कंप्यूटर बंद क्यों है जवाब आज ही बंद हुआ : एपीआरओ, ये ही देखने आया हूं : सीएम मीडिया सलाहकार

छत में सीलन, एक साल से एलसीडी बंद को भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए अधिकारी 

कोशिक खान, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर :

            सीएम के मीडिया सलाहकार अमित आर्य ने मीडिया सेंटर का दौरा किया। इस दौरान मिली खामियों पर जनसंपर्क विभाग के अधिकारी उनको जवाब नहीं दे पाए। सबसे पहले आर्य कंप्यूटर रूम में पहुंचे। उन्होंने कर्मचारियों को कंप्यूटर चलाने के लिए कहा, उनका जवाब था कि कंप्यूटर आज ही खराब हुआ है। इस पर आर्य ने कहा कि वह इसको ही देखने के लिए आया हूं। तभी उनकी नजर छत में आई सीलन पर पड़ गई। इसका भी डीपीअार के अधिकारी व कर्मचारी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने बिल्डिंग को ठीक करवाने के लिए कहा। बाद में प्रेस क्लब की ओर से पत्रकारों के हितों की आवाज उठाते हुए चार सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा गया। आर्य ने कहा कि हाउसिंग सोसायटी की योजना को पंचकूला से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में  लागू किया है। कैशलेस हेल्थ पालिसी का भी 90 फीसदी कार्य हो चुका है भाजपा सरकार पत्रकारों के लिए और भी योजना तैयार कर रही है। 

पत्रकारों से पूछा क्या दिक्कत आ रहे है आपको

            आर्य ने कहा कि वह उनके परिवार का सदस्य है। लंबे समय तक पत्रकारिता की है। अब सरकार में जिम्मेदारी दी है। उनको भी ईमानदारी से निभाया जा रहा है। भाजपा सरकार ने पत्रकारों के लिए कल्याणकारी योजनाएं बनाई है। अब उनको दूसरे राज्यों की सरकार भी अपनाने लगी है। उनको इस जिम्मेदारी पर आठ साल हो गई। हरियाणा के अलावा दूसरे राज्यों में कहीं भी मीडिया सेंटर की सुविधा नहीं है। अब पत्रकारों को आयुष्मान योजना में कैटेगिरी के हिसाब से शामिल किया जा रहा है। यह भी बड़ी उपलब्धि होगी। पत्रकारों को निष्पक्ष होकर अपना काम करना चाहिए। समाज व राष्ट्रहित को सभी के मन में होनी चाहिए। 

ये मांग रखी पत्रकारों ने : 

            प्रेस क्लब आफ डिस्ट्रिक्ट के अध्यक्ष प्रभजीत सिंह उर्फ लक्की, महासचिव हरीश कोहली व अन्य पत्रकारों की पेंशन में जहां नियमों को सरल किया जाए। ऐसा करने से ज्यादा पत्रकारों को सरकार की योजना का लाभ होगा। काेरोना काल में ट्रेन में दी जाने यात्रा की सुविधा बंद हो गई थी। इसको फिर से शुरू किया जाए। दूसरे जिले व प्रदेशों से आने वाले मीडिया कर्मचारियों को आवासीय योजना की सुविधा दी जाए।

            डीपीआरओ कार्यालय में एक रजिस्टर रखा जाए ताकि पत्रकार अपने सुझाव एवं शिकायतों को लिखा जाए। इस रजिस्टर का हर माह मीडिया सलाहकार अथवा कोई अन्य अधिकारी अवलोकन करें। पत्रकारों के समक्ष आने वाली कठिनाइयों व समाचार संकलन के दौरान आने वाली चुनौतियों की चर्चा की।  सरकार द्वारा हर माह पत्रकारों और प्रशासन के बीच होने वाली बैठक भी लंबे समय से स्थगित पड़ी है। पहले मासिक बैठक होती थी। जिससे पत्रकार और प्रशासन जनता से जुड़ी समस्याओं का आदान-प्रदान होता था। उनको फिर से शुरू किया जाए। 

ये रहे मौके पर : 

            नरेश उप्प्ल, संदीप शर्मा, प्रदीप शर्मा, सर्वजीत बावा, राकेश भारती, सुनील कुमार, परवेज खान, सुमित ओबराय, सतीश धीमान, कोशिक खान, कुलवंत, कुलभूषण सैनी, राकेश जोली, राजीव मेहता, रामरतन, राजीव जोली, मोहित वर्मा, अजय खुराना, मनप्रीत कौर, सुधा व अन्य पत्रकार मौजूद रहे