- विधान सभा द्वारा बिल सर्वसम्मति से पास
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :
पंजाब के मुख्यमंत्री ने आज पंजाब राज्य विजीलेंस कमिशन (रद्द) बिल-2022 सदन में पेश किया, जिसको सर्वसम्मति से पास कर दिया गया।
प्रस्ताव पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब राज्य विजीलेंस कमिशन का मुख्य कार्य भ्रष्टाचार रोकथाम एक्ट 1988, भ्रष्टाचार रोकथाम (संशोधन) एक्ट, 2018 के अंतर्गत किसी लोक सेवक द्वारा अपराध करने के दोष लगाने वाली शिकायतों की जांच करना या जांच करवाना और विजीलैंस ब्यूरो और पुलिस के कामकाज पर निगरानी और नियंत्रण रखना है, जो भ्रष्टाचार के मामलों से सम्बन्धित हों। पंजाब राज्य विजीलैंस कमिशन एक्ट 2020, जिसको केंद्रीय विजीलैंस कमिशन एक्ट 2003 की तजऱ् पर लागू किया जाना था, गंभीर विचलन का शिकार है। इसलिए इस एक्ट के अधीन गठित किया गया विजीलैंस कमिशन सरकारी खजाने पर बोझ बनने के अलावा किसी भी लाभदायक उद्देश्य की पूर्ति करने की संभावना नहीं रखता, क्योंकि राज्य में ऐसे हितधारकों के समूह से निपटने के लिए विजीलैंस विभाग के अलावा और भी कई एजेंसियाँ हैं। इसलिए आपसी विरोधता, विरोधाभासी निष्कर्षों, नतीजे के तौर पर देरी और संचार में अंतर से बचने के लिए पंजाब राज्य विजीलैंस कमिशन एक्ट 2020 (2020 का पंजाब एक्ट नं. 20) को रद्द करना ज़रूरी हो गया है और इसलिए यह बिल पेश किया जा रहा है।
राज्य सरकार ने पंजाब राज्य विजीलैंस कमिशन एक्ट, 2020 (2020 का पंजाब एक्ट नं. 20) को रद्द करके पंजाब राज्य विजीलैंस कमिशन (रद्द) एक्ट, 2022 लागू किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब राज्य विजीलैंस कमिशन एक्ट 13 नवंबर, 2020 को लागू हुआ था। भगवंत मान ने कहा कि इस एक्ट के अंतर्गत बनाए गए पंजाब राज्य विजीलैंस कमिशन ने ज़रुरी उद्देश्य प्राप्त नहीं किये हैं। उन्होंने कहा कि यह फ़ैसला राज्य निवासियों के व्यापक जनहित में लिया गया है।