करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरतगढ़ :
श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय की विधानसभा सीट पर राजनैतिक दृष्टि से चुनाव में नया चेहरा पॉपुलर चेहरा शिव स्वामी अन्य सभी राजनीतिक दलों पर भारी पड़ सकता है और भारतीय जनता पार्टी के सपने फिर से पूरे हो सकते हैं। भाजपा इस सीट पर विजय पताखा फहरा सकती है।
शिवकुमार स्वामी भारतीय जनता पार्टी के 40 वर्षों से अनेक पदों पर कार्य करते हुए लगभग सभी चुनावों में चाहे वह विधानसभा हो या लोकसभा चुनाव,नगर परिषद और पंचायत समिति चुनाव हों सक्रिय योगदान देने वालों में आगे रहे हैं। पिछले दो चुनावों का भीतरी और बाहरी तौर पर मनन करें और अन्य दावे करते चेहरों को भी समीक्षा में खड़ा करें तो शिव स्वामी का दावा भाजपा के अब तक के प्रत्याशियों में जनसंपर्क के कारण सर्वाधिक मजबूत है।
* राजनैतिक हलचल मचाने वाला यह नाम 2023 के चुनाव में अपना कौशल दिखा सकता है। राजनीति में जब चुनाव नजदीक होते हैं उस समय टिकटों के लिए दावेदारों में धनी लोगों के नाम गिने जाने लगते हैं जो हर पार्टी के कार्यकर्ताओं को बुरा लगता है। ऐसी सोच में नये चेहरों की चर्चा भी होती है। वह चर्चा अब भाजपा में और आम जनता में शिव स्वामी के नाम को शामिल करते हुए होगी।
शिव कुमार स्वामी भाजपा संगठन में 40 सालों से कार्यरत है और जिला श्री गंगानगर में प्रदेश में और राष्ट्रीय नेताओं में अपना संपर्क रख रखते हैं। शिव स्वामी जिन पदों पर रहे उन पदों के प्रदेश और राष्ट्रीय नेताओं से प्रगाढ़ संपर्क रहे हैं। विश्वास के साथ यह कहा जा सकता है कि इतने संपर्क भाजपा के अन्य नेताओं के प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर नहीं है। स्वामी अपने कर्तव्य और सेवाओं के कारण ही आज भाजपा में नया चेहरा और पावरफुल चेहरा बन गए हैं।
श्रीगंगानगर धन-धान्य से भरपूर विधानसभा सीट पर धनी लोगों की चर्चा हर चुनाव में होती रही है लेकिन पिछले सभी वर्षों का समीक्षा की जाए तो यह साबित होता है कि यहां न धन चला है और न यहां जातिवाद चला है। यहां पर समय के हिसाब से राजनीति के उठापटक से जो स्थितियां पैदा होती रही हैं उससे चुनाव में जीत हार होती रही है।
श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय सीट अत्यंत महत्वपूर्ण है। श्री गंगानगर सीट पर 15 चुनाव हो चुके हैं।
यहां पर प्रोफेसर केदारनाथ जैसे जनप्रिय नेता 6 बार चुनाव लड़े और हर बार जीते। कहने को यहां अरोडा बाहुल्य सीट है लेकिन अरोड़ा राधेश्याम ने नौ बार चुनाव लड़ा और केवल चार बार ही जीते। कांग्रेस से जीते तीन बार जीतने के बाद
भारतीय जनता पार्टी से एक बार जीते।
अन्य को देखें तो मोतीराम,देवनाथ,सुरेंद्र सिंह,कामिनी जिंदल,राजकुमार गौड़ एक बार जीते हुए हैं। राजकुमार गौड़ कांग्रेसी हैं लेकिन
कांग्रेस की टिकट मिलने की आशा नहीं रही तो निर्दलीय लड़े।
श्रीगंगानगर की सीट बड़े बदलाव और नये चेहरे खिलाने की ओर बढ रही है। ऐसे समय में भाजपा में नये पावरफुल चेहरे में शिव स्वामी की उपस्थिति अधिक मजबूती से चर्चा और सर्वे के लिए हलचल पैदा करेगी।
शिव स्वामी छात्र राजनीति से सक्रिय हुए और फिर बड़ी राजनीति में प्रवेश किया। 1977-78 के कार्य में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सहयोग से एसडीपीजी महाविद्यालय में छात्र संघ के महामंत्री चुने गए। सन् 79-80 में अध्यक्ष का चुनाव हुआ उसमें भाग लिया। छात्र आंदोलनों में जेल यात्रा भी मिली।
1982 मैं भारतीय मजदूर संघ जेसीटी मिल में सचिव का कार्य किया।
सन् 1983 का कार्यकाल बड़ी राजनीति में हुआ भारतीय जनता युवा मोर्चा जिला शाखा में महामंत्री बने और सन् 1984 में भारतीय जनता युवा मोर्चा में प्रदेश कार्य समिति में सदस्य के रूप में कार्य किया।
भाजपा प्रदेश कार्य समिति में 3 जुलाई 2006 से 7 जनवरी 2008 तक सदस्य के रूप में कार्य किया। वर्ष 2009 में जिला संगठन में पूरी तरह से सक्रिय रहे और अध्यक्ष के निर्देश पर अनेक मंडलों में प्रभारी के रूप में कार्य किया। नवंबर 2014 से भारतीय जनता पार्टी के जिला महा मंत्री बने।
