पंजाब पुलिस ने राजस्थान से नशा तस्करों के दो और साथियों को किया गिरफ़्तार, 13 किलो हेरोइन 10 एके-47 राईफलें, 10 पिस्तौल बरामद

गिरफ़्तार किये गए व्यक्तियों के पाकिस्तानी सहयोगियों के साथ संबंधों का पता लगाने के लिए आगे जांच जारी

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

            13 किलो हेरोइन बरामद करने के तुरंत बाद, पंजाब पुलिस ने पिछले तीन दिनों में काबू किये नशा तस्करों के खुलासे पर प्रभावशाली बरामदगी करते हुये 10 ए. के. -47 असाल्ट राईफलें और दस .30 बोर के विदेशी पिस्तौल बरामद किये हैं। यह जानकारी डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने शनिवार को दी।

            जि़क्रयोग्य है कि पंजाब पुलिस की काउन्टर इंटेलिजेंस ( सी. आई.) अमृतसर ने 21 नवंबर को अमृतसर के वेरका बाइपास के नज़दीक राजस्थान के दो नशा तस्कर सुखवीर सिंह और बिन्दु सिंह को 13 किलो हेरोइन बरामद करके गिरफ़्तार किया था। इसके बाद इनके दो अन्य साथियों, जिनकी पहचान मनप्रीत सिंह और बलकार सिंह उर्फ लवप्रीत सिंह, दोनों निवासी फिऱोज़पुर, गुरूहरसहाए, के तौर पर हुई है, को राजस्थान के हनूमानगढ़, जहाँ वे किराये के मकान में रह रहे थे, से गिरफ़्तार है।

            डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि गिरफ़्तार किये गए नशा तस्करों के खुलासों पर सी. आई. अमृतसर पुलिस की टीमों ने बुधवार को सीमा सुरक्षा बल ( बी. एस. एफ.) के साथ सांझे आपरेशन के दौरान 5 ए. के. – 47 राईफलों और .30 बोर की 5 विदेशी पिस्तौलों समेत 9 मैगज़ीनें बरामद की हैं, जोकि फिऱोज़पुर में फारवर्ड पोस्ट तीर्थ के क्षेत्र में पिल्लर के नज़दीक छिपायी हुयी थी।

            सी. आई. अमृतसर से मिले ख़ास सुरागों पर तेज़ी से कार्यवाही करते हुए, बीएसएफ ने शुक्रवार देर शाम फिऱोज़पुर के बार्डर चौकी जगदीश के क्षेत्र में छिपायी 19 मैगज़ीनों के साथ पाँच एके- 47 राईफलों और पाँच विदेशी .30 बोर की पिस्तौलों का एक और जख़़ीरा बरामद किया है। उन्होंने बताया कि हथियार एक्ट की धारा 25 और विदेशी एक्ट की धारा 14 एफ के अंतर्गत थाना एस. एस. ओ. सी अमृतसर में इस सम्बन्धी एक अलग केस एफआईआर नंबर 35 के अधीन दर्ज किया गया है।

            एआईजी अमरजीत सिंह बाजवा ने बताया कि प्राथमिक जांच से पता लगा है कि पकड़े गए व्यक्ति अपने पाकिस्तानी साथियों से नशीले पदार्थों और हथियारों की खेप देश के अलग-अलग राज्यों में पहुँचाने के लिए तस्करी करते थे। इस सम्बन्ध में आगे जांच जारी है।

ए. जी. टी. एफ. द्वारा भूपी राणा गैंग का मुख्य शूटर बरवाला से गिरफ़्तार

  • .32 बोर के पिस्तौल सहित 5 कारतूस भी किये बरामद
  • अंकित राणा पंजाब और हरियाणा में दर्ज कई आपराधिक मामलों में है वांछित

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (ए. जी. टी. एफ.) ने बरवाला ( हरियाणा) से भूपी राणा गैंग के एक मुख्य शूटर को गिरफ़्तार कर लिया।

इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये डी. जी. पी. पंजाब गौरव यादव ने बताया कि गिरफ्तार किये गए मुलजिम की पहचान अंकित राणा के तौर पर हुई है, जो ज़ीरकपुर और पंचकुला के इलाकों में फिरौती का रैकेट चला रहा था। पुलिस ने मुलजिम से .32 बोर का एक पिस्तौल और पाँच जिंदा कारतूस भी बरामद किये हैं।

यह कार्यवाही ढकोली से लारेंस बिशनोयी गैंग के मैंबर बंटी की कल हुई गिरफ़्तारी से एक दिन बाद अमल में लाई गई।

डी. जी. पी. ने बताया कि ए. जी. टी. एफ. ने जि़ला पुलिस एस. ए. एस. नगर के साथ सांझे आपरेशन के दौरान गैंगस्टर अंकित राणा को .32 बोर के पिस्तौल और 5 कारतूसों समेत गिरफ़्तार करने में सफलता हासिल की है।

उन्होंने बताया कि अंकित जुलाई 2022 में हुए बलटाना मुकाबले केस में वांछित था। जि़क्रयोग्य है कि बलटाना आपरेशन के दौरान भूपी राणा गैंग के तीन गैंगस्टरों को गिरफ़्तार किया गया था, जबकि जवाबी गोलीबारी में एक गैंगस्टर जख़़्मी हो गया था और इस कार्यवाही में पंजाब पुलिस के दो अधिकारी भी जख़़्मी हुए थे।

अंकित को थाना ज़ीरकपुर में आई. पी. सी. की धारा 353, 186, 307 और 34 और हथियार एक्ट की धारा 25 के अंतर्गत तारीख़ 17- 07- 2022 को दर्ज की गई एफआईआर नंबर 340 के अधीन गिरफ़्तार किया गया है।

डीजीपी ने बताया कि अंकित राणा हरियाणा और पंजाब राज्यों में दर्ज हुए इरादातन कत्ल, हथियार एक्ट और जबरन वसूली आदि के कई अपराधिक मामलों में भी वांछित था। उन्होंने आगे बताया कि वह ज़ीरकपुर के 15 होटलों और पंचकुला के 10 होटलों के इलावा इस क्षेत्र के अन्य नामी कारोबारियों से भी पैसे वसूलने में शामिल था।

पुलिस की तरफ से उसकी अन्य आपराधिक गतिविधियों में भागीदारी के बारे पता लगाने के लिए गहराई से जांच की जा रही है।

प्राकृतिक खेती वर्तमान समय की मांग जिसमें लागत कम और उपज की कीमत अधिक : तोमर

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 3 दिसम्बर :

            केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि प्राकृतिक खेती वर्तमान समय की मांग है, जिसमें लागत कम लगती है और उपज की कीमत अधिक मिलती है। प्राकृतिक खेती अब कृषि शिक्षा में भी आएगी। प्राकृतिक खेती पद्धति कृषि शिक्षा पाठ्यक्रम में शीघ्र जुड़े, इस दिशा में सरकार प्रयास कर रही है। तोमर ने यह बात कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनसुंधान संस्थान (अटारी), जबलपुर और राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय द्वारा ग्वालियर में प्राकृतिक खेती पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में कही।

            तोमर ने कहा कि एक समय था जब देश में आबादी के हिसाब से खाद्यान्न की कमी थी। तब केमिकल-फर्टिलाइजर की ओर जाकर उत्पादन केंद्रित नीति बनी, जिसके कारण उत्पादन बढ़ा व आज खाद्यान्न सरप्लस हैं, लेकिन अब एक बार फिर से खुद को संवारने की जरूरत है, ताकि आगे का जीवन ठीक से चले और प्रकृति से तालमेल ठीक से बन सके, यह सिर्फ हमारी नहीं बल्कि पूरी दुनिया की चिंता है।

            तोमर ने कहा कि आज जरूरत स्वस्थ मन, स्वस्थ खाना, स्वस्थ कृषि और स्वस्थ इंसान के सिद्धांत पर चलने की है। इसके लिए प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर होना चाहिए। प्राकृतिक खेती पूर्णता की खेती है। इसमें पशुधन का महत्वपूर्ण योगदान है। एक देशी गाय का गोबर व गौमूत्र एक सामान्य किसान के लिए प्राकृतिक खेती में काम करने को पर्याप्त है। देश प्राकृतिक खेती अपनाएगा तो गायें सड़कों पर नहीं दिखेगी, बल्कि इनका सही उपयोग होगा। अब देश इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। गुजरात के डांग जिले में शत-प्रतिशत प्राकृतिक खेती हो रही है। हिमाचल में भी तेजी से किसान इस ओर बढ़ रहे हैं। म.प्र. में 5 हजार गांवों में इसकी योजना बनाई गई है।

            तोमर ने कहा कि हमारे देश में कृषि का महत्वपूर्ण स्थान है। यह सिर्फ आजीविका के लिए ही नहीं, बल्कि सबकी जरूरत भी है। किसान खेती से सिर्फ आजीविका प्राप्त करने के लिए काम नहीं करता, बल्कि वह देश के 130 करोड़ से ज्यादा लोगों की भूख मिटाने के लिए खेती करता है। उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया को खाद्यान्न देने वाला देश बन गया है। दुनिया के बहुत-से मित्र देश आज भारत की तरफ देखते हैं कि अगर भारत में खाद्यान्न उत्पादन की स्थिति ठीक है तो बुरे वक्त में भारत हमारी मदद करेगा। किसानों के सामने देश व दुनिया की भी जिम्मेदारी है।

