नगर निगम बैठक : हंगामें के बीच हावी रहा शून्यकाल सत्र

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

            निगम की वीरवार को हुई बैठक में हंगामे के बीच शून्यकाल सत्र हावी रहा। दोपहर 12 बजे बुलाई गई बैठक में शून्यकाल सत्र दोपहर 2 बजे तक चला। हालांकि सीमित समय को देखते हुए सदन में शून्यकाल सत्र 1 बजे था। महीने में एक बार होने वाली इस बैठक में कई मौकों पर बहस दिशा से भटकती नजर आई। कई मौकों पर पार्षद आपस में तो कभी मेयर और अधिकारियों को साथ बहस करते दिखे।

            पूरी बैठक में कुल 23 प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। इनमें 8 मुख्य , सप्लीमेंट्ररी 7 और 7 टेबल एजेंडे शामिल रहे। शून्यकाल सत्र इस कदर हावी रहा कि कई प्रस्ताव तो बिना खास चर्चा के महज 5 मिनट के भीतर पारित हुए। सदन की बैठक में यह मामला भी उठा की इन दिनों शहर भर की सड़कों को खोद कर केबल लाइनें डाली जा रही है जिससे लोग परेशान है , गड्ढा खोदने वाली कंपनी के लोग अपना काम करने के बाद गड्ढा को ऐसे ही खुला छोड़ जाते है जिससे वहां पानी भर जाता है और लोगों को वहां से आने जाने मैं भी परेशानी होती है।

            पार्षदों का कहना था की गड्ढा खोदे जाने की अनुमति पार्षदों की मंजूरी के बिना किसी को भी नहीं दी जानी चाहिए। इस पर निगम कमिश्नर अनिंदिता मित्रा ने कहा कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कंपनियों को 5-जी की लाइनें डालने का काम किया जा रहा है। इस पर रोक नहीं लगाई जा सकती। भारत सरकार की गाइड लाइन को लागू कराने के लिए निगम बाध्य है। हालांकि उन्होंने अपने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जहां भी गढ्डे खोदे गए है वहां परमिशन हैं कि नहीं उसका इंजीनियरों की कमेटी बनाकर निरीक्षण किया जाएं, इसमें पार्षदों को शमिल किया जाएं अगर बिना परमिशन सड़कों पर कट लगाए जाने के साथ खोदे गए हैं तो एफआईआर दर्ज किया जाएं।

इनविटेशन कार्ड पर नाम ना छपने पर पार्षदों का हंगामा, मेयर ने कहा एक नाम के पीछे इतना हंगामा क्यों ?

            शहर में नगर निगम के होने वाले कार्यक्रम के उद्घाटनों के लिए छापे जाने वाले इनविटेशन कार्ड पर वार्ड पार्षद के नाम को ना छापे जाने को लेकर सदन मैं पार्षदों ने हंगामा किया जिसपर मेयर सरबजीत कौर ने भी उन्हें जवाब देते हुए कहा की एक नाम न छपने पर इतना हंगामा क्यों किया जा रहा है। उन्होंने कहा की भविष्य में इनविटेशन कार्ड पर मेयर का नाम ना छापा जाये बल्कि पार्षद का नाम छापा जाये। इस मामले को आप पार्षदों ने उठाया, जिन्हें कांग्रेसी पार्षदों का समर्थन मिला। जिसपर विपक्ष और विपक्ष के पार्षदों के बीच हंगामा शुरू हो गया।

            मुद्दे पर आम आदमी पार्टी(आआपा) के पार्षदों को कांग्रेस पार्षदों का साथ भी मिला । दोनों दलों के पार्षद भाजपा पर आरोप लगाते रहे । आप पार्षद दल के नेता योगेश ढींगरा ने कहा कि बीते बुधवार को ड्डूमाजरा के डंपिंग ग्राउंड में कचरे को प्रोसेस करने का काम जो कार्यक्रम हुआ था। उसके लिए जो निमंत्रण कार्ड प्रिंट करवाए गए उसमें स्थानीय वार्ड पार्षद का नाम नहीं था। जबकि भाजपा के किसी पार्षद के वार्ड में कोई कार्यक्रम होता है तो नगर निगम सरकारी निमंत्रण पत्र पर उनके नाम प्रिंट करवाता है, ढींगरा ने कहा कि आज शाम सैक्टर -28 के महिला भवन में जो कर्मचारियों के बीमा करने का कार्यक्रम हो रहा है। उसमें भी आम आदमी पार्टी के स्थानीय वार्ड पार्षद का नाम शामिल नहीं है। इस बात को लेकर आआपा पार्षदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इस पर नाराज मेयर ने कहा कि कार्ड और नाम की राजनीति नहीं करनी चाहिए। शहर के विकास पर ध्यान देना चाहिए। मेयर ने कहा कि भविष्य में अब जो भी किसी वