सेंट लारेंस इंटरनेशनल स्कूल में  दशहरे पर्व का आयोजन

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर –  04 अक्तूबर  : 

            सेंट लारेंस इंटरनेशनल स्कूल, जगाधरी व बिलासपुर में दशहरे के उपलक्ष्य में दशहरे को केंद्र में रखकर विभिन्न गतिविधियां एव  रावण दहन का आयोजन प्रसिद्ध शिक्षाविद डा एम के सहगल व चेयरपर्सन डा रजनी सहगल की अध्यक्षता में किया गया। स्कूल के विद्यार्थयों  व् शिक्षकों ने  राम लीला की विभिन्न झांकियां प्रस्तुत की। शिक्षकों ने राम लीला के संवादों के माध्यम से बुराई पर अच्छाई की जीत के बारे में  बच्चों को बताया। विद्यार्थी  राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान व रावण के परिधान में सभी को आकर्षित कर रहे थे। 

            विद्यार्थियों ने क्राफ्ट मटेरियल से रामायण के पात्र बनाये ।  इस अवसर पर विद्यार्थियों ने अपनी बुरी आदतों को एक पेपर पर लिखा और उसे रावण पर चिपकाया।  रावण दहन के समय विद्यार्थियों ने उन बुरी आदतों को छोड़ने का प्रण भी  लिया । इस अवसर पर सीनियर विंग के विद्यार्थियों के लिए  रामायण से सम्बंधित स्लोगन, स्पीच एव क्विज आदि गतिविधियां कराई गयी ।

            डा एम के सहगल ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा  कि इस दिन भगवान श्री राम ने लंकापति रावण को मारकर विजय प्राप्त की  जिसे असत्य पर सत्य की जीत माना जाता है। उन्होंने बताया कि इस शुक्ल दशमी के दिन को विजयदशमी भी कहते है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को गतिविधियों में बढ़ चढ़कर भाग लेने  के लिए प्रेरित किया और सभी को बधाई देते हुए कहा कि आज के विद्यार्थी ही कल के भविष्य है और उन्हें लक्ष्य निर्धारित करके आगे बढ़ना चाहिए।

            चेयरपर्सन डा रजनी सहगल ने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी में कोई ना कोई प्रतिभा छिपी  होती है और इस प्रकार की गतिविधियों  में भाग लेने से विद्यार्थी का चहुमुखी विकास होता है। इससे उनमे आत्मविश्वास का भाव प्रबल  होता है। भक्तगण दशहरे में मां दुर्गा की पूजा करते हैं। कुछ लोग व्रत एवं उपवास करते हैं। पूजा की समाप्ति पर पुरोहितों को दान-दक्षिणा देकर संतुष्ट किया जाता है। कई स्थानों पर मेले लगते हैं। रामलीला का आयोजन भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि दशहरा अथवा विजयादशमी हर्ष, उल्लास तथा विजय का पर्व है इसे राम जी की विजय व् दुर्गा पूजा दोनों ही रूपों में मनाया जाए।

            अंत में बुराई के प्रतीक रावण का बड़ा सा पुतला भी दहन किया गया। इसके माध्यम से डा. सहगल ने बताया कि जिस प्रकार पापी रावण का अंत भगवान राम के हाथों हुआ उसी प्रकार अगर अनुचित कार्यों को किया जाता है तो उसका अंत बुरा ही होता है। इस अवसर पर  प्रिंसिपल आर एस वाधवा, विक्रांत गुलाटी,स्वरांजलि, नमन सहगल, गगन बजाज, शैली चौहान, रजनी बाला, सुमन यादव  ममता बत्रा, ब्रह्मकान्ति शर्मा, सिंधु शर्मा, दीपक शर्मा, राखी बांगा, रजनी शर्मा, विवेक एव सभी शिक्षक उपस्थित रहे ।