            तोमर ने कहा कि रासायनिक खेती के कारण माटी की उर्वरा शक्ति कमजोर हो रही है। मित्र बैक्टीरिया मारे जा रहे हैं। हम हर साल धरती की खाद की प्यास बढ़ाते जा रहे हैं। जिस संकट से देश 25 साल बाद जूझने वाला है उससे बचाना हमारी जिम्मेदारी है, इसलिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्राकृतिक खेती पद्धति को फिर से लांच किया व इसे जनांदोलन का स्वरूप दिया जा रहा है।

            केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके साथ ही किसानों की आय बढ़ाने के लिए भारत सरकार प्रयत्नशील है। एमएसपी डेढ़ गुना की गई, वहीं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से करोड़ों किसानों को हर साल छह-छह हजार रुपए दिए जा रहे हैं। अब तक 2.16 लाख करोड़ रुप‌ए से ज्यादा राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा कराई जा चुकी हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों को फसलों के नुकसान के बदले 1.24 लाख करोड़ रु. दिए गए हैं। किसान क्रेडिट कार्डों द्वारा 18 लाख करोड़ रुपए किसानों को मिलते हैं।

            किसानों की ताकत बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।कार्यक्रम में म.प्र. के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण तथा नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक (कृषि प्रसार) डॉ. वेद प्रकाश चहल, राजमाता विजयाराजे कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के कुलपति डॉ. अरविंद शुक्ला, अटारी जबलपुर के निदेशक डॉ. श्यामरंजन सिंह, सहित जनप्रतिनिधि व वैज्ञानिकगण-अधिकारी उपस्थित थे।

राजस्थान:1977 में कांग्रेस शासन उखाड़ फेंका: भैरोंसिंह शेखावत मुख्यमंत्री बने, 2023 में कांग्रेस का क्या होगा? अब हालात बुरे से बुरे।

 करणीदानसिंह राजपूत – सूरतगढ़ 3 दिसंबर 2022

            30 साल के संघर्ष के बाद राजस्थान में 1977 में आपातकाल के बाद में जनता पार्टी की जीत हुई। भैरों सिंह शेखावत मुख्यमंत्री बने उस समय कांग्रेस की क्या स्थिति थी? कांग्रेस क्यों हारी? इस पर राजस्थान समाचार प्रचार समिति की ओर से 21 जून 1977 को समाचार बुलेटिन जारी किया गया वह कांग्रेस पार्टी की नीतियों के प्रति बहुत कुछ बता रहा था। 2003 के चुनाव में फिर 2013 के चुनाव में कांग्रेस को पराजय मिली। अब आगे आने वाले चुनाव 2023 में कांग्रेस के हाल क्या होंगे? कांग्रेस राज के 2018 में जीतने के बाद 4 साल बीत चुके हैं।इन चार सालों में लोगों को जो मिला और जो देखा उससे तो यह कहा जा सकता है कि हालत 1977 के चुनाव में जो थी अब उससे कई गुना अधिक बिगड़ चुकी है। सरकार का नियंत्रण खत्म जैसा हो रहा है। भ्रष्टाचार और अनाचार बढ रहा है।

            नारी अत्याचार और हत्याकांड बढ रहे हैं। रिश्वत के बिना काम ही नहीं हो रहे। प्रतिदिन किसी न किसी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो रंगे हाथों गिरफ्तार कर रहा है। दावा किया जा सकता है कि सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में बहुत सख्त है।  लेकिन फिर भ्रष्टाचार क्यों और कैसे बढ रहा है? जो लोग पकड़े गए उनको अपराधी सिद्ध होने के बावजूद अधिकांश के विरुद्ध अदालत में केस चलाने की अनुमति संबंधित विभाग क्यों नहीं दे रहे। इस पर सरकार की तरफ से कोई दिशा निर्देश नहीं हो रहे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत या कोई भी अन्य मंत्री भ्रष्टाचार के मामले में अधिकारियों कर्मचारियों को लताड़ता नहीं है और चेतावनी भी नहीं देता। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में वर्षों से प्रकरण लंबित पड़े हैं और उनकी संख्या बढती जा रही है। किसी  मामले  की जांच कितने दिन में पूर्ण हो जानी चाहिए? सब जगह मामले दबाने से जनता परेशान हो रही है।

            शिक्षा चिकित्सा का बुरा हाल है और सुनवाई नहीं हो रही। ऐसी बिगड़ी सूरत में 2023 के चुनाव होंगे। कांग्रेस की जीत की उम्मीद तो एक प्रतिशत भी नहीं। किसान खेत की रखवाली नहीं करे,लोगों के कहने पर भी खेत को देखे नहीं और अच्छी उपज की आस करे। कांग्रेस की ऐसी दुर्दशा है तो ऐसा ही चुनाव परिणाम होगा।

            सन् 2023 के चुनाव होने से पहले 1977 में कांग्रेस जिन जन विरोधी नीतियों के कारण हारी,उनके बारे में जानकारी लेते हुए अब की नीतियों पर विचार करना चाहिए।

            राजस्थान में राजनीति करने वालों को चाहे वे किसी भी दल के हों वह समाचार बुलेटिन पढ़ना चाहिए जो मेरे रिकॉर्ड में मिला। आज 30 नवंबर 2022 के हिसाब से 44 साल पहले

            कांग्रेस किन जनविरोधी नीतियों से हारी थी। उसका उल्लेख है। मै  उस समय स्वय का भारत जन साप्ताहिक समाचार पत्र (1973 से 1979) का संपादन प्रकाशन कर रहा था। भारतजन के नाम से ही राजस्थान समाचार प्रचार समिति के बुलेटिन मिलते रहते थे।

उस बुलेटिन में जो लिखा गया वह आपके समक्ष यहां शब्द से शब्द प्रस्तुत कर रहा हूं।

30 साल बाद भैरों सिंह शेखावत जनता नेता निर्वाचित राजस्थान में उमंग और उत्साह का वातावरण

जयपुर( राजस्थान 21 जून. 1977.

            दुर्भावना और आशंकाओं के गहरे कोहरे को चीर कर आज प्रबल वेग से जनता सूर्य के रूप में जन नेता भैरों सिंह शेखावत के राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में उदय हो जाने से सारे राज्य में उमंग और उत्साह का वातावरण व्याप्त हो गया है

            कांग्रेस के एक दलीय  अहंकार से चूर और घृणा की राजनीति से भरपूर शासन को जनता ने उसके आपातकाल में चरमोत्कर्ष पर पहुंच जाने और अन्याय और की समस्त परिस्थितियों को लांघने सामने के बाद चतुर  किंतु खामोशी के आत्मिक बल के साथ उखाड़ फेंका।

* 30 साल तक बेबस और अनजान जनता ने अपने आंगन में जिस पेड़ को सींचा था उसके कांटो की असह्य चुभन को बर्दाश्त न करने से गत दो चुनावों में उस वृक्ष को जड़ सहित उस वृक्ष को भूमिगत कर दिया।

            राजस्थान विधानसभा के प्रांगण में कांग्रेस की घृणा की राजनीति और असहनीय भ्रष्टाचार के बखिया उधेड़ने वाले जन नेता भैरों सिंह शेखावत को जनता ने आज अवसर दे दिया है कि अन्याय के आगे अपने नए झुकने वाले व्यक्तित्व से प्रदेश की करोड़ों जनता को सामाजिक न्याय प्रदान करें।

             प्रदेश के सौहार्दपूर्ण वातावरण को कभी जाट- राजपूत, कभी हरिजन गैर हरिजन, कभी मुसलमान और हिंदू की वैमनस्यता के गंदे पानी से खींचने वाले कांग्रेसी सत्तालोलुपों का जनता ने एक बार ही पर्दाफाश कर दिया है और जन नेताओं को अवसर दिया है कि वे ईमानदारी से प्रदेश में जनप्रजातांत्रिक मूल्यों की स्थापना करें जिसके प्रकाश ने गत आमचुनावों के परिणामों से विश्व को हतप्रभ कर दिया और भारत की प्रजातंत्र में अपूर्व निष्ठा को उजागर कर दिया।

             जनता के मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत अब तक के समस्त मुख्यमंत्रियों में सर्वाधिक आदर के साथ अपने पद पर प्रतिष्ठित हुए हैं। उन्हें अधिक से अधिक विधायकों का जहां विश्वास प्राप्त हुआ है वहां प्रबल जनसमर्थन से भी उनके मनोबल को शक्ति प्राप्त हुई है।

             शेखावत का जन्म 1923 में सीकर जिले के एक गांव खाचरियावास में हुआ है। प्रारंभिक दीक्षा के बाद उन्होंने 4 वर्षों तक सरकारी नौकरी की और 1952 में राजस्थान विधानसभा के लिए चुने गए। अपने 20 वर्ष के विधायक काल में भैरो सिंह ने सुखाड़िया सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार का निरंतर विरोध किया और नाथद्वारा कांड,पानरवा कांड, सहारिया भूमि कांड आदि को विधानसभा के समक्ष रखा।

            संगठन पक्ष में शेखावत राजस्थान प्रदेश जन संघ के उपाध्यक्ष, अध्यक्ष,अखिल भारतीय जन संघ की कार्यसमिति के सदस्य और उपाध्यक्ष रहे हैं।

            उन्होंने कच्छ रक्षा आंदोलन, शिमला समझौता विरोधी आंदोलन,सिंधी शरणार्थी बचाओ आंदोलन, महंगाई विरोधी आंदोलन, भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलनों में भाग लिया और उन्होंने अनेक बार गिरफ्तारियां दी।

             1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय उन्होंने अपने साथी निरंजन नाथ आचार्य के साथ सैनिकों की सेवा तथा युद्ध प्रयत्नों में भारी सहायता दी। भैरों सिंह शेखावत ने 1971 के बाद भारतीय सेनाओं द्वारा विजित पाकिस्तान क्षेत्र की यात्रा की और पचास हजार

सिंधी शरणार्थियों को मौत के मुंह में धकेले जाने से बचाने में सफलता प्राप्त की।

            गत लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में जनता पार्टी के चुनाव संयोजक के रूप में प्रदेश भर में उन्होंने विस्तृत चुनाव सभाएं आयोजित की और जनता को स्वच्छ और लाभकारी प्रशासन देने का वचन दिया। उनके ही एकथ परिश्रम का फल रहा कि जहां सुखाड़िया गए वहां ही कांग्रेस उम्मीदवार पराजित हुआ।

             धुन के धनी और सादा जीवन के पक्षपाती भैरों सिंह शेखावत जनता के बहुत निकट हैं। साहित्य और कला के अनुरागी के रूप में वे सहज हास्य और अनुराग के भरपूर हैं।

            राज्य के नेता के चुनाव के रूप में उन्होंने प्रदेश की गंभीर जन समस्या के समाधान, अनुसूचित परिगणित जातियों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने तथा जनता पार्टी की घटक प्रवृत्ति को तोड़ने का तथा प्रदेश से भ्रष्टाचार के तीव्र पलायन का  जनता से वायदा किया है।०

            आपने बुलेटिन पढ लिया। उस समय कांग्रेस के हारने के कारण भी जान गए। अब हालात बुरे से भी बुरे हैं जिनका कुछ वर्णन प्रारंभ में आपने पढ लिया।

सूरतगढ़ : नगरपालिका के भ्रष्टाचार के विरुद्ध भाजपा नेताओं की चुप्पी रहस्यमय

 करणीदानसिंह राजपूत – सूरतगढ़ 3 दिसंबर 2022

            नगरपालिका की भ्रष्टाचार और जन विरोधी कार्रवाइयों के विरुद्ध भारतीय जनता पार्टी नगर मंडल प्रदर्शन में 5 दिन की चेतावनी देने की घोषणा करने के बाद 3 महीने से चुप है। नगर पालिका सूरतगढ़ पर 24 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी ने 10 सूत्री मांग पत्र दिया था। विधायक रामप्रताप कासनिया की अगुवाई में भाजपा के सभी नेता प्रदर्शन में थे और घोषणा की थी कि 5 दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन तेज किया जाएगा।

  • क्या नगरपालिका भ्रष्टाचार मुक्त हो गई या भाजपा को पालिका भ्रष्टाचार के कालवा अजगर ने निगल लिया। क्या अजगर इतना विशाल हो गया कि उसने सभी भाजपा नेताओं और संगठन को निगल लिया? अगर ऐसा हो गया है तो जिला अध्यक्ष आत्मा राम तरड़ को यहां नये पदाधिकारी बना कर भाजपा के नाम को जिंदा रखने की कोशिश करनी चाहिए।
  • 24 अगस्त 2022 को प्रदर्शन किया उसमें खूब फोटो हुए और भाषण भी हुए। वे सभी चेहरे यहां फोटो में देख सकेंगे जिनकी आवाज सुनाई नहीं पड़ रही।
  • 24 अगस्त को प्रदर्शन के बाद तीन पदाधिकारी नगरपालिका गए। गुपचुप सरेंडर हुए। नगरपालिका को मांग पूरी करने के लिए 1 माह का समय दे आए। एक माह का समय कर आए तो फिर प्रदर्शन 23 या 24 सितंबर को करना था लेकिन 24 अक्टूबर 24 नवंबर भी बीत गए। सरेंडर और क्या होता है? तीन महीने बीत गए और आगे भी बीतेंगे।
  • कांग्रेस की प्रदेश सरकार के विरुद्ध जन आक्रोश रैली निकाली जाएगी मगर कांग्रेस के नगरपालिका बोर्ड एवं अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा के जनविरोधी रवैये के विरुद्ध आक्रोश नहीं फूटेगा?
  • मीडिया की आत्मा भी मर चुकी है वे भी पत्रकार वार्ता में भाजपा नेताओं से सवाल नहीं करेंगे कि राज्य सरकार के विरुद्ध रैली तो यहां विरोध के बजाय सरेंडर क्यों? अगर सरेंडर नहीं है तो क्या भाजपा विधायक रामप्रताप कासनिया  पूर्व विधायक अशोक नागपाल नगर मंडल अध्यक्ष ने धर्मेला कर लिया है? अगर सरेंडर नहीं धर्मेला नहीं तो फिर क्या गुपचुप होली खेल ली और पालिका बोर्ड के रंग में रंग गए? सवाल अनेक हैं और नये पैदा होते रहेंगे। कासनिया के फ्री हैंड से बनाया नगर मंडल है और भ्रष्टाचार के मामलों में एकदम चुप है।

