राष्ट्रपति का गुरु तेग बहादुर जी के ‘शहीदी दिवस’ की पूर्व संध्या पर  संदेश

रघुनंदन पराशर,  डेमोक्रेटिक फ्रंटजैतो –  23 नवम्बर :

            राष्ट्रपति सचिवालय ने बुधवार को कहा कि श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने गुरु तेग बहादुर जी के ‘शहीदी दिवस’ की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में कहा कि “मैं गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस के अवसर पर, उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था इसीलिए उनके बारे में सही ही कहा जाता है कि “सिर दिया पर सार न दिया।”

            उनके बलिदान को सदैव याद किया जाएगा।उनका यह बलिदान समस्त मानवता के लिए था, जिसके लिए उनको ‘हिन्द की चादर’ कहा गया है। उन्होंने कहा कि आइए हम सब गुरु तेग बहादुर जी के एकता और भाईचारे के जीवन मूल्यों को अपनाने का संकल्प लें।”

75वें वार्षिक निरंकारी संत समागम में दिया गया रुहानियत और इंसानियत का संदेश

रघुनंदन पराशर,  डेमोक्रेटिक फ्रंटजैतो –  23 नवम्बर :

            75वां वार्षिक निरंकारी संत समागम स्वयं में दिव्यता एवं भव्यता की एक अनुठी मिसाल बना जिसमें देश-विदेशों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने सम्मिलीत होकर सत्गुरु के पावन दर्शन एवं अमृतमयी प्रवचनों का आनंद प्राप्त किया। मानवता का यह महाकुम्भ सम्पूर्ण निरंकारी मिशन के इतिहास में निश्चय ही एक मील का पत्थर रहा जो सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बना।निरंकारी संत समागम के इतिहास में ऐसा प्रथम बार हुआ कि जब एक पूरा दिन सेवादल को समर्पित किया गया।

            इस रंगारंग सेवादल रैली में प्रतिभागियों ने शारीरिक व्यायाम, खेलकूद, मानवीय मीनार एवं मल्लखंब जैसे करतब दिखाए। इसके अतिरिक्त वक्ताओें, गीतकारों एवं कवियों ने समागम के मुख्य विषय ‘रूहानियत एवं इन्सानियत’ पर आधारित विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए जिसमें व्याख्यान, कवितायें, ‘सम्पूर्ण अवतार बाणी’ के पावन शब्दों का गायन, समूह गीत एवं लघुनाटिकाओं का सुंदर समावेश था।

            सेवादल रैली में सम्मिलित हुए स्वयंसेवकों को अपना पावन आशीर्वाद प्रदान करते हुए सत्गुरु माता जी ने कहा कि सेवाभाव से युक्त होकर की गई सेवा ही वास्तविक रूप में सेवा कहलाती है। सेवा का अवसर केवल कृपा होती है, यह कोई अधिकार नहीं होता।

             इस वर्ष के समागम का मुख्य विषय रहा ‘रुहानियत और इंसानियत संग संग’। समागम स्थल की ओर जाते समय स्थान स्थान पर लगाये गये होर्डिंग्ज एवं बैनर्स में कोई भी समागम के इस बोध वाक्य को पढ़ सकता था। समागम के इस मुख्य विषय पर ही वक्ताओं ने अपने भावों को विभिन्न विधाओं के माध्यम द्वारा व्यक्त किया।सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने रुहानियत एवं इन्सानियत के संदेश पर अपने आशीर्वचनों में कहा कि आध्यात्मिकता मनुष्य कीे आंतरिक अवस्था में परिवर्तन लाकर मानवता को सुंदर रूप प्रदान करती है। हृदय में जब इस परमपिता परमात्मा का निवास हो जाता है तब अज्ञान रूपी अंधःकार नष्ट हो जाता है और मन में व्याप्त समस्त दुर्भावनाओं का अंत हो जाता है। परमात्मा शाश्वत एवं सर्वत्र समाया हुआ है जिसकी दिव्य ज्योति निरंतर प्रज्ज्वलित होती रहती है। जब ब्रह्मज्ञानी भक्त अपने मन को परमात्मा के साथ इकमिक कर लेता है तब उस पर दुनियावी बातों का कोई प्रभाव नहीं पडता।

            सत्गुरु माता जी ने कहा कि भक्ति करने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती यह किसी भी उम्र और अवस्था में की जा सकती है। वास्तविक रूप में भक्ति ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति के उपरान्त ही सम्भव है।शांति एवं अमन के संदेश की महत्ता को समझाते हुए सत्गुरु माता जी ने कहा कि इन संदेशों को दूसरों को देने सेे पूर्व हमें स्वयं अपने जीवन में धारण करना होगा। किसी के प्रति मन में वैर, ईर्ष्या का भाव न रखते हुए सबके प्रति सहनशीलता एवं नम्रता जैसे गुणों को अपनाते हुए सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनना होगा।

