सरकार की किसान हितैषी अहम पहलकदमियां बताईं

  • मुख्यमंत्री द्वारा धान का एक-एक दाना ख़रीदने का प्रण
  • निर्विघ्न और सुचारू खरीद यकीनी बनाने के लिए विस्तृत प्रबंध किये
  • अलग-अलग लम्बित मुद्दों के हल के लिए किसानों के साथ की मीटिंग
  • किसानों को पराली प्रबंधन के लिये सहयोग की अपील

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

            पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों की मेहनत से पोषित फसल का एक-एक दाना ख़रीदने के लिए राज्य सरकार की दृढ़ वचनबद्धता दोहराई।


            यहां पंजाब भवन में किसानों के साथ मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों की फ़सल मंडियों में पहुँचते ही ख़रीदने के लिए पुख़्ता प्रबंध कर लिए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को उनके बैंक खातों में मौके पर ही अदायगी यकीनी बनाने के लिए प्रणाली विकसित की गई है। भगवंत मान ने कहा कि मंडियों में अनाज की निर्विघ्न और सुचारू खरीद यकीनी बनाई जा रही है जिससे किसानों को किसी किस्म की दिक्कत का सामना न करना पड़े।


            मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि मौजूदा खरीद सीजन के दौरान किसानों के ट्रैक्टरों को अनाज की लोडिंग/ढुलाई के लिए इजाज़त दी जायेगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा खरीद सीजन के लिए इस एक्ट में उचित संशोधन किया जायेगा। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की भलाई के लिए वचनबद्ध है।


            मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि किसानों को धान की सीधी बुवाई के लिए उत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता का वितरण शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि 17000 किसानों के बैंक खातों में अदायगी की जा चुकी है। भगवंत मान ने कहा कि बाकी रहते किसानों की अदायगी भी एक हफ़्ते में कर दी जायेगी।


            मुख्यमंत्री ने किसानों को यह भी भरोसा दिलाया कि लम्पी स्किन बीमारी का शिकार हुए पशुधन की विस्तृत सूची राज्य सरकार की तरफ से भारत सरकार को भेजी जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस बीमारी के कारण पशुधन का नुकसान सहने वाले किसानों को मुआवज़ा देने का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष उठाएगी। भगवंत मान ने कहा कि इस बीमारी को महामारी ऐलानने को यकीनी बनाने के लिए पहले ही केंद्र सरकार के पास यत्न किये जा रहे हैं।

           
            एक अन्य मुद्दे पर बात करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में किसान आंदोलन के दौरान दर्ज हुए कई केस पहले ही रद्द किये जा चुके हैं और बाकी रहते केस भी जल्द ही रद्द कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान जानें गवाने वाले किसानों के परिवारों को पहले ही 5-5 लाख रुपए की सहायता दी जा चुकी है।

            भगवंत मान ने आगे कहा कि आंदोलन के दौरान जानें गवाने वाले कुल 624 किसानों में से 326 के वारिसों को सरकारी नौकरियाँ दीं चुकी हैं और बाकियों को भी जल्दी ही नौकरियाँ दीं जाएंगी।


            मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के नाम पर यादगार बनाने के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा कि मूँगी की फ़सल का मुआवज़ा भी किसानों को दिया जा चुका है। भगवंत मान ने कहा कि भविष्य में मूँगी की फ़सल की खरीद के लिए आगामी पुख़्ता प्रबंध किये जाएंगे।


            मुख्यमंत्री ने किसानों को भरोसा दिलाया कि वह एफ. आई. आरज़. का मुद्दा रेलवे मंत्रालय के समक्ष भी उठाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार किसानों को लाभ पहुँचाने के लिए फूड प्रोसेसिंग उद्योग को बढ़ावा देने के लिए वचनबद्ध है।

            मीटिंग के दौरान भगवंत मान ने बताया कि राज्य में 15 अक्तूबर से पशु मेले फिर शुरू होंगे।
विचार-विमर्श में हिस्सा लेते हुये किसानों ने गन्ने के मूल्य में विस्तार करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया और उन्होंने मुख्यमंत्री को प्राईवेट मिलों की बकाया राशि की अदायगी के लिए दख़ल देने की अपील की। मीटिंग के दौरान यह भी फ़ैसला किया गया कि चीनी मिलों में पिड़ायी सीजन 5 नवंबर से शुरू होगा, जिससे पहले तैयारियों का जायज़ा लेने के लिए 11 अक्तूबर को मीटिंग की जायेगी।


            मुख्यमंत्री ने किसानों को कहा कि राज्य सरकार पराली के प्रबंधन के लिए हर संभव यत्न कर रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को इस कार्य के लिए राज्य सरकार का साथ देना चाहिए। भगवंत मान ने कहा कि राज्य के वातावरण को बचाना समय की मुख्य ज़रूरत है।