- किसानों के 326 वारिसों को सरकारी नौकरी दी, 98 नौकरियों के लिए वैरीफिकेशन मुकम्मल और 210 प्रक्रिया अधीन
- पंजाब सरकार केंद्र सरकार को किसान संघर्ष के दौरान स्वीकृत की माँगों को जल्दी व्यवहारिक रूप देने के लिए पत्र लिखेगी
- कृषि मंत्री ने किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के साथ की मीटिंग, किसानों को अपने संघर्ष वापिस लेने की भी की अपील
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :
पंजाब सरकार ने अब तक किसान संघर्ष के दौरान शहीद हुए 634 किसानों के वारिसों को 5 लाख रुपए के हिसाब से कुल 31 करोड़ 70 लाख रुपए जारी किये हैं। इसी तरह किसानों के 326 वारिसों को अलग-अलग विभागों में सरकारी नौकरी दी जा चुकी हैं, 98 को नौकरी देने के लिए वैरीफिकेशन मुकम्मल हो गई है जबकि 210 अन्यों को सरकारी नौकरी देने के लिए प्रक्रिया मुकम्मल की जा रही है।
पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री स. कुलदीप सिंह धालीवाल ने आज यहाँ पंजाब भवन में किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के राज्य प्रधान सतनाम सिंह पन्नू और राज्य जनरल सचिव सरवण सिंह पंधेर के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने किसानों की माँग के साथ सहमति प्रकट करते हुये कहा कि पंजाब सरकार केंद्र को किसान संघर्ष के दौरान स्वीकृत की माँगों को जल्द व्यवहारिक रूप देने सम्बन्धी पत्र लिखेगी।
स. धालीवाल ने भारत माला योजना के अंतर्गत बनाऐ जा रहे हाईवेज में किसानों की आ रही ज़मीनों सम्बन्धी मौके पर मौजूद हाईवे से सम्बन्धित अधिकारी को कहा कि ज़मीनों के रेट निर्धारित करने सम्बन्धी समानता वाली नीति अपनाई जाये। उन्होंने किसानों से हाईवे के लिए ली जा रही ज़मीनों से सम्बन्धित डिविजऩल कमिश्नों के पास पड़े मामलों और अपीलों को निर्धारित समय-सीमा के अंदर हल कराने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश भी दिए।
कृषि मंत्री ने किसानों की तरफ से उठाये गन्ने के भाव, रैड ऐंट्रियों, किसानों पर हुये केस वापिस लेने, सहकारी और निजी मिलों के बकाए, बाढ़ों और अन्य कुदरती आपदाओं के कारण फसलों के नुकसान के मुआवज़े सहित अन्य माँगों सम्बन्धी मौके पर ही सम्बन्धित अधिकारियों से प्रगति रिपोर्ट ली और किसानों के साथ सांझा की। उन्होंने किसानों को बताया कि जल्द ही पंजाब की कृषि नीति तैयार कर ली जायेगी और ज़्यादातर मसले नयी नीति अमल में आने से हल हो जाएंगे।
स. धालीवाल ने किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के सदस्यों को अपना संघर्ष वापिस लेने की अपील करते हुये कहा कि मौजूदा पंजाब सरकार उनकी अपनी सरकार है और किसानों के मसले हल करने के लिए लगातार यत्नशील है।
इस मौके पर ए. डी. जी. पी. कानून-व्यवस्था अर्पित शुक्ला, प्रमुख सचिव कृषि डी. के. तिवारी, प्रमुख सचिव पशु पालन विकास प्रताप, सचिव कृषि स. अरशदीप सिंह थिंद, डिप्टी कमिश्नर तरन तारन ऋृषिपाल, कमिश्नर पुलिस अमृतसर स. जसकरन सिंह और डायरैक्टर कृषि स. गुरविन्दर सिंह के इलावा पंजाब के अलग- अलग विभागों से सम्बन्धित सीनियर अधिकारी उपस्थित थे।