सत्गुरु माता जी ने अपने आशीर्वचनों में कहा कि ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति के उपरान्त जब संत विवेकपूर्ण जीवन जीते हैं तभी वास्तविक रूप में वह वंदनीय कहलाते हैं। फिर वह पूरे संसार के लिए उपयोगी सिद्ध हो जाते हैं। ऐसे संत महात्मा ब्रह्मज्ञान की दिव्य ज्योति का स्वरूप बन जाते हैं और अपने प्रकाशमय जीवन से समाज में

सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज गांधी ग्लोबल फैमिली द्वारा शांतिदूत सम्मान से विभूषित 

रघुनंदन पराशरडेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो –  23 नवम्बर :

            व्याप्त भ्रम-भ्रांतियों के अंधकार से मुक्ति प्रदान करते हैं। ज्ञान के दिव्य चक्षु से संत महात्माओं को संसार का हर एक प्राणी उत्तम एवं श्रेष्ठ दिखाई देता है और समदृष्टि के भाव को अपनाते हुए हृदय में किसी के प्रति नकारात्मक भाव नहीं रखते।  

            समागम के दौरान गांधी ग्लोबल फैमिली द्वारा निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज को शांतिदूत सम्मान से विभूषित किया गया। विश्व शांतिदूत सम्मान के प्रति अपने भाव प्रकट करते हुए सत्गुरु माता सुदीक्षा जी ने अपने प्रवचनों  में कहा कि यह उपलब्धि इन संतों की ही देन है जो इस एक प्रभु को जानकर एकत्व के सूत्र में बंध गए हैं।निरंकारी संत समागम में एक मुख्य आकर्षण रहा बहुभाषीय कवि दरबार, जिसका शीर्षक था ‘रुहानियत और इंसानियत संग संग’। इस विषय पर आधारित बहुभाषीय कवि दरबार में देश विदेशों से आये हुए अनेक कवियों ने हिंदी, पंजाबी, उर्दू, हरियाणवी, मुलतानी, अंग्रेजी, मराठी एवं गुजराती भाषाओं के माध्यम से काव्यपाठ किया। सारगर्भित भावों से युक्त इन कविताओं की मंच पर हो रही सुंदर प्रस्तुति को देखकर श्रोताओं ने करतल ध्वनि से अपना आनंद व्यक्त करते हुए कवि दरबार की भरपूर प्रशंसा की। इसके अतिरिक्त समागम के हर दिन एक लघु कवि दरबार भी आयोजित किया गया जिसमें आध्यात्मिकता एवं मानवता के पहलुओं पर प्रकाश डाला गया।

             स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत समागम स्थल पर 5 एलोपैथिक और 4 होम्योपैथिक डिस्पेन्सरियां थी। इसके अतिरिक्त 14 प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, 1 कायरोप्रैक्टिक चिकित्सा पद्धति शिविर तथा 4 एक्युप्रैशर/फिजियोथेरेपी सुविधा केन्द्र बनाये गए। समागम स्थल पर मंडल की ओर से 12 एवं हरियाणा सरकार की ओर से 20 एम्बुलैन्स की व्यवस्था की गई थी। इसके अतिरिक्त एक 100 बैड का अस्पताल भी जरुरतमंद भक्तों की सेवा कर रहा था।संत समागम की सुरक्षा हेतु मिशन के सैंकड़ों सेवादार दिन-रात ट्रैफिक कंट्रोल की सेवाओं में कार्यरत रहे। समागम मे यातायात प्रबंधन के लिए प्रशासन एवं भारतीय रेलवे ने नियमित आवागमन की यात्रा हेतु दिल्ली के आनंद विहार, हजरत निजामुद्दीन व पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भक्तों को उचित सुविधाएं उपलब्ध करवाई।

            समागम स्थल के निकट भोड़वाल माजरी रेलवे स्टेशन पर आम दिनों में न रुकने वाली ट्रेनों को भी समागम के दिनों में रुकवाने की व्यवस्था रेलवे प्रशासन द्वारा की गई थी।समागम में आये हुए सभी श्रद्धालु भक्तों के लिए समागम स्थल के चारों मैदानों पर लंगर की उचित व्यवस्था की गई थी। इसके अतिरिक्त 22 कैन्टीनों का भी समुचित प्रबंध किया गया था जिसमें सभी भक्तों के लिए रियायती दरों पर चाय, कॉफी, शीतपेय एवं अन्य खाद्य सामग्रीयां उपलब्ध करवाई गई।समागम स्थल पर स्वच्छता का विशेष रूप से ध्यान दिया गया जिसमें लंगर को केवल स्टील की थालियों में ही परोसा गया तथा कैन्टीनों में भी चाय, कॉफी के लिए स्टील के कपों का इस्तेमाल किया गया ताकि वातावरण की शुद्धता एवं स्वच्छता को किसी प्रकार की कोई क्षति न पहुंचे और समागम का सुंदर स्वरूप बना रहे। कचरे का यथायोग्य निपटान करने हेतु भी समुचित प्रबंध किया गया।समागम के विधिवत रूप से संपन्नता के उपरांत सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं उनके जीवनसाथी निरंकारी राजपिता रमित जी ने एक खुले वाहन पर विराजमान होकर समागम के दौरान जहां सारे श्रद्धालु भक्त ठहरे हुए थे उन रिहायशी टैन्टों में जाकर भक्तों को अपने दिव्य दर्शनों से निहाल किया। दिव्य युगल के आगमन से भक्तों कीे खुशी की कोई सीमा न रही। सभी भक्तों ने आनंदविभोर होकर गीत नृत्यों के माध्यम से अपना आनंद व्यक्त किया और अपने सत्गुरू को रिझाया। सतगुरु भी अपने भक्तों के उत्साह को देखकर अति प्रसन्न हुए और सभी को अपना आशीर्वाद प्रदान किया। इसके साथ ही संपूर्ण समागम के मध्य भी निरंतर सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एंव राजपिता रमित जी भी दिन रात मैदानों में रह रहे रिहायशी टैंटों में जाकर अपने आशीर्वाद प्रदान करते हुए निहाल किया।इस विशाल संत समागम के आयोजन की तैयारियां काफी समय पूर्व से ही की जा रही थी जिसका विधिवत उद्घाटन निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन करकमलों द्वारा दि.18 सितंबर, 2022 को किया गया जिसमें स्थानीय भक्तों के अतिरिक्त दिल्ली एवं भारत के अन्य राज्यों से भी सेवादल भाई-बहन और श्रद्धालु भक्तों ने प्रतिदिन आकर तैयारियों में अपना योगदान दिया।

            निरंकारी संत समागम का एक मुख्य आकर्षण ‘निरंकारी प्रदर्शनी’ रहा। 1972 से यह प्रदर्शनी निरंकारी सन्त समागमों का अभिन्न अंग बनती आई है। इसमें मिशन के इतिहास, उसकी विचारधारा एवं समाजिक गतिविधियों को दर्शाया गया था। इस वर्ष यह प्रदर्शनी समागम का मुख्य आकर्षण बनी रही और समागम के दौरान हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्त इस प्रदर्शनी का अवलोकन करते रहे।

            इस वर्ष प्रदर्शनी को छः मुख्य भागों में दर्शाया गया था एवं उसमें आधुनिक तकनिकी का बखुबी इस्तेमाल करके इसे अत्यंत प्रभावशाली बनाया गया था। इन छः भागों में एक मुख्य प्रदर्शनी थी जबकि अन्य भागों में स्टुडियो डिवाईन, बाल प्रदर्शनी, स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग प्रदर्शनी, थिएटर और डिज़ाईन स्टुडियो इत्यादि का सुंदर समावेश था।

            समागम के मुख्य विषय ‘रुहानियत और इन्सानियत संग संग’ के साथ साथ 75 समागमों का इतिहास इस वर्ष निरंकारी प्रदर्शनी में प्रभावशाली ढंग से दर्शाया गया था जिसे देखकर दर्शकों ने अति प्रसन्नता व्यक्त की।

            समागम के समापन सत्र में समागम के समन्वयक जोगिंदर सुखिजा जी ने सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी का हृदय से आभार प्रकट किया। इसके साथ ही सभी सरकारी विभागों एवं प्रशासन का हार्दिक धन्यवाद किया जिन्होंने समागम को सफल बनाने में अपना भरपूर योगदान दिया।

‘द कश्मीर फाइल्स’ ने कश्मीरी पंडितों की त्रासदी का दस्तावेजीकरण करके उनके लिए एक हीलिंग प्रोसेस शुरू किया : अनुपम खेर

  • ‘फिल्म में मेरे आंसू और मुश्किलें असली हैं’ – अनुपम खेर

रघुनंदन पराशरडेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो –  23 नवम्बर :

            सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि द कश्मीर फाइल्स  के मुख्य अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि 32 साल बाद इस फिल्म ने दुनिया भर के लोगों को 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के साथ हुई त्रासदी के बारे में जागरूक होने में मदद की है। वे पणजी, गोवा में 53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में आयोजित इफ्फी टेबल टॉक्स में हिस्सा ले रहे थे।उन्होंने कहा,”ये सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्म है। निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने इस फिल्म के लिए दुनिया भर से लगभग 500 लोगों का साक्षात्कार लिया था। 19 जनवरी 1990 की रात को बढ़ती हिंसा के बाद 5 लाख कश्मीरी पंडितों को कश्मीर घाटी में अपने घरों और यादों को छोड़ना पड़ा था।एक कश्मीरी हिंदू के रूप में मैंने उस त्रासदी को जिया है। लेकिन उस त्रासदी को कोई कुबूल करने को तैयार नहीं था। दुनिया इस त्रासदी को छिपाने की कोशिश कर रही थी। इस फिल्म ने उस त्रासदी का दस्तावेजीकरण करके एक हीलिंग प्रोसेस शुरू किया।”एक त्रासदी को परदे पर जीने की प्रक्रिया याद करते हुए अनुपम खेर ने कहा कि “द कश्मीर फाइल्स” उनके लिए सिर्फ एक फिल्म नहीं है,बल्कि एक भावना है जिसे उन्होंने निभाया है। उन्होंने कहा, “चूंकि मैं उन लोगों का प्रतिनिधित्व करता हूं जिन्हें उनके घरों से निकाल दिया गया है, इसलिए मैं सर्वोत्तम संभव तरीके से इसे व्यक्त करने को एक बड़ी जिम्मेदारी मानता हूं। मेरे आंसू, मेरी मुश्किलें जो आप इस फिल्म में देख रहे हैं, वे सब असली हैं।”

            अनुपम खेर ने आगे कहा कि इस फिल्म में एक अभिनेता के रूप में अपने शिल्प का इस्तेमाल करने के बजाय, उन्होंने असल जिंदगी की घटनाओं के पीछे की सच्चाई को अभिव्यक्ति देने के लिए अपनी आत्मा का इस्तेमाल किया। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि फिल्म के पीछे मुख्य विषय ये है कि कभी हार नहीं माननी चाहिए। उन्होंने कहा, “उम्मीद हमेशा आसपास ही कहीं होती है।”कोविड महामारी और उसके बाद लगे लॉकडाउन ने लोगों के फिल्में देखने के तरीके को प्रभावित किया है। अनुपम खेर ने इस तथ्य पर जोर देते हुए कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म से दर्शकों को विश्व सिनेमा और विभिन्न भाषाओँ की फिल्में देखने की आदत पड़ गई है। उन्होंने कहा, “दर्शकों को यथार्थवादी फिल्मों का स्वाद मिला। जिन फिल्मों में वास्तविकता का अंश होगा, वे निश्चित रूप से दर्शकों के साथ जुड़ेंगी। कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्मों की सफलता इसका प्रमाण है। गाने और कॉमेडी के बगैर भी यह फिल्म कमाल की साबित हुई। यह वास्तव में सिनेमा की जीत है।”उन्होंने उभरते फिल्म निर्माताओं को सलाह देते हुए कहा कि किसी को भी अपने जेहन से यह धारणा निकाल देनी चाहिए कि वे किसी भाषा विशेष के फिल्म उद्योग से आते हैं। श्री खेर ने कहा, “इसके बजाय, सभी फिल्म निर्माताओं को खुद की पहचान भारतीय फिल्म उद्योग के एक ऐसे फिल्म निर्माता के रूप में करनी चाहिए जोकि एक खास भाषा की फिल्म कर रहा है। यह फिल्म उद्योग जिंदगी से भी बड़ा है।”इफ्फी के साथ अपनी यात्रा को याद करते हुए अनुपम ने कहा कि उन्होंने पहली बार 1985 में 28 साल की उम्र में अपनी फिल्म सारांश के लिए इफ्फी में भाग लिया था। उन्‍होंने कहा, “चूंकि मैंने उस फिल्म में 65 साल की उम्र के व्‍यक्ति का किरदार निभाया था, इसलिए उस समय इफ्फी में मुझे किसी ने नहीं पहचाना। 37 साल बाद 532 से अधिक फिल्मों के साथ इफ्फी के लिए फिर से गोवा में होना, मेरे लिए एक महान क्षण है, जो एक प्रतिष्ठित महोत्‍सव बनकर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ महोत्‍सवों में शुमार हो चुका है।”

            बातचीत में अनुपम खेर ने यह भी घोषणा की कि वह उड़िया फिल्म प्रतीक्षा का हिंदी में निर्माण करेंगे, जो – पिता-पुत्र की एक जोड़ी की कहानी है, जिसमें बेरोजगारी एक प्रमुख विषय है। उन्‍होंने कहा कि वह स्‍वयं भी इसमें एक मुख्य भूमिका निभाएंगे। प्रतीक्षा के निदेशक अनुपम पटनायक भी महोत्‍सव स्थल पर पीआईबी द्वारा कलाकारों और फिल्मकारों की मीडिया और प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बातचीत के दौरान मंच साझा कर रहे थे। कश्मीर फाइल्स के निर्माता अभिषेक अग्रवाल ने बातचीत में शामिल होते हुए कहा कि यह फिल्म थी जिसने उन्हें चुना था, न कि उन्‍होंने इस फिल्‍म को चुना था।

            सारांश: कृष्णा पंडित एक युवा कश्मीरी पंडित शरणार्थी हैं जो अपने दादा पुष्करनाथ पंडित के साथ रहते हैं। उनके दादा ने 1990 में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को देखा था। उन्हें कश्मीर से भागना पड़ा था और उन्‍होंने जीवन भर धारा 370 को निरस्‍त किए जाने के लिए संघर्ष किया था। कृष्‍णा का मानना है कि उनके माता-पिता की मौत कश्मीर में एक दुर्घटना में हुई थी। जेएनयू के छात्र के रूप में, अपनी गुरु प्रोफेसर राधिका मेनन के प्रभाव में वह इस बात पर यकीन करने से इंकार करते हैं कि कोई नरसंहार हुआ था और वह आज़ाद कश्मीर के लिए लड़ता है। अपने दादा की मृत्यु के बाद ही उन्‍हें सच्चाई का पता चलता है।

शिवालिक किड्ज स्कूल जैतो में अंतर हाऊस क्विज प्रतियोगिता का आयोजन

रघुनंदन पराशर,  डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो –  23 नवम्बर :

            बच्चों में शैक्षिक प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देने के लिए शिवालिक किड्ज स्कूल इकाई जैतो में अंतर सदन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें अशोका हाऊस, अकबर हाऊस, शिवाजी हाऊस और रंजीत हाऊस की कक्षाओं से प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें 5वीं से 8 वीं कक्षा तक के बच्चों ने भाग लिया।

इस प्रतियोगिता में पूरे जोश के साथ भाग लेकर बच्चों ने अपना हुनर ​​दिखाया। प्रतियोगिता में विज्ञान, गणित और सामाजिक अध्ययन से संबंधित प्रश्न पूछे गए। प्रतियोगिता को चार वर्गों में विभाजित किया गया था, प्रतियोगियों के लिए तीन खंड और दर्शकों के लिए चौथा खंड। हर बच्चे ने अपने घर को आगे लाने और जीतने की पूरी कोशिश की।

            रंजीत हाऊस और शिवाजी हाऊस की टीमों के बीच मुकाबला बराबर अंकों से अटक गया,लेकिन रंजीत हाऊस ने आखिरी सवाल का सही जवाब दिया और प्रतियोगिता जीत ली।

            स्कूल की प्रिंसिपल व शिक्षा शास्त्री श्रीमती अमनप्रीत कौर ने विजेता टीम को बधाई दी और अन्य छात्रों से इस तरह की शैक्षिक गतिविधियों में भाग लेने की अपील की.विजेता टीम को बधाई।

प्राथमिक प्रशिक्षण केन्‍द्र, भारत तिब्‍बत सीमा पुलिस बल, भानु  में अन्‍तर सीमान्‍त खेल कूद  प्रतियोगिताओं में सभी टीमें लगा रही अपना अपना जोर

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, प्रा‍थमिक प्रशिक्षण केन्‍द्र, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल, भानु, पंचकूला (हरियाणा)

         ईश्‍वर सिंह दुहन, महानिरीक्षक, के कुशल मार्गदर्शन में प्राथमिक प्रशिक्षण केन्‍द्र में दिनांक’ 21.11.22 से 26.11.22 तक बल स्‍तर की विभिन्‍न प्रकार की 06 प्रतियोगिताएं जैसे मैराथन, एआईपीडीएम शूटिंग, कमाण्‍डों, फायर विद एनवीडी, ऑप्टिकल एवं वेटनरी फस्‍ट एड फोर इक्‍वाईन्‍स एंड केनायन इत्‍यादि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाना है। इन प्रतियोगिताओं में भारत तिब्‍बत सीमा पुलिस बल के 06 फ्रन्टियरों की टीमें भाग ले रही हैं। 

                भारत तिब्‍बत सीमा पुलिस बल की अन्‍तर सीमान्‍त प्रतियोगिताओ में दिनांक  23.11.2022 को होने वाली खेल-कूद प्रतियोगिताओं में डॉ. ए.एस. चावला भा.पु.से. अपर महानिदेशक पुलिस (एडमिनिस्‍ट्रेशन एंड आई.टी एंड टेली) हरियाणा पुलिस, मुख्‍य अतिथि थे। इस अवसर पर श्री विक्रान्‍त थपलियाल, सेनानी (प्रशिक्षण) एवं इस अवसर पर बाहर के एवं स्‍थानीय आमंत्रित गणमान्‍य व्‍यक्ति गण  प्राथमिक प्रशिक्षण केन्‍द्र के अधिकारीगण और इन प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी फ्रंटियरों से आये हुए प्रतिभागी एवं केन्‍द्र के अन्‍य पदाधिकारी उपस्थित रहे। 

