं, उन सबके लिए भी हमारी इस अवसर पर शुभकामना। जिन जिन पत्रकार बंधुओं को आज कुछ विशेष प्रोत्साहन सम्मान मिल रहा है, उनके लिए भी विशेष शुभकामना। वस्तुत यह सम्मान जो होता है, ये एक प्रोत्साहन होता है और आगे कुछ अच्छा करने के लिए दूसरो के लिए प्रेरणा होती है उत्साहवर्धन होता है कि हम भी इस क्षेत्र में कुछ और आगे अच्छी उपलब्धियाँ राष्ट्रगौरव के रूप में समाज को सुसंस्कारित करने के रूप में समाज को दे सकें। सभी पत्रकार बंधुओं के लिए पुनः शुभकामना। हमारी शारीरिक उपस्थिति वहां हो पाती, निश्चित ऐसा था ही, लेकिन अकस्मात हरिद्वार में किन्ही प्रमुख संत सद्भावना वर्षों से साथ रही, करनाल में भी उनका आगमन अनेक बार हुआ, उनकी श्रद्धांजली सभा उस दिन हरिद्वार में निश्चित थी जिसमें जाना अति आवश्यक था। इस कारण से शारीरिक उपस्थिति संभव नहीं हो पाई, मानसिक रूप में आप सबके साथ हमारी सद्भावना पत्रकारों के साथ, आयोजकों के साथ, आए हुए सभी शुभेच्छुजनों के साथ मानसिक अपनी सद्भावना जोड़ते हुए पुनः सबको शुभइच्छा। जय श्रीकृष्ण। भाव प्रकट किए।