प्रदर्शन में जो नेता कार्यकर्ता थे उनको देखलें

विधायक रामप्रताप कासनिया, पूर्व विधायक अशोक नागपाल,नगर मंडल अध्यक्ष सुरेश मिश्रा, जिले के पदाधिकारियों में शरणपालसिंह मान,श्रीमती आरती शर्मा, युवा मोर्चे के प्रेमप्रकाश राठौड़, भाषण देने वाले सुभाष गुप्ता।

  • पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह भादू 24 अगस्त के प्रदर्शन में शामिल नहीं थे लेकिन नगरपालिका के भ्रष्टाचार और जनविरोधी रवैये पर चुप हैं। भादू कांग्रेस,निर्दलीय से भाजपा में आने और 2013 से 2018 तक विधायक रहने के बाद जिम्मेदारियों से दूर नहीं भाग सकते। वे बताएं कि चार साल से मुंह बंद का क्या कारण है?
  • सन् 2023 के विधानसभा चुनाव में बारह महीने ही शेष हैं। भाजपा गतिविधियों पर नजर रखने वाला संघ और हिंदु जागरण मंच,विश्व हिंदु परिषद यह सब देख रहे हैं और चुप हैं। यहां आक्रोश क्यों नहीं है? मोदी नाम के समर्थक लोग यह देख कर हत्प्रभ हैं।

अर्न्राष्ट्रीय विकलांग दिवस के अवसर पर मंच ने बैठक कर लम्बित पड़ी मांगों को पूरा करने की सरकार से लगाई गुहार

डिम्पल अरोड़ा , डेमोक्रेटिक फ्रंट, रतियाः   

            अन्तर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस के अवसर पर विकलांग अधिकार मंच हरियाणा ब्लॉक रतिया कमेटी द्वारा बैठक का आयोजन ब्लॉक अध्यक्ष कर्मजीत सिंह पदम की अध्यक्षता में सती मन्दिर रतिया में किया गया। बैठक को सम्बोधित करते हुए ब्लॉक अध्यक्ष कर्मजीत सिंह पदम ने कहा कि प्रधानमंत्री के अआहवान पर देश के लोगों ने विकलांगों को दिव्यांग तो कहना शुरू कर दिया लेकिन लोगों का उनके प्रति नजरिया आज भी नही बदल पाया है। यह एक कड़वी सच्चाई है कि भारत में   विकलांग आज भी अपनी मूलभूत जरूरतो के लिए दूसरो पर आश्रित है।

            विकलांगता से ग्रस्त लोगों का मजाक उड़ाना, उन्हे कमजोर समझना और उनको दूसरों पर आश्रित समझना एक भूल और सामाजिकरूप से एक गैर जिम्मेदाराना व्यवहार है। दुनिया में बहुत से ऐसे विकलांग भी हुए है जिन्होने अपने साहस, संकल्प और उत्साह से विश्व के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अपना नाम लिखवाया है। अब विकलांगों के प्रति अपनी सोच को बदलने का समय आ गया है। रतिया ब्लॉक अध्यक्ष पपल कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि हरियाणा सरकार ने नई खेल पॉलिसी के तहत जो आरक्षण सभी विभागों में खत्म करके केवल तीन विभागों में करने का निर्णय लिया है, इसे मंच गलत मानता है और विकलांग अधिकार मंच हरियाणा इसकी कड़े शब्दों में निन्दा करता है। उन्होने सरका से विकलांगों की लम्बित पड़ी मांगों को पूरा करने की मांग करते हुए कहा कि विकलांग अधिकार अधिनियम 2016 को सरका लागू करे।

            विकलांगों की पांच रूपये मासिक पैंशन लागू की जाए। नई खेल पॉलिसी को रद्द करके पुरानी खेल पॉलिसी को चालू किया जाए। सभी विभागों में विकलांग अधिकार अधिनियम 2016 के तहत विकलांग खिलाड़ियों को 4 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए। भारी भरकम बिजली बिलों में विकलांगों का विशेष रियायत दी जाये। इस अवसर पर जिला सचिव सुरेन्द्र कुमार, छिन्द्रपाल, नीरज कुमार, सुभाष चन्द, राजेश कुमार, नन्द सिंह, मंगत राम, रांझा राम व रविन्द्र कुमार के इलावा अन्य विकलांग साथी मौजूद थे।

विश्व दिव्यांग दिवस: ओंकार चैरिटेबल फाउंडेशन और देव समाज कॉलेज ऑफ एजुकेशन ने चलाया जागरूकता अभियान

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ 

            विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर आज शनिवार को समाजसेवी संस्था ओंकार चैरिटेबल फाउंडेशन और देव समाज कॉलेज ऑफ एजुकेशन सेक्टर 36 के आपसी सहयोग से एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्था के चेयरमैन रविंद्र सिंह बिल्ला, कॉलेज प्रिंसिपल इग्निस ढिल्लों सहित चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार के प्राइवेट सेक्रेटरी जी डी शर्मा, यू टी गेस्ट हाउस के असिस्टेंट डायरेक्टर डैनियल, सृष्टि कर्मा फाउंडेशन के प्रेसिडेंट हरचरण सिंह, ओंकार चैरिटेबल फॉउंडेशन की सेक्रेटरी अस्तिन्दर कौर, सृष्टि कर्मा फाउंडेशन की सेक्रेटरी रवनीत कौर सहित जी एम सी एच सेक्टर 32 की डॉक्टर टीम उपस्थित थी।