             बल स्‍तर की इन खेलकूद प्रतियोगिताओं में दिनांक 23.11.2022 को एथलेटिक्‍स प्रतियोगिता में से 5000 मीटर  फाइनल,  डिस्‍क थ्रो फाइनल, हैमर थ्रो फाइनल तथा एआईपीडीएम शूटिंग, प्रतियोगिता में राईफल्‍स इवेंटस में 300 मीटर स्‍नेप शूटिंग का आयोजन किया गया। एथलेटिक्‍स प्रतियोगिता में 5000 मीटर फाइनल में कांस्‍टेबल पवन, उत्‍तरी फ्रंटियर, प्रथम स्‍थान हासिल कर स्‍वर्ण, कांस्‍टेबल जयवीर, प्रशिक्षण फ्रंटियर, ने द्वितीय स्‍थान हासिल कर रजत एवं कांस्‍टेबल कृश कुमार, पूर्वी पश्‍चमी फ्रंटियर, द्वारा तृतीय स्‍थान प्राप्‍त कर कास्‍य पदक हासिल किया। हैमर थ्रो में हैड कांस्‍टेबल मनोज तिवारी, उत्‍तरी फ्रंटियर, प्रथम स्‍थान हासिल कर स्‍वर्ण, कांस्‍टेबल सुरेन्‍द्र, प्रशिक्षण फ्रंटियर, द्वारा द्वितीय स्‍थान हासिल कर रजत एवं हैड कांस्‍टेबल, पूर्वी पश्‍चमी फ्रंटियर, द्वारा तृतीय स्‍थान प्राप्‍त कर कास्‍य पदक हासिल किया। 800 मीटर के फाइनल में कांस्‍टेबल टी.अमर सिंह, प्रशिक्षण फ्रंटियर, ने प्रथम स्‍थान प्राप्‍त कर स्‍वर्ण, कांस्‍टेबल हंसराज, उत्‍तरी फ्रंटियर, ने द्वितीय स्‍थान हासिल कर रजत एवं कांस्‍टेबल  बी. नानाजी, पूर्वी फ्रंटियर, ने तृतीय स्‍थान प्राप्‍त कर कास्‍य पदक हासिल किया। एआईपीडीएम शूटिंग, प्रतियोगिता में राईफल्‍स इवेंटस में 300 मीटर स्‍नेप शूटिंग में कांस्‍टेबल बजरंग लाल, प्रशिक्षण फ्रंटियर, प्रथम स्‍थान हासिल कर स्‍वर्ण, कांस्‍टेबल सुभाष भोई, सेंटर फ्रंटियर, ने द्वितीय स्‍थान हासिल कर रजत एवं कांस्‍टेबल सुनील कुशवाह, उत्‍तरी पश्चिम फ्रंटियर, ने तृतीय स्‍थान प्राप्‍त कर कास्‍य पदक हासिल किया। 

            इस अवसर पर मुख्‍य अतिथि महोदय द्वारा  अपने अनुभवों को साझा किया गया महोदय ने बताया कि मैंने इस बल को बहुत नजदीक से देखा है और हिमाचल के शिमला सेक्टर में बतौर उप महानिरीक्षक 2 वर्ष बल में कार्य किया है तब मैंने महसूस किया है की सभी बलो में आईटीबीपी के जवान विषम परिस्थितियों में अपने को समायोजित कर ड्यूटी का निर्वहन करते है एवम्   दिनांक 23.11.2022 को आयोजित की गई खेलकूद प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्‍थान प्राप्‍त करने वाले सभी प्रतिभागियों को मेडल देकर सम्‍मानित किया और इन खेलो में प्रतिभाग करने वाले सभी  खिलाडियों को बधाई एवं शुभ कामनाएं दी गई तथा सभी खिलाडियों को अनुशासन एवं खेल भावनाओं के साथ खेल खेलने के लिए प्रोत्‍साहित किया गया ।    

निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का हुआ आयोजन

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर:

            श्री राधा कृष्ण क्लीनिक, रादौर रोड यमुनानगर के प्रांगण में फ्री मेडिकल जांच कैंप का आयोजन किया गया। जिसमें डॉ नवदीप दुरजा, डॉ रचना एवं सिपला कंपनी की ओर से उपस्थित कमल व दीपक भाटिया द्वारा फेफड़ों की जांच पीएफटी टेस्ट नि:शुल्क किया गया व शिविर में उपस्थित सभी लोगों की सांस के रोगों की जांच स्पायरोमीटर द्वारा निशुल्क की गई! वही इस शिविर में डॉ नवदीप द्वारा शिविर में उपस्थित मरीजों को सांस के रोगों से संबंधित सभी बीमारियों व दवाइयों के बारे में जानकारी दी गई।

