भाजपा नेता नरेन्द्र घिंटाला ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से भेंट कर किसानों की समस्याओं को दूर करने पर बातचीत की
करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरतगढ़ 01 अक्तूबर :
भाजपा नेता नरेंद्र घिंटाला ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्लेम में सूरतगढ़ क्षेत्र के किसानों की परेशानियों से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को दिल्ली में ज्ञापन दिया और लंबी बातचीत की। यह बातचीत 29 सितंबर 2022 को हुई। ओम बिड़ला किसानों के कार्यों में रुचि रखते हैं इसलिए सूरतगढ़ क्षेत्र के किसानों की समस्याओं का ज्ञापन उन्हें सौंपा गया। नरेंद्र घिंटाला एवं ओम बिड़ला में मित्रवत व्वहार है दोनों पार्टी संगठन में कार्य कर चुके हैं। इसलिए किसानों की परेशानियां दूर कराने के लिए सीधा ओम बिड़ला से संपर्क किया गया।
नरेंद्र घिंटाला ने किसानों को खरीफ 2019 और 2021 व रबी 2021 2022 का फसल बीमा क्लेम शीघ्र दिलवाने की मांग की।
घिंटाला ने कहा कि 540 किसानों को खरीफ 2019 की फसल बीमा क्लेम राशि का भुगतान बैंक व बीमा कंपनियों के कारण नहीं हो पाया जबकि अन्य किसानों को ₹70 करोड़ का भुगतान क्लेम राशि में हो चुका है। जो किसान बाकी रह गए हैं उनको भुगतान कराया जाए।
2021 2022 रबी फसल बीमा का रिकॉर्ड गिरदावरी व क्रॉप कटिंग रिपोर्ट कृषि विभाग द्वारा समय पर बीमा कंपनियों को जमा नहीं कराई जा रही।
प्रधानमंत्री फसल बीमा जिला निगरानी कमेटी में स्थानीय किसान प्रतिनिधियों को शामिल किए जाने की मांग रखी। घिंटाला ने कहा कि अभी स्थानीय प्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया जा रहा इस कारण किसानों की समस्याओं को समुचित समय पर उठाया नहीं जाता। फसल बीमा के नाम पर बीमा कंपनियां किसानों को ठगने की कार्यवाही करती है।
घिंटाला ने कहा कि भारत सरकार द्वारा फसल बीमा पॉलिसी वितरण के लिए अभियान ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ लोकप्रिय है परंतु बीमा कंपनियां इसका समय पर वितरण नहीं करती व इस पर ध्यान नहीं दे रही। उन्होंने कहा कि फसल कटाई करते समय किसानों से खाली फार्म पर द्वितीय व तृतीय पर हस्ताक्षर करवाकर फसल खराबे की वास्तविक रिपोर्ट तैयार नहीं की जाती। फसल कटाई रिपोर्ट की एक प्रति किसान को दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि फसल कटाई के समय स्थानीय प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए जिससे फसल कटाई के आंकड़ों में कोई हेराफेरी करने की संभावना नहीं रहे। रिपोर्ट फॉरम प्रथम द्वितीय तृतीय पर हस्ताक्षर करने स्थानीय प्रतिनिधि सरपंच वार्ड पंच को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए।
सीएससी सेंटर के माध्यम से किए जाने वाले फसल बीमा में बुवाई प्रमाणपत्र बीमा कंपनियों द्वारा मांगे जाते हैं। ये पटवारियों द्वारा गिरदावरी के बाद जारी किए जाते हैं।इससे पहले बीमा कंपनियों द्वारा पॉलिसियों को रिजेक्ट कर दिया जाता है। इस पर भी ध्यान दिया जाए।
उन्होंने कहा कि मोठ बाजरा की फसल कटाई तहसील स्तर पर रिपोर्ट तैयार की जाती है जिसके कारण सूरतगढ़ क्षेत्र टिब्बा क्षेत्र बीमा से वंचित रह जाता है। कारण यह है कि आधे से अधिक क्षेत्र सिंचित है। घिंटाला ने कहा कि सिंचित व असिंचित फसल कटाई रिपोर्ट अलग अलग करने का प्रावधान किया जाए।
कृषि विभाग द्वारा गिरदावरी फसल कटाई रिपोर्ट समय पर नहीं की जाती जिससे फसल बीमा कंपनियां क्लेम देने में नाराजगी व्यक्त करती है।
घिंटाला ने कहा इन समस्याओं का निस्तारण होना चाहिए ताकि सूरतगढ़ क्षेत्र के किसानों को किसी प्रकार का नुकसान न हो।
नरेन्द्र घिंटाला ने एक दिन पूर्व केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी से भी भेंट की थी। उन्हें भी सूरतगढ़ क्षेत्र के किसानों की समस्याओं से अवगत कराया गया।उन्हें भी ज्ञापन दिया गया व बातचीत की गई।०0०