                  कॉलेज परिसर में आयोजित जागरूकता अभियान के दौरान योगा थेरेपिस्ट और सृष्टि कर्मा फाउंडेशन के प्रेसिडेंट हरचरण सिंह एक मेडिटेशन सत्र भी आयोजित किया गया। तत्पश्चात जी एम सी एच की विशेषज्ञ डॉक्टर गुरजीत कौर और उनकी टीम द्वारा डिसएबिलिटी पर चर्चा की गई और इसके विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। वहीं इस दौरान डाउन सिंड्रोम पीड़ित अशनूर कौर की माता कुलवंत कौर ने भी कार्यक्रम में शिरकत की और इसके लीगल पहलुओं चर्चा करते हुए गवर्नमेंट से मिलने वाली विभिन्न सेवाओं पर प्रकाश डाला।

            चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार के प्राइवेट सेक्रेटरी जी डी शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि हर साल 3 दिसंबर को समूची दुनिया में ‘विश्व दिव्यांग दिवस’ (World Disability Day) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य मकसद है- दिव्यागों के प्रति लोगों के व्यवहार में बदलाव लाना और उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करना।

            देव समाज कॉलेज ऑफ एजुकेशन की प्रिंसिपल इग्निस ढिल्लों ने आयोजित कार्यक्रम में संस्थान के स्टूडेंट्स और कर्मचारियों से विकलांगता के अभिशाप को दूर किए जाने के लिए की जा रही कोशिशों में सहयोग दिए जाने का प्रण लिया। इग्निस ढिल्लों ने दिव्यांगों की मदद के लिए सभी वर्गों के लोगों से आगे आने के लिए प्रेरित किया।

            रविंदर सिंह बिल्ला ने अपने विचार और चिंताओं को साझा किया कि कैसे हम दुनिया को विकलांग लोगों के लिए एक बेहतर जगह बना सकते हैं।

प्राथमिक प्रशिक्षण केन्‍द्र भारत तिब्‍बत सीमा पुलिस बल में तिथिवार किया जा रहा है, स्‍वच्‍छता पखवाडा के अंतर्गत विभिन्‍न गतिविधियों का आयोजन

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ 

               प्राथमिक प्रशिक्षण केन्‍द्र, भानू, पंचकूला, (हरियाणा) में ईश्‍वर सिंह दुहन, के कुशल मार्गदर्शन में दिनांक-01.12.2022 से 15.12.2022 तक स्‍वच्‍छता पखवाडे का आयोजन किया जायेगा। इस दौरान स्‍वच्‍छता से संबंधित प्रत्‍येक दिन अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा जैसे-स्‍वच्‍छता की शपथ, स्‍वच्‍छता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रमुख स्‍थानों पर फलेक्‍स बोर्ड, पोस्‍टर, बैनर और होर्डिग के माध्‍यम से स्‍वच्‍छता के बारे में बल कर्मियों द्वारा स्‍थानीय लोगों के बीच जाकर स्‍वच्‍छता के बारे में जाकरूकता फैलाने के लिए रोड मार्च तथा आसपास के इलाकों में जाकर जनता के साथ साफ-सफाई करना तथा जिला प्रशासन/स्‍थानीय प्रशासन को स्‍वच्‍छता अभियान में शामिल करके नजदीक स्‍कूलों/पवित्र स्‍थानों/बाजारों/अस्‍पतालों में बडे पैमाने पर सफाई अभियान और उनके कचरे को प्रभावी ढंग से निस्‍तारण तथा प्‍लास्टिक कचरे के प्रति जागरूकता, प्रबन्‍धन और प्‍लास्टिक कचरे के निपटान/पुनर्चक्रण पर विशेष ध्‍यान दिया जायेगा तथा स्‍कूलों में जाकर बच्‍चों से स्‍वच्‍छता के संबंधित पेंटिंग, निबन्‍ध तथा वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया जायेगा।

             स्‍वच्‍छता पखवाडा के दौरान आज तीसरे दिन प्राथमिक प्रशिक्षण केन्‍द्र भानू, कैंप परिसर में किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए छतों, खिडकियों, उचित सीवरेज/ड्रेनेज सिस्‍टम के रखरखाव के साथ-साथ अस्‍थायी व्‍यवस्‍थाओं को हटाने के लिए विशेष सफाई अभियान चलाया गया, लटके हुए/ढीले लाइव तारों को कसा गया, उपयोग योग्‍य गलियारों से पुराने/अनुपयोगी फर्नीचर, रिकार्ड अलमारी, डेस्‍क, कार्यालय मशीन, उपकरण, इलेक्‍ट्रानिक और बिजली के उपकरणों को हटाया गया और साफ-सफाई की गई। 