विधायक घनश्यामदास अरोड़ा व मेयर मदन चौहान ने किया लाजपत नगर में पाइप लाइन के कार्य का उद्घाटन

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर:

            भाजपा विधायक घनश्यामदास अरोड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि यमुना नगर विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य करवाने के लिए पूरी तरह से कृत संकल्प है ,इसी कड़ी के अंतर्गत यमुना नगर विधानसभा क्षेत्र के लाजपत नगर में पीने के पानी की पाइप लाइन डालने के कार्य का उद्घाटन उन्होंने व मेयर मदन चौहान ने किया साथ में भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सपरा व पब्लिक हेल्थ विभाग के अधिकारी साद रहे, विधायक घनश्यामदास अरोड़ा जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग ₹20 लाख रूपये है और इस क्षेत्र में पीने के पानी की नई पाइप लाइन डालने से लोगों को घर में साफ पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहेगा।

            भाजपा विधायक घनश्याम दास ने कहा कि भाजपा सरकार की भरसक कोशिश है कि लोगों को मूलभूत सुविधाएं सड़क ,पानी व बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो और लगातार और भी विकास कार्य करोड़ों रूपयों की लागत से यमुनानगर विधानसभा में करवाए जा रहे हैं,नगर निगम मेयर मदन चौहान ने बताया कि नगर निगम के क्षेत्र में लगातार विकास कार्य भाजपा सरकार द्वारा करवाए जा रहे हैं।

            इन विकास कार्यों का हजारों लोगों को फायदा होगा नगर निगम के क्षेत्र में आने वाली सभी सड़कों की साफ-सफाई का भी विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है,नगर निगम के क्षेत्र में लगातार नागरिकों को भाजपा सरकार ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं प्रदान कर रही है, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सपरा ने कहा कि भाजपा सरकार सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के  सिद्धांत पर चलते हुए पूरे क्षेत्र में एक समान विकास कार्य करवा रही है।

            इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सपरा,जिला महामंत्री कृष्ण सिंगला, पार्षद प्रिंस डग्गा,मंडल अध्यक्ष विभोर पहुजा,महामंत्री अमन सग्गर, राकेश शर्मा,नीतीश दुआ ,भाजपा जिला मीडिया प्रमुख कपिल मनीष गर्ग साथ रहे।

जगाधरी विधानसभा के गांव छछरौली शेरपुर मोड़ से गाँव कोट तक की सड़क का काम हुआ शुरू, हजारों लोगों को होगा लाभ:- कंवरपाल गुर्जर 

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर:

            हरियाणा सरकार में शिक्षा ,वन व पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने जानकारी देते हुए बताया कि जगाधरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वह लगातार विकास कार्य करवा रहे हैं ,इसी कड़ी के अंतर्गत लगभग 5.50 करोड़ रुपये की ग्रांट से छछरौली शेरपुर मोड से लेकर गांव कोट तक की सड़क बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है,पहले इस सड़क पर बरसाती पानी ओवरफ्लो आने से सड़क काफी खस्ताहाल स्थिति में हो गई थी, अब सड़क को ऊंचा उठाकर बनाया जा रहा है ,सड़क में पानी की निकासी के लिए जगह-जगह पुलिया का निर्माण भी किया जा रहा है ताकि बारिश आने पर या बाढ़ का ओवरफ्लो पानी आने पर भी सड़क को किसी प्रकार की कोई क्षति न पहुंचे।

            शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने बताया कि सड़क के दोनों ओर पौधरोपण भी किया जाएगा व सड़क के दोनों तरफ बोर्ड भी लगाए जाएंगे,शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने जानकारी देते हुए बताया कि शेरपुर मोड से गांव कोट तक के लगभग सौ गांवों के हजारों लोगों को इस सड़क मार्ग से प्रतिदिन गुजरना होता है ,हजारों लोगों को यह मार्ग बनने से काफी सुविधा होगी।

            शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि भाजपा सरकार के पास विकास कार्यों के लिए पर्याप्त मात्रा में धन है और भाजपा सरकार सड़कों के निर्माण के लिए कृत संकल्प है,शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने बताया कि पहले मानसूनी सीजन होने की वजह से सड़कों पर कार्य नहीं लगाया जा सकता था परंतु अब मानसून सीजन पूरा हो गया है अब सड़कों पर कार्य लगा दिया गया है,सडकें मजबूत अच्छी गुणवत्ता की बनाई जा रही है।

दिव्यांग बच्चों के साथ मिलकर आयोजित किया चाइल्डलाइन से दोस्ती कार्यक्रम

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर:

