Wednesday, December 25

            सबसे पहले कैदी गुरजीत सिंह ने कहा, ”जेल तो जेल है. कोई भी जेल हो कैदी वहाँ अकेलापन महसूस करता है। अवसाद में रहता है।  लेकिन पिछले दिनों जब मेरी पत्नी मुझसे जेल में मिलने आई और हमें यहीं एकांत में कुछ घंटे बिताने दिए गए।  ये मेरे लिए बड़ी राहत की बात थी।” गुरदासपुर के रहने वाले गुरजीत इस सुविधा के लिए पंजाब सरकार के अहसानमंद हैं। दरअसल पंजाब जेल के अंदर एकांत में पति-पत्नी को मिलने की सुविधा देने वाला पहला राज्य बन गया है। पंजाब की जेलों में पति-पत्नी एक साथ अलग कमरे में समय गुजार सकेंगे। इसकी शुरुआत गोइंदवाल जेल से कर दी गई है। यहां अब तक 60 कैदी इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। इसके लिए उन्हें अलग विशेष कक्ष उपलब्ध करवाया जाता है।

लुधियाना जेल में बनाया गया कंजुगल विजिट रूम
  • पंजाब जेल के अंदर एकांत में पति-पत्नी को मिलने की सुविधा देने वाला पहला राज्य बना
  • इससे पहले क़ैदियों को पति या पत्नी से शारीरिक संबंध की इजाज़त नहीं थी
  • पहले ही सप्ताह में क़ैदियों ने 385 अर्ज़ियां दीं
  • उसी कै़दी को मिलेगी सुविधा जिसका आचरण होगा अच्छा

नरेश शर्मा भारद्वाज, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जालंधर/चंडीगढ़ – 12 अक्तूबर :

            पिछले दिनों पंजाब के क़ैदियों को एक ऐसी सुविधा दी गई , जिसकी ख़ासी चर्चा है. सरकार ने पंजाब की 17 जिलों में कैदियों को अपनी पत्नी के साथ अकेले में मिलने भेंट करने का मौका देने का निर्णय लिया है। सरकार का यह निर्णय इतना ही तरह की पहले ही हफ्ते में 385 कैदियों ने अपनी पत्नी के साथ अकेले में मिलने के लिए आवेदन पत्र दे डाला।

            जेल विभाग ने कैदियों के पारिवारिक दांपत्य को खुशहाल बनाने के लिए यह सुविधा शुरू की है। जेल विभाग के मुताबिक पंजाब पहला राज्य है जहां इस तरह की सुविधा शुरू हुई है।

            जेल प्रशासन की नई योजना के तहत बनवाए गए कंजुगल विजिट रूम कैदी अपने जीवनसाथी के साथ एक घंटा रह सकेंगे। जेल सुपरिंटेडेंट शिवराज सिंह नंदगढ़ ने बताया कि यह सहूलियत उन्हीं कैदियों को दी जाएगी जो जेल में अच्छा आचरण रखेंगे। जो कैदी जेल के अनुशासन का पालन करेंगे, उन्हें इस सुविधा का लाभ मिलेगा।

लुधियाना जेल में ‘Conjugal Room’ की शुरुआत करते सुपरिंटेंडेंट शिवराज सिंह नंदगढ़।

            जेल सुपरिंटेडेंट नंदगढ़ के अनुसार, अच्छे आचरण वाले कैदी तीन महीने में एक बार इस रूम में अपनी पत्नी के साथ एक घंटे रह सकेंगे। मंगलवार को पहले ही दिन जेल के चार कैदियों ने इस योजना का लाभ उठाया।

            हार्डकोर क्रिमिनल, गैंगस्टर और हाई-प्रोफाइल अपराध में बंद कैदी इस सहूलियत का लाभ नहीं ले सकेंगे। अपने जीवनसाथी से मिलने के इच्छुक कैदियों को जेल प्रशासन की तरफ से फॉर्म भरवाना पड़ेगा। वेरीफिकेशन और एप्लीकेशन मंजूर होने के बाद मुलाकात का प्रबंध किया जाएगा।

            जीवनसाथी से मिलने के इच्छुक कैदियों का जेल के मेडिकल स्टाफ की ओर से HIV सहित दूसरे टेस्ट किए जाएंगे। यदि किसी के टेस्ट पॉजीटिव आते हैं तो उसकी मुलाकात नहीं कराई जाएगी।

            जेल सुपरिंटेंडेंट ने कहा कि इस योजना का मकसद अच्छे आचरण वाले कैदियों को समाज की मुख्य धारा में लाना है क्योंकि उनके आचरण और मानसिक तंदरुस्ती में परिवार की अहम भूमिका होती है।