- विज्ञान प्रौद्यौगिकी और वातावरण मंत्री मीत हेयर द्वारा कौंसिल के प्रयासों की सराहना
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :
पंजाब स्टेट कौंसिल फॉर साईंस एंड टेक्नोलोजी ( पी. एस. सी. एस. टी.) ने टेक्नोलोजी एंड इनोवेशन स्पोर्ट सैंटर ( टी. आई. एस. सी.) की श्रेणी में साल 2021 और 2022 के लिए नेशनल इंटलैक्चुअल प्रॉपर्टी अवार्ड हासिल किया।
भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के कंट्रोलर जनरल आफ पेटैंट डिज़ाइन एंड ट्रेडमार्क के दफ़्तर की तरफ से शुरू किया गया यह पुरुस्कार केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की तरफ से भारत के पूर्व राष्ट्रपति स्व. डा. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के जन्म दिवस के मौके पर करवाई नेशनल आई. पी. कॉनफरेंस के दौरान कौंसल की कार्यकारी डायरैक्टर डॉ. जतिन्दर कौर अरोड़ा को प्रदान किया गया।
विज्ञान प्रौद्यौगिकी और वातावरण मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने राज्य में नवीनता और आई. पी. आर. ईकोसिस्टम के निर्माण के लिए कौंसिल के प्रयासों की सराहना की और इसको आगे बढ़ाने के लिए पंजाब सरकार की तरफ से हाल ही में कौंसिल को 3 करोड़ रुपए की ग्रांट अलाट की गई है।
टी. आई. एस. सी. – पंजाब भारत सरकार की तरफ से 2017 में स्थापित देश का पहला टी. आई. एस. सी. है, जो वर्ल्ड इंटलैक्चुअल प्रॉपर्टी संस्था – संयुक्त राष्ट्र और सैल फार आईपीआर प्रमोशन और मैनेजमेंट- डिपार्टमैंट फार प्रमोशन आफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड के लिए भारत सरकार के पेटैंट सूचना केंद्र की जानकारी पर आधारित है, जो विश्व बौद्धिक संपत्ति- पीएससीएसटी के लिए इनोवेटरों की इंटलैक्चुअल प्रॉपर्टी की सुरक्षा करता है। इसने राज्य की प्रमुख यूनिवर्सिटियों और संस्थाओं में आईपीअर सैलों और आईपीआर क्लबों का एक नैटवर्क स्थापित किया है।
कौंसिल ने लगभग 800 इनोवेटरों की नवीनता का मूल्यांकन किया है और लगभग 100 पेटैंट फाइल करने की सुविधा दी है। यह महिला पेशेवरों को प्रशिक्षण देने के लिए विज्ञान और प्रौद्यौगिकी मंत्रालय-का एक प्रमाणित नोड और सभी नये स्टार्टअप्पस और उद्यमों की सलाह देने सम्बन्धी एक स्टेट सलाहकारी नोड भी है।
टीआईएससी-पंजाब ने न सिर्फ़ अपने आईपीआर सैलों की तरफ से विकसित की प्रौद्योगिकियों को लायसेंस देने की सुविधा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है बल्कि ख़ास तौर पर कोविड के समय के दौरान पीएससीएसटी की तरफ से विकसित/प्रदर्शित की गई प्रौद्योगिकियों आदि के द्वारा हाइब्रिड ईंट बनाने के साथ साथ साफ़- सुथरे उत्पादन, रोज़गार पैदा करने, मानवीय शक्ति के हुनर और उद्योग की मुकाबलेबाजी को बढ़ाने में भी अहम योगदान डाला है।