            उत्थान संस्थान की ईकाई चाइल्ड लाइन यमुनानगर की टीम ने वर्ल्ड ऑफ इंग्लिश के सदस्यो और बच्चो ने दिव्यांग बच्चो के साथ मिलकर चाइल्डलाइन से दोस्ती कार्यक्रम मनाया।जिसमे उत्थान संस्थान की डायरेक्टर डॉक्टर अंजू बाजपई ने सभी का स्वागत किया  और सभी को बाल अधिकारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।उन्होंने चाइल्ड लाइन की सेवाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि चाइल्ड लाइन-1098 चौबीस घंटे चलने वाली मुफ्त आपातकालीन राष्ट्रीय फोन सेवा है।

            यह उन बच्चों के लिए जिन्हें देखभाल एवं सुरक्षा की जरूरत है। कोई बच्चा बीमार या अकेला हो,कोई बच्चा बीमार या अनाथ या बेसहारा हो, बाल बंधुआ मजदूर हो या बच्चे से मजदूरी करवा कर उसकी मजदूरी न दी गई हो, रास्ते पर किसी बच्चे का उत्पीड़न हो रहा हो तो 1098 पर कोई भी व्यक्ति कॉल कर बच्चे की मदद कर सकता है। कार्यक्रम के दौरान चाइल्डलाइन की समन्वयक शैफाली ने कहा कि बच्चों का किसी प्रकार से उत्पीड़न न हो, इसके लिए उन्हें संरक्षण देने की जरूरत है तथा बच्चों को नियमित स्कूल भेजने और उन्हें अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए सबको आगे आना चाहिए। 

            बच्चे अगर किसी मुसीबत मे हों तो वे घबराएं नहीं। चाइल्ड लाइन सेवा का नंबर 1098 पर कॉल करें और अपनी समस्या बताएं। टीम के सदस्य मौके पर पहुंचेंगे और बच्चे की समस्या दूर करने की कोशिश करेंगे। वर्ल्ड ऑफ इंग्लिश की सदस्य निवेदिता तयाल और पायल गर्ग जी ने चाइल्डलाइन के कार्य की सराहना करते हुए कहा की सभी को बच्चो के अधिकारो के लिए आगे आना चाहिए ताकि कोई बच्चा इन अधिकारो से वंचित न रहे।क्योंकि आज के बच्चे ही कल का भविष्य है तभी हमारा देश विकसित होगा।सभी बच्चो को खाद्य सामग्री और पाठ्य सामग्री भी वितरित की गई।

            मौके पर वर्ल्ड ऑफ इंग्लिश के बच्चे और चाइल्डलाइन टीम से सुमित सोनी,हनी, रविन्द्र मिश्रा,स्वाति,अनीता जी, जानकी प्रसाद मौजूद रहे।

फिबोनैकी दिवस के अवसर पर छात्राओं को बेस्ट पीपीटी के लिए किया गया सम्मानित 

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर:

            डीएवी कॉलेज फ़ार गर्ल्स के गणित एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा फिबोनैकी दिवस के अवसर पर प्रिंसिपल डॉ मीनू जैन के प्रतिनिधित्व और गणित विभागाध्यक्ष  संगीता गोयल और  कनिका गोयल के मार्गदर्शन में पॉवरपॉइंट प्रेजेंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया ! कार्यक्रम का आयोजन डॉ अंकिता रॉय चौधरी व  प्राध्यापिका  सुनामिका शर्मा  ने किया ! मंच संचालन डॉ अंकिता ने किया !

            प्रिंसिपल डॉ मीनू जैन ने छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया ! इस प्रतियोगिता में 20 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया , जिसमें फिबोनैकी के महत्व को कला , अभियांत्रिकी  व प्रकृति को स्लाइड्स के माध्यम से दर्शाया गया !

            इस अनुक्रम की उत्पत्ति 200 ईसा पूर्व के आसपास एक भारतीय ऋषि आचार्य पिंगला के द्वारा हुई थी और बाद में इसे फिबोनैकी  द्वारा पश्चिमी देशों में पेश किया गया । 

             विजेताओं की घोषणा निर्णायक मंडल डॉ सुनीता कौशिक, अनु शर्मा और मनिका सेठी के द्वारा की गई ! जिसमें प्रथम पुरस्कार बीएससी प्रथम वर्ष गणित ऑनर्स की निश्चल और गुरलीन कौर , द्वितीय पुरस्कार बीएससी कंप्यूटर साइंस , प्रथम वर्ष की सुहानी , तृतीय  पुरस्कार एमए प्रथम वर्ष , रिद्धिमा बब्बर  व  सांत्वना पुरस्कार  बीएससी प्रथम वर्ष गणित ऑनर्स  मानसी कश्यप और कामिनी को मिला।