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पंचांग, 21 नवम्बर 2022

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – 21 नवम्बर 22 :

Pradosh Vrat November 2022: See When Is Som Pradosh Fast? Learn Muhurta And  Ways To Please Shiva - Pradosh Vrat November 2022: देखें सोम प्रदोष व्रत कब  है ? जानें मुहूर्त और
आज प्रदोष व्रत है

नोटः आज प्रदोष व्रत है।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः मार्गशीर्ष, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः द्वादशी प्रातः 10.08 तक है, 

वारः सोमवार। 

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः चित्रा, रात्रि कालः 24.14 तक है, 

योगः आयुष्मान रात्रि काल 09.06 तक, 

करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः वृश्चिक, चंद्र राशिः कन्या, 

सूर्योदयः 06.53, सूर्यास्तः 05.21 बजे। 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,