- 200 सब्जी एवं फिश विक्रेताओं ने उनके रोजगार खत्म कर रोजी-रोटी छिनने के लिए एरिया पार्षद व अफसरों को ठहराया जिम्मेदार।
- हाथ जोड़ते रहे सैकड़ों सब्जी विक्रेता अफसरों ने लेकिन अफसरों ने मंडी की जगह पर कब्जा लेकर कटीली तार लगा दी
- 200 सब्जी विक्रेताओं ने सब्जी मंडी लगाने के लिए दूसरी जगह की मांग की
अजय सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 29 अक्तूबर :
कजहेड़ी में पिछले 10 सालों से चल रही मंडी बंद करवाए जाने के खिलाफ विक्रेता रोष में है। बीते दीन उन्होंने मंडी बंद करने वाले सरकारी आदेशों के खिलाफ प्रदर्शन किया। मंडी प्रधान बाबा सिंह दीवाना एवं फिश मंडी प्रधान बॉबी सिंह के नेतृत्व में दर्जनों विक्रेताओं ने विरोध प्रकट करते हुए उन्हें दूसरी जगह पर स्थापित करने की मांग की। वहीं, क्षेत्रीय पार्षद पर मंडी लगाने की एवज में वसूली के आरोप लगाए गए।
बाबा सिंह दीवाना और बॉबी सिंह ने कहा कि इस सब्जी मंडी को हटाए जाने के पीछे पार्षद लखबीर सिंह उर्फ बिल्लू की साजिश है। एरिया पार्षद ने सब्जी मंडी को चलते रहने के लिए नाजायज तौर पर अवैध वसूली की मांग की थी। विक्रेताओं ने अवैध वसूली देने से साफ मना कर दिया था। जिसके बाद पार्षद ने गलत मंशा से और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हुए 200 गरीब परिवार की रोजी-रोटी छीन कर सब्जी मंडी बंद करवा दी और साथ ही अफसरों को गुमराह करके उन्हें भी मुहिम में शामिल कर लिया।
पार्षद ने विक्रेताओं के बयानों को पूरी तरह से नकारते हुए कहा कि पिछले महीने प्रशासन के उच्चाधिकारियों ने यहां का दौरा किया था, प्रशासन की जमीन पर अवैध रूप से लगी मंडी को लेकर भी समीक्षा की गई थी। जिसके बाद पटवारी समेत अन्य सरकारी अफसरों ने जमीन की नपाई कर सरकारी जमीन पर कब्जा छुड़वाया था और साथ ही उन्होंने बताया कि जिस जगह मंडी लगी हुई थी वहां पर पार्क बनाए जाने का प्रस्ताव है।
सब्जी और फिश विक्रेताओं का कहना है कि पिछले 8 से 10 साल से लगातार सब्जी मंडी लग रही थी। इससे 200 गरीब परिवार सब्जियां, फिश, चिकन बेचकर अपनी रोजी-रोटी कमा रहे थे। अचानक बिना किसी नोटिस और जानकारी के अफसरों एवं पार्षद द्वारा मिलकर सब्जी मंडी बंद करवा कर सारी जगह पर कब्जा करके उसमें कांटेदार तार लगा दी गई। विक्रेताओं ने रोजगार ना छीने जाने और कजहेड़ी में मंडी लगाने के लिए कोई दूसरी जगह उपलब्ध करवाने की मांग की है।