चिदंबरम और थरूर के बयान से कांग्रेस का किनारा

           एक  दिन भारत में इस प्रथा को अपनाया जाएगा। टीएमसी सांसद मोहुआ मोइत्रा ने इस कदम का खैरमकदम किया और उम्मीद जताई कि भारत भी भविष्य में और सहिष्णु बनेगा। चिदंबरम ने ट्विटर पर कहा, “पहले कमला हैरिस, अब ऋषि सुनक। अमेरिका और ब्रिटेन के लोगों ने अपने देशों के गैर-बहुसंख्यक नागरिकों को गले लगा लिया है और उन्हें सरकार में उच्च पद के लिए चुना है।” उन्होंने यह भी कहा, “मुझे लगता है कि भारत और बहुसंख्यकवाद का पालन करने वाली पार्टियों को सबक लेना चाहिए।”  जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, “यूके ने अल्पसंक्यक को पीएम चुन लिया है। फिर भी हम एनआरसी और सीएए जैसे विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण कानूनों में फंसे हैं।” एक विद्यार्थी ने बोला “कॉंग्रेस विपक्ष द्वारा भारत में कोई रेमोट कंट्रोल नहीं चाहती होगी, डाक्टर ज़ाकिर हुसैन,मुहम्मद हिदायतुल्लाह,अवुल पकिर जैनुलाब्दीनऔर प्रधान मंत्री सरदार मन मोहन सिंह (सब minorities से नहीं रेमोट कंट्रोल से चलने वाले थे, जबकि राष्ट्रपति अब्दुल कलामअलग थे। इसीलिए वह सब गिने नहीं जाते।”

Rishi Sunak Elevation Some Leaders Hope India Will One Day Elect A Minority  To Top Post - Rishi Sunak Elevation: ऋषि सुनक के बहाने विपक्षी नेताओं ने  बताई मन की बात, कहा-
कांग्रेस नेता पी॰ चिंदबरम और शशि थरूर साथ ही तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा
  • ऋषि सुनक पर पोस्ट करना चिंदबरम-थरूर को पड़ा भारी
  • कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दोनों नेताओं को झिड़का
  • कहा- भारत को किसी दूसरे देश से सबक लेने की जरूरत नहीं

सारीका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 25 अक्तूबर :

            कांग्रेस ने मंगलवार को अपने ही साथियों पी॰ चिदंबरम और शशि थरूर को आड़े हाथों लिया। दोनों ने ऋषि सुनक के ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने पर इसकी सराहना की थी। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि भारत भी अल्पसंख्यक समुदायों के व्यक्तियों को शीर्ष पद देने की इस परंपरा का अनुसरण करेगा। इस पर कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने दोनों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के कई व्यक्ति राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री बने। ऐसे में भारत को किसी से सबक लेने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह देश अनेकता में एकता की मिसाल रहा है।

             रमेश ने मीडिया से कहा, यह नौबत आ गई है कि विविधताओं को सम्मान देने के बारे में उनसे सबक लेना पड़ेगा. भारत लंबे समय से अनेकता में एकता, अनेकताओं का जश्न मनाने की मिसाल रहा है. पिछले आठ वर्षों में हमने देखा कि क्या हो रहा है।” उन्होंने कहा, हमें किसी और देश से सबक सीखने की जरूरत नहीं है। हमारी एकता अनेकता से ही मजबूत होगी। हमें अनेकताओं का सम्मान करना होगा। भारत जोड़ो यात्रा’ में हमारा मकसद यही है।”

हाल ही में लिज़ ट्रस के त्यागपत्र देने के बाद ब्रिटेन के कंजरवेटिव पार्टी में चुनाव हुआ कि कौन ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनेगा। इस परिप्रेक्ष्य में ऋषि सुनक ने दावेदारी पेश की। कंजरवेटिव पार्टी में पीएम पद की उम्मीदवारी के लिए 100 सांसदों का समर्थन जरूरी था लेकिन पेनी मोर्डेंट चुनाव में खड़े होने के लिए आवश्यक सांसदों का समर्थन जुटाने में नाकाम रही। वहीं, बोरिस जॉनसन पहले ही उम्मीदवारी की दौड़ से पीछे हट चुके थे। ऐसे में ऋषि सुनक के ब्रिटेन का अगला प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया। सुनक के ब्रिटेन का पीएम चुने जाने की खबर आते होते ही सोशल मीडिया पर भारत का कोहिनूर हीरा वापस लौटाने की मांग तेज हो गई। ऋषभ नाम के एक यूजर ने लिखा, “द एम्पायर स्ट्राइक्स बैक! ऋषि सुनक होंगे ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री। कोहिनूर ​हीरा वापस भिजवा दें।” 

            कांग्रेस नेता पी. चिंदबरम और शशि थरूर ने इस कदम का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि एक दिन देश में भी इस प्रथा को अपना जाएगा। 

            वहीं तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी ब्रिटेन के इस कदम का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि भारत भी अधिक सहिष्णु बनेगा। 

            चिदंबरम ने अपने ट्वीट में कहा, पहले कमला हैरिस, अब ऋषि सुनक। अमेरिका और ब्रिटेन के लोगों ने अपने देशों के गैर-बहुसंख्यक नागरिकों को गले लगाया है और उन्हें सरकार में उच्च पदों पर चुना है।             उन्होंने आगे कहा, मुझे लगता है कि भारत और बहुसंख्यकवाद का पालन करने वाली पार्टियों को इससे सबक लेना चाहिए। 



            वहीं कांग्रेस सांसद थरूर ने कहा, मुझे लगता है कि हम सभी को स्वीकार करना होगा कि ब्रिटेन ने दुनिया में बहुत ही दुर्लभ काम किया है। एक अल्पसंख्यक को सबसे ताकतवर कार्यालय में बैठाया है। हम भारतीय ऋषि सुनक के ऊपर पहुंचने का जश्न मना रहे हैं। ईमानदारी से पूछें क्यां यह यहां (भारत) हो सकता है। 

            वहीं मोइत्रा ने कहा, 10 डाउनिंग स्ट्रीट में ब्रिटिश एशियाई को रखने पर मुझे गर्व है। यूके मेरा दूसरा पसंदीदा देश है। भारत को और सहिष्णु व सभी धर्मों, सभी वर्गों को स्वीकार करने वाला होना चाहिए।