सहकारिता क्षेत्र में कार्य करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। एक दूजे से मिल कर चलें और एक दूजे का साथ दें। यहि अभियान लोगों से जोड़ता है। शिव स्वामी को यह भी गौरवपूर्ण कार्य करने का मौका मिला। 1985 में जनहित सहकारी उपभोक्ता भंडार लिमिटेड के अध्यक्ष निर्वाचित हुए और लगातार अभी तक इस पद पर निर्वाचित होते रहे हैं। स्वामी ने 23 फरवरी 1989 से 13 सितंबर 1990 तक जिला स्तरीय श्रीगंगानगर सहकारी उपभोक्ता होलसेल भंडार लिमिटेड के संचालक मंडल के सदस्य के रूप में कार्य किया। फरवरी 2005 से दिसंबर 2000 तक 2007 तक सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया 3 नवंबर 1990 को जिला स्तरीय श्रीगंगानगर सहकारी उपभोक्ता होलसेल भंडार लिमिटेड के चेयरमैन के रूप में निर्वाचित हुए और 23 जुलाई 94 तक इस पद पर कार्य किया। स्वामी 10-7- 1992 को राज्य स्तरीय राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड के उपाध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुए तथा 9 जुलाई 95 तक इस पद पर कार्य किया। 3 मार्च 1994 को श्री गंगानगर अर्बन को ऑपरेटिव बैंक के डायरेक्टर निर्वाचित तथा 28-7-1997 तक इस पद पर कार्य किया। सहकारिता क्षेत्र में भी वर्षों तक लोगों का कार्य करने का एक बहुत बड़ा अनुभव शिव स्वामी के पास है। शिव स्वामी वर्तमान में राजस्थान प्रदेश भाजपा में सहकारिता प्रकोष्ठ के सह संयोजक हैं।
विभिन्न प्रकार के क्षेत्रों में कार्य करने वाले शिव स्वामी सामाजिक संस्था हिमालय परिवार के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में 24 अप्रैल 2022 से कार्यरत है इससे पहले वे जिला अध्यक्ष के रूप में प्रदेश महामंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं। प्रांतीय वैष्णव ब्राह्मण समाज राजस्थान के प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर भी 2006 से 2009 तक कार्य किया हुआ है। श्रीगंगानगर जिले की अनेक सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं से जुड़ाव है। वर्ष 2006 से मूल पिछड़ा वर्ग उत्थान महासंघ के संयोजक के रूप में कार्य करते हुए वास्तविक रूप से पिछड़ी जातियों को जिले में एकजुट कर उनके उत्थान के लिए भी प्रयासरत हैं। 30 नवंबर 2016 से 30 नवंबर 2018 तक राज्य सरकार द्वारा गठित जिला स्तरीय पुलिस जवाबदेही समिति के सदस्य के रूप में भी काम किया हुआ है।
* राजनीति और समाचार जगत के मेल का अनूठा अनुभव भी स्वामी के पास है। मीडिया से संपर्क बहुत जरूरी है लेकिन यहां तो खुद शिव स्वामी ही पिछले 40 वर्षों से पत्रकारिता क्षेत्र में महत्वपूर्ण ईमानदार पत्रकार के रूप में विख्यात हैं। श्री गंगानगर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र लोकसम्मत के संपादक प्रकाशक हैं। इसके अलावा श्रीगंगानगर में 22 वर्षों से प्रकाशित हो रही कृषि एवं ग्रामीण परिवेश की मासिक पत्रिका राजस्थान खेती का भी संपादन एवं प्रकाशन कर रहे हैं।
शिव स्वामी अच्छे पढ़े-लिखे राजनीतिक सामाजिक और शैक्षणिक कार्यक्रमों में लोकप्रिय नेता हैं। शिव स्वामी का जन्म 21 नवंबर 1957 को स्व.खूबराम स्वामी के यहां हुआ।
शिक्षा में स्वामी एमकॉम आर्थिक प्रशासन एवं वित्तीय प्रबंधन में किया हुआ है।राजस्थान विश्वविद्यालय से एलएलबी की हुई है। वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा से बीजेएमसी की डिग्री प्राप्त की हुई है।
श्रीगंगानगर जिले की महत्वपूर्ण सीट श्रीगंगानगर सीट पर शिव स्वामी इस समय सन् 2023 के लिए सबसे अधिक पावरफुल नया चेहरा है। अब श्री गंगानगर की राजनीति में शिव स्वामी के नाम को शामिल करते हुए ही राजनीति की जा सकेगी।
** श्रीगंगानगर सीट की राजनीति में यह तो प्रमाणित है कि यहां किसी एक जाति विशेष का डंका कभी नहीं बजा। कहते हैं कि राजनीति की बात आती है तो गंगानगर जिले को अरोड़ा समुदाय का मान कर के ही इच्छा प्रकट की जाती है लेकिन अरोड़ा के रूप में केवल राधेश्याम ही 4 बार चुने गए हैं। 15 चुनाव में केवल 4 बार अरोड़ा समुदाय आया है। एक बात ध्यान देने योग्य है कि यहां पर जनता जिले की राजनीति राजस्थान की राजनीति देश की राजनीति को समझते हुए वोटिंग करती है। भारतीय जनता पार्टी पिछले दस सालों को समझते हुए इस बार 2023 के चुनाव के लिए जीत के लिए टिकट देगी। शिव स्वामी का चेहरा हर नजरिए से जीत का भरोसा दिलाने वाला है वहीं जनता अपने काम के लिए इस चेहरे में भरोसा देख कर जुटेगी।०0०