पंजाब के समूचे ढांचे को सुधारने के लिए हम भगवान विश्वकर्मा के नक्शे-कदमों पर चल रहे हैं : मुख्यमंत्री
- पिछली सरकारों ने राज्य को ना पूरा होने वाला नुकसान पहुँचाया
- लुधियाना में राज्य स्तरीय समारोह के दौरान भगवान विश्वकर्मा को श्रद्धांजलि भेंट
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा के नक्शे-कदमों पर चलते हुए आम आदमी सरकार राज्य की समूची व्यवस्था में सुधार करेगी, जिससे लोगों की तरक्की और खुशहाली को सुनिश्चित बनाया जा सके।
यहाँ रामगढिया कॉलेज में विश्वकर्मा दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा जी ब्रह्मांड में रचनात्मकता, इंजनीयरिंग, निर्माण शैली और प्रौद्यौगिकी के मुखी थे। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने राज्य की दौलत को बेरहमी से लूटा, जिस दौरान उन्होंने इसको ना पूरा होने वाला नुकसान पहुँचाया है। भगवंत मान ने कहा कि अब वह भगवान विश्वकर्मा के आशीर्वाद से राज्य को हुए नुकसान की पूर्ति सुनिश्चित बनाने के लिए यत्नशील हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विश्व भर में औद्योगिक और बुनियादी ढांचे में जो विकास हुआ है, वह भगवान विश्वकर्मा के आशीर्वाद के स्वरूप ही हुआ है। भगवंत मान ने कहा कि युगों से पूरे ब्रह्मांड के रचनाकार भगवान विश्वकर्मा को सभी औद्योगिक गतिविधियों में लोगों द्वारा इस्तेमाल की जा रही सारी मशीनरी और उपकरणों का स्वामी मानते हैं। भगवंत मान ने कहा कि सभी शिल्पकारों और वास्तुकारों के इस महान देवता ने हमारे कारीगरों, श्रमिकों और मज़दूर वर्ग को देश के विकास के लिए अत्यधिक समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया है।
मज़दूरों और कारीगरों को राज्य और राष्ट्र के बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने के लिए ठोस प्रयास करने का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भगवान विश्वकर्मा को सच्ची और उचित श्रद्धांजलि होगी। भगवंत मान ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा की विचारधारा और शिक्षाओं के अनुसार पंजाब सरकार, राज्य भर के युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने पर ज़ोर दे रही है, जिससे वह स्वाभिमान और गर्व से जीवन व्यतीत कर सकें। उन्होंने आगे कहा कि राज्य भर में कौशल प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करना समय की ज़रूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पंजाब के युवाओं को नौकरियों की खोज करने वालों की बजाय नौकरियाँ प्रदान करने वाले बनाने के लिए यत्नशील है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पंजाबियों को उद्यमिता और नेतृत्व के गुणों की बख्शीश है। भगवंत मान ने कहा कि इन गुणों के स्वरूप ही पंजाबियों ने दुनिया भर में अपना अलग स्थान बनाया है।
मुख्यमंत्री ने अफ़सोस ज़ाहिर किया कि फूट डालने वाली ताकतें देश में जाति, धर्म, भाषा और अन्य आधारों पर लोगों में फूट डालने की कोशिशें कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे देश के हित में नहीं है, जिसके लिए हमें सांप्रदायिक सद्भावना, आपसी-भाईचारा और आपसी प्रेम-प्यार जैसे नैतिक-मुल्यों को मज़बूत करना ज़रूरी है। भगवंत मान ने केंद्र में सत्ता संभालने वालों द्वारा राज्यों के अधिकारों को निगल कर देश के संघीय ढांचे को पहुँचाए जा रहे ना पूरे किए जाने वाले नुकसान पर भी दुख प्रकट किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह लोकतंत्र की मूल भावना के विरुद्ध है और इसको किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। राष्ट्रपति भवन में मुग़ल गार्डन का उदाहरण देते हुए भगवंत मान ने कहा कि इसमें अलग-अलग किस्म के फूल हैं, जो हर किसी की आँखों को ठंडक पहुँचाते हैं, जिस कारण लोग इनको देखने के लिए एकत्र होते हैं। उन्होंने कहा कि अलग विचारों और नज़रिए वाला लोकतंत्र हमेशा सफल होता है। भगवंत मान ने कहा कि लोकतंत्र में विरोधी पक्ष और मुख्य बैंच दोनों महत्वपूर्ण होते हैं और लोकतंत्र में हरेक के विचारों को अहमीयत मिलनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे भगवान विश्वकर्मा ने ईंट से ईंट जोडक़र समूचे ब्रह्मांड की रचना की है, उसी तरह अब समय आ गया है जब हमें देश के बुनियादी सामाजिक ताने-बाने को मज़बूत करके अपने राष्ट्र का निर्माण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसलिए हम सभी को हाथ मिलाना होगा और यह सुनिश्चित बनाना होगा कि देश को तरक्की और खुशहाली के रास्ते पर आगे ले जाया जाए। भगवंत मान ने इस नेक कार्य और देश के सर्वोच्च हितों के लिए लोगों से सहयोग की माँग की।
मुख्यमंत्री ने लुधियाना शहर के साथ भावनात्मक सांझ की बात करते हुए कहा कि अगर गाँव सतौज उनकी जन्म भूमि है तो लुधियाना कर्म भूमि है। भगवंत मान ने कहा कि वह खुशकिस्मत हैं कि उनको पंजाब और यहाँ के लोगों की सेवा करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंजाब की पुरातन शान बहाल करने के लिए पहले ही सख़्त प्रयास कर रही है और लोगों के सहयोग के साथ ही इसको सुनिश्चित बनाया जा सकता है।