सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर :
यमुनानगर जगाधरी चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का स्वर्ण जयंती समारोह बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी में शेपिंग यंग माइंड विषय पर प्रबंधन विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में सरस्वती शुगर मिल्स लिमिटेड के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर एस के सचदेवा, ओरिएंटल इंजीनियरिंग वर्कस प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर रमन सलूजा, ईरोल एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड की मैनेजिंग डायरेक्टर निधि व प्रधान डॉक्टर एम॰के॰ सहगल वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती और भगवान गणेश के चरणों में दीप प्रज्जवलित करके किया गया।
एस के सचदेवा ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि व्यक्ति को खुद पर पूरा भरोसा होना चाहिए । जीवन में कई बार असफलताओं के आने या दूसरे कारणों से आत्मविश्वास कम होने लगता है। ऐसे हालात में अपने मन को सकारात्मक रखना बहुत जरूरी है। उस समय हमेशा जीतने की तरफ ध्यान केंद्रित करना चाहिए। साथ ही आपने जो भी चीजें अपनी मेहनत से हासिल की हैं उनके बारे में सोचिए। ऐसा करने से आपको अच्छा लगेगा और आत्मविश्वास बढ़ेगा। साथ ही उन्होंने बताया कि किसी भी काम को करने के लिए प्लान ए के साथ प्लान बी होना बहुत जरुरी है इससे दिल में एक उम्मीद जिंदा रहती है। प्लान बी होने की वजह से प्लान ए पर रहते हुए हर समय सुरक्षित महसूस होता है। उन्होंने मल्टीटास्किंग और मल्टीस्किलिंग बारे भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को मल्टीटास्किंग आनी चाहिए । मल्टीटास्किंग से तात्पर्य एक कार्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए दूसरों पर नज़र रखते हुए एक साथ कई जिम्मेदारियों को प्रबंधित करने की क्षमता से है। कार्यस्थल में, मल्टीटास्किंग में अक्सर उनके महत्व और तात्कालिकता के आधार पर कार्यों के बीच आगे और पीछे स्विच करना शामिल होता है।इससे समय और पैसा बचता है और उत्पादकता बढ़ती है।
रमन सलूजा ने बताया कि तकनीक ने विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज के समय कोई भी जानकारी मोबाइल के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है । संचार के माध्यम से हम किसी दूर के स्थान पर किसी को भी देख व समझ सकते है । उन्होंने कहा कि सभी को खुले विचारो वाला होना चाहिए इससे व्यक्तिगत विकास होता है और हम गलत मान्यताओ धारणाओ से उपर उठकर दुनिया के लिए खुला और व्यापक नजरिया रखते है। उन्होंने सभी को सब को साथ लें जाने वाली नेचर अपनाने बारे कहा क्यूंकि ऐसा व्यक्ति प्रतिकूल परिस्थितयो में पहले समस्या को परिभाषित करने में मदद करता है और फिर अपने सहकर्मियों को संभावित उत्तरों के साथआने के लिए प्रेरित करता है। निधी ने टीमवर्क करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे रचनात्मकता बढ़ती है। साथ ही व्यक्तिगत कार्य करने से कार्यभार और जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं जिससे तनाव में वृद्धि होती है। टीम वर्क कार्यों और जिम्मेदारियों को साझा करने की अनुमति देता है जिससे तनाव कम हो जाता है। उन्होंने अपनी कम्पनी के भी कई उदाहरण दिए।
विख्यात शिक्षाविद् व चेंबर के प्रधान डॉक्टर एम॰के॰ सहगल ने कहा कि व्यक्ति को अपनी ताकत को पहचान कर शुरुआत करनी चाहिए। जो व्यक्ति अपनी ताकत को पहचान कर काम करता है वह उन्नति के पथ पर सदैव अग्रसर होता है और साथ ही उसमे अपनी कमजोरियों को ठीक करने की ऊर्जा उत्पन्न होने लगती है। व्यक्ति को जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता हैं जिसमे कभी जीतते या कभी हारते हैं। जीतने पर आनंद लेना चाहिए परन्तु इसे सिर पर मत चढ़ने देना चाहिए । जिस क्षण यह होता है तो समझ लेना चाहिए के आप असफलता के रास्ते पर हैं। हारने पर किसी को भी दोषी न ठहराए। हार को स्वीकार कर सबक लेकर आगे बढ़ना चाहिए ।हमें सदेव कृतज्ञा होना चाहिए। बहुत से लोग दूसरों की कमियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, क्योंकि जाहिर है कि कोई भी व्यक्ति पूर्ण नहीं हो सकता है। लेकिन हमें जो मिला है, उसे पहले स्वीकार करना महत्वपूर्ण है।व्यक्ति को हमेशा उत्कृष्टता के लिए प्रयास करना चाहिए। उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए बेहतर लोगों को देखना चाहिए।उत्कृष्टता कोई कार्य नहीं बल्कि एक आदत है, व्यक्ति को विपरीत परिस्थितियों में कभी हार नहीं माननी चाहिए। उन्हें साहस और गरिमा के साथ स्थिति से निपटने का प्रयास करना चाहिए। व्यक्ति को बदलाव के लिए तैयार रहना चाहिए परन्तु अपने मूल्यों से समझौता नहीं करना चाहिए।
इस अवसर पर पूर्व प्रधान सुशील अग्रवाल, पूर्व सचिव वीरेंदर मेहंदीरत्ता, सेक्रेटरी जनरल समीरा सलूजा, सचिव शिवम् सलूजा व निदेशक नरेंदर राणा विशेष रूप से उपस्थित रहे।