            स्‍वच्‍छता पखवाडे के कार्यक्रमों का मूल उददेश्‍य है, कि सर्वागीण  स्‍वच्‍छता का अपने जीवन में आदत की तरह  अपना कर स्‍वस्‍थ जीवन विकसित करना।

            ईश्‍वर सिंह दुहन, महानिरीक्षक, प्राथमिक प्रशिक्षण केन्‍द्र द्वारा सभी पदाधिकारियों को स्‍वच्‍छता पखवाडे की दैनिक गतिविधियोंकी मुहिम को आगे बढाते हुए स्‍वच्‍छता के संबंध में प्र‍ेरित किया गया। 

गीता परिवार चंडीगढ़ व मोहाली के सदस्यों द्वारा स अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ 

            जीओ गीता परिवार चंडीगढ़ व मोहाली के सदस्यों द्वारा स अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के उपलक्ष पर गीता पाठ किया और भजनों के माध्यम से  गोविंद और गीता जी के चरणों में प्रार्थना की सामूहिक गीता पाठ  धाम वृन्दावन से पधारे प्रख्यात भगवत्ताचार्य श्री वीरेंद्र हरि जी महाराज के सानिध्य में हुआ।

             गीता पाठ के उपरांत संस्था के अध्यक्ष संदीप चुग ने उपस्थित सभी को पावन गीता जयन्ती महोत्सव की हार्दिक शुभ मंगलकामनाएं बधाई दी। कार्यक्रम उपरान्त आरती कर प्रसाद विरित किया गया।

 क्लैट की तैयारी कर रहे छात्रों का कराया गया नेशनल लेवल मॉक टेस्ट 

  • टॉपर्स को दिए गए आईपैड

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ 

            यूजी कोर्स की तैयारी के लिए लीडिंग कोचिंग सेंटर में शुमार प्रथम टेस्टप्रेप ने क्लैट  और आईलेट  एस्पीरेंट्स के लिए ऑल इंडिया ओपन मॉकटेस्ट का आयोजन किया है. ये टेस्ट ऑफलाइन आयोजित किया गया. इस नेशनल लेवलमॉक टेस्ट एग्जाम का मकसद छात्रों को क्लैट और आईलेट के लिए तैयार करना था, ताकि वो अच्छी रैंक और परसेंटाइल पा सकें. इस टेस्ट में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों को जीके क्रो निकल्स का फ्री एक्सेस भी दिया गया. जीके क्रोनिकल्स में मंथलीजीकेपीडीएफ होती है जिसमें 300 जीकेपैसेज, 1500 एमसीक्यू होते हैं. इसके अलावा प्रतिभागियों को लीगलसेक्शन की तैयारी के लिए इससे संबंधित बूस्टरपीडीएफ का भी एक्सेस दिया जाता है. इस एग्जाम में नेशनल लेवल पर टॉप तीन रैंक पाने छात्रों को आईपैड दिए गए जबकि हर जोन के टॉपर को 15 हजार रुपये का मोबाइल फोन दिया गया. इनके साथ ही बाकी टॉप 30 प्रतिभागियों को प्रथम लॉटेस्टप्रेपमॉकटेस्टसीरीज सिर्फ एक रुपये में दी गई.

            ये पैन इंडिया एग्जाम देश के अलग-अलग शहरों में 8 जोन में आयोजित किया गया. दिल्ली, जयपुर, लखनऊ, चंडीगढ़ और पुणे समेत कई और शहरों में ये एग्जाम ठीक उसी फॉर्मेट में कराया गया जैसे रियलक्लैट परीक्षा कराई जाती है. दिल्ली के डीएवी पब्लिक स्कूल-दयानंद विहार, डीएवी पब्लिक स्कूल-पुष्पांजलि एन्क्लेव, ब्लूबेल्स इंटरनेशनल स्कूल और पूसा रोड के स्प्रिंगडेल्स स्कूल समेत कई स्थानों पर परीक्षा आयोजित की गई थी.

            इस मौके पर प्रथम टेस्टप्रेप के डायरेक्टर अंकित कपूर ने कहा, ‘’किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए मॉकटेस्ट देना काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. क्लैट के मामले में भी ऐसा ही होता है. छात्रों के लिए ये जरूरी है कि वोरियलएग्जाम में बैठने से पहले कम से कम 10-12 मॉकटेस्ट में बैठे. यही कारण है कि ये पैन इंडिया मॉकटेस्ट कराया गया ताकि बच्चों को रियलएग्जाम का एक्सपीरियंस कराया जा सके. जिसके हिसाब से छात्र अपने एग्जाम की रणनीति बना सकें और सफलता की कहानी लिख सकें.’’