तेल की कीमतें 35 प्रतिशत तक कम करे सरकार : रॉयल रमेश अरोड़ा

बोले, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के बाद भी नहीं घटाई जा रही तेल की कीमत

पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंटहिसार :   

            हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय उपाध्यक्ष व पंजाबी एकता संगठन  के प्रधान रॉयल रमेश अरोड़ा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी कमी के बावजूद सरकार तेल की कीमतों को नहीं घटा रही है। क्रूड ऑयल की लगातार घट रही कीमतों के चलते तेल के दामों में लगभग 35 प्रतिशत की कमी की जानी चाहिए लेकिन अभी भी सरकार उसी कीमत पर तेल बेच रही है जो कि लोगों के साथ सरासर अन्याय है और उनका आर्थिक शोषण है।

            रॉयल रमेश अरोड़ा ने कहा कि जुलाई 2008 के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 46 फीसदी गिरावट आई है। कच्चे तेल को लीटर और रुपये के हिसाब से अनुमान लगाएं तो ये कीमतें पिछले 9 महीने में लगभग 33 रुपये से ज्यादा घटनी चाहिएं लेकिन अभी भी देश की जनता को उन्हीं कीमतों पर तेल दिया जा रहा है बल्कि कीमतें घटाने की बजाय उसमें लगातार बढ़ोतरी ही की जा रही है। तेल की कीमतें अधिक होने से महंगाई बढ़ रही है और देश की जनता की जेब पर भारी बोझ बढ़ रहा है। वहीं औद्योगिक क्षेत्र में भी इसका विपरीत असर पड़ रहा है और कच्चे माल की ढुलाई में ट्रांस्पोर्ट का खर्चा बहुत अधिक बढ़ गया है। इसलिए लोगों के व्यापार भी इससे प्रभावित हो रहे हैं।

            रॉयल रमेश अरोड़ा ने मांग उठाई की सरकार क्रूड ऑयल की घटती कीमतों के अनुरुप ही तेल की कीमतों में कम से कम 35 प्रतिशत की कटौती करके लोगों को राहत प्रदान करे। तेल की बढ़ती कीमतों के चलते मध्यम वर्ग सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है और उसकी आर्थिक परेशानी बढ़ी हैं। इसलिए सरकार गंभीरता के साथ इस संबंध में ठोस कदम उठाए।