महापंचायत में सभी राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों के लोग काफी संख्या में एकत्रित हुए। मंच पर जोशीले भाषण हुए। सभी ने कहा कि समिति जो भी कार्यक्रम करेगी उसमें उपस्थित रहेंगे।वक्ताओं की ओर से यह भी कहा गया कि आगामी चुनाव में भी यह महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा।
करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, राजियासर/ सूरतगढ़ – 6 दिसम्बर :
सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्र राजियासर में राजकीय महाविद्यालय खोलने की मांग को लेकर राम मंदिर क्षेत्र में महापंचायत जुड़ी। महापंचायत में राजियासर क्षेत्र के और सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र के संघर्षशील लोग जुटे जो विभिन्न राजनीतिक दलों एवं समाजसेवा से जुड़े हैं।
राजियासर के आसपास के गांवों में पिछले करीब 25 दिनों से लोगों को जगाने का कार्य करते हुए इस महापंचायत में उपस्थित होने की अपील की गई। यह अपील राजियासर में राजकीय महाविद्यालय खुलवाने की मांग कर रही समिति की ओर से की गई। इस समिति के अध्यक्ष सुमित चौधरी और अन्य कार्यकर्ताओं ने दिनरात एक कर महापंचायत बुलाई थी। इलाके के बुजुर्ग काफी संख्या में आए। छात्राओं की संख्या भी काफी थी। महाविद्यालय खोलने की मांग के नारे लगाते हुए छात्रों की तीन टोलियां महापंचायत में पहुंची जिससे माहौल उत्साह से भर उठा।
महापंचायत में सभी राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों के लोग काफी संख्या में एकत्रित हुए। मंच पर जोशीले भाषण हुए। सभी ने कहा कि समिति जो भी कार्यक्रम करेगी उसमें उपस्थित रहेंगे।वक्ताओं की ओर से यह भी कहा गया कि आगामी चुनाव में भी यह महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा।
सभी वक्ताओं का एक ही कथन था कि सन् 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले यह मांग राज्य सरकार तक पहुंचाई जाए और यह मुद्दा बनाया जाए कि सरकार अगले बजट 2023 में मांग की पूर्ति के लिए राजकीय महाविद्यालय राजियासर में खोलने की घोषणा करे और बजट में प्रस्ताव रखें।
महापंचायत के बाद एक ज्ञापन राज्य सरकार को भिजवाने के लिए नायब तहसीलदार को सौंपा गया। सभा स्थल से उप तहसील तक लोग और छात्र पैदल नारे लगाते हुए पहुंचे।
महापंचायत को छात्र नेता रहे नरेंद्र घिंटाला, बलराम वर्मा, राकेश बिश्नोई, मोहन पूनिया, गगनदीप सिंह विरिंग,अमित कड़वासरा,अमित कल्याणा,महेंद्र सिंह भादू, पूर्व विधायक गंगाजल मील, पत्रकार भानीराम गोदारा, पत्रकार करणी दान सिंह राजपूत, एडवोकेट सखी मोहम्मद, राजस्थानी भाषा के साहित्यकार पत्रकार मनोज कुमार स्वामी, जिला परिषद सदस्य राजेश भादू, अंकुश गाबा, समिति अध्यक्ष सुमित चौधरी, सुभाष सिहाग,संदीप कासनिया आदि ने संबोधित किया।
नरेन्द्र घिंटाला ने सबसे पहले संघर्ष की सहायता के लिए 11 हजार रूपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि संघर्ष करने के लिए आर्थिक सहायता जरूरी है। इसके बाद में राकेश बिश्नोई और सुभाष सिहाग ने भी अपने वक्तव्यों में 11,11 हजार रूपये देने की घोषणा की।
सभा में पंचायत समिति डायरेक्टर पेपसिंह राठौड़,द्वारका प्रसाद लखोटिया, एडवोकेट हितेंद्र सारस्वत,पूर्व सरपंच बलदेव गोदारा,नत्थूराम गोदारा, राधेश्याम ओझा, पेमाराम सहारण,भागीरथ स्वामी और अनेक बुजुर्ग नेता उपस्थित थे।