Wednesday, December 25
  • हिमाचल प्रदेश में बढ़ते हृदय रोगों के बीच दिल के इलाज हेतु कैथ लैब शुरू

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, मंडी, 30 सितंबर, 2022:

              युवा आबादी में बढ़ते हृदय रोगों के बीच, हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर में हृदय रोगों के सटीक निदान के लिए हिमाचल हार्ट इंस्टीट्यूट की शुरुआत की गई है। 

              हिमाचल हार्ट इंस्टीट्यूट, डॉ. कुणाल महाजन, चीफ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ. संदीप बंगा और डॉ. जनदीप बंगा की एक संयुक्त पहल है, जो इस अस्पताल के निदेशक हैं। इस उच्च-गुणवत्ता और अत्याधुनिक अस्पताल को शुरू करने के पीछे उद्देश्य यही है कि क्षेत्रीय लोगों को विश्व स्तरीय हृदय चिकित्सा प्रदान की जा सके।

              कैथ लैब विभिन्न प्रकार के परीक्षणों और प्रोसीजर्स के लिए तैयार है, जैसे एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, पेसमेकर इम्पलांट, रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन, और हृदय के स्वास्थ्य से संबंधित अन्य टैस्ट। हिमाचल हार्ट इंस्टीट्यूट पूरे अपर नॉर्थ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से चलने वाली कैथ लैब स्थापित करने वाला पहला केंद्र बन गया है। आईवीयूएस, ओसीटी, एफएफआर और आईएफआर  जैसी नवीनतम इमेजिंग व फिजियोलॉजी से लैस कैथ लैब राज्य में पहली है।

              हिमाचल हार्ट इंस्टीट्यूट, मंडी के वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ. कुणाल महाजन ने कहा, “कैथ लैब की योजना लंबे समय से चल रही थी और मुझे खुशी है कि अब यह एक हकीकत बन गई है। राज्य में आम लोगों और विशेष रूप से युवाओं में दिल के दौरे व अन्य हृदय रोगों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, कैथ लैब समय पर रोग की पहचान और प्रारंभिक उपचार शुरू करने में मदद करेगी, जिससे कई मौतों को रोका जा सकेगा।”

              दिल का दौरा, कार्डियक अरेस्ट और अन्य हृदय रोग कई वर्षों से स्वास्थ्य संबंधी चिंता का विषय रहे हैं, लेकिन मुख्य रूप से कुछ साल पहले तक बुजुर्ग आबादी में ही देखे जा रहे थे। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में युवा पीढ़ी में भी हृदय रोगों में खतरनाक दर से वृद्धि हुई है।

              “दिल के दौरे और अन्य हृदय रोगों में वृद्धि को आधुनिक जीवन शैली से जोड़ने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। युवा पहले की तुलना में अब बैठे रहने वाला जीवन अधिक जी रहे हैं। अधिक तले-भुने, रिफाइंड, जंक फूड और चिकनाईयुक्त खाद्य पदार्थों के साथ-साथ कम शारीरिक गतिविधि के चलते हृदय संबंधी बीमारियां बढ़ी हैं। धूम्रपान और शराब के सेवन से स्थिति और खराब हो रही है। इसके अलावा, 30 और 40 साल के युवा काफी तनावपूर्ण जीवन जी रहे हैं, जो हृदय रोगों के बढ़ने का एक अन्य कारक भी है, ” डॉ महाजन ने कहा।

              कई बुजुर्गों के विपरीत, 40 और 50 के दशक में अधिकांश लोग नियमित रूप से दिल की जांच या स्वास्थ्य जांच नहीं करवाते हैं, भले ही परिवार में चिकित्सा बीमारियों का इतिहास रहा हो।

              “एक संपूर्ण जांच दिल की बीमारियों सहित संभावित बीमारियों के किसी भी चेतावनी संकेत के शीघ्र निदान में मदद कर सकती है। आवश्यक जीवनशैली, आहार परिवर्तन और जोखिम कारकों को कम करके अधिकांश बीमारियों को रोका जा सकता है। यही कारण है कि वर्ष में कम से कम एक बार पूर्ण स्वास्थ्य जांच की सिफारिश की जाती है, खासकर 40 वर्ष से ऊपर आयु वालों में। मुझे विश्वास है कि हिमाचल हार्ट इंस्टीट्यूट मंडी और आसपास के क्षेत्र में लोगों को दिल की बीमारियों की जांच कराने के लिए प्रोत्साहित करेगा और सुविधा प्रदान करेगा।”

              हिमाचल हार्ट इंस्टीट्यूट ने ओपीडी और कैथ लैब सेवाओं के अलावा इकोकार्डियोग्राफी, टीएमटी, और होल्टर मॉनीटरिंग की सेवाएं मांडव अस्पताल गुटकर में शुरू की हैं, ताकि मंडी और आसपास के क्षेत्रों के हृदय रोगियों को जरूरी राहत प्रदान की जा सके,” डॉ. बंगा ने कहा।