केंद्र ने निर्यात संवर्धन योजनाओं के लिए भारतीय रुपए में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार निपटानों की दी अनुमति 

भारतीय रुपए में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार लेनदेनों को सुगम तथा सरल बनाने का निर्णय

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 9 नवम्बर  :

            वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि भारत सरकार ने भारतीय रुपए में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार निपटानों अर्थात चालान, भुगतान और भारतीय रुपए में निर्यात/आयात के निपटान के लिए विदेश व्यापार नीति तथा प्रक्रियाओं की पुस्तिका में उपयुक्त संशोधन किए हैं। इसी के अनुरूप, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने पहले ही 11 जुलाई 2022 के भारतीय रिजर्व बैंक (डीआईआर) की परिपत्र संख्या 10 के अनुरूप चालान, भुगतान और भारतीय रुपये में निर्यात/आयात के निपटान की अनुमति देने के लिए दिनांक 16 सितम्बर 2022 की अधिसूचना संख्या 33/2015-20 का पैरा 2.52(डी) लागू कर दिया।

            उपरोक्त अधिसूचना की निरंतरता में,11 जुलाई 2022 के भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार भारतीय रुपए में निर्यात प्राप्तियों के लिए विदेश व्यापार नीति के तहत निर्यात लाभों/छूटों/ निर्यात बाध्यताओं की पूर्ति की मंजूरी के लिए विदेश व्यापार नीति के पैरा 2.53 के तहत परिवर्तन लागू किए गए हैं।

            भारतीय रुपये में निर्यात प्राप्ति के लिए अद्यतन प्रावधानों को निर्यातों के लिए आयातों (एफटीपी का पैरा 2.46), स्थिति धारकों के रूप में मान्यता के लिए निर्यात निष्पादन (एफटीपीका पैरा 3.20), अग्रिम प्राधिकरण (एए) तथा शुल्क मुक्त आयात प्राधिकरण (डीएफआईए) (एफटीपी का पैरा 4.21) के तहत निर्यात आय की प्राप्ति और निर्यात संवर्धन पूंजीगत वस्तुओं (ईपीसीजी) स्कीम (एचबीपी का पैरा 5.11) के तहत निर्यात आय की प्राप्ति के लिए अधिसूचित किया गया है।

            इसी के अनुसार, विदेश व्यापार नीति के तहत, लाभों/छूटों/निर्यात बाध्यताओं की पूर्ति को 11 जुलाई 2022 के भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार भारतीय रुपये में प्राप्ति के लिए विस्तारित कर दिया गया है। भारतीय रुपये के अंतर्राष्ट्रीयकरण में बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए, भारतीय रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार लेनदेनों को सुगम बनाने तथा उसमें सरलता लाने के लिए ये नीतिगत संशोधन आरंभ किए गए हैं।