Monday, December 23

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – 27 अक्टूबर 22 :

नोटः आज श्री विश्वकर्मा पूजन और ग्रहण वेध है।

vishwakarma puja 2022 shubh muhurat and shri vishwakarma ji ki aarti | Vishwakarma  Puja 2022: विश्वकर्मा जयंती आज, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और आरती | Patrika  News

देवलोक के मुख्य अभियंता व इस ब्रह्मांड के निर्माणकर्ता भगवान विश्वकर्मा ही हैं। यह ब्रह्मा जी के मुख्य सहयोगी माने गए हैं।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः कार्तिक़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः द्वितीया, दोपहर 12.46 तक है, 

वारः गुरूवार। 

विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः विशाखा दोपहर 12.11 तक है, 

योगः सौभाग्य प्रातः अरूणोदय काल 04.32 तक, 

करणः कौलव, 

सूर्य राशिः तुला, चंद्र राशिः वृश्चिक, 

राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक

सूर्योदयः 06.34, सूर्यास्तः 05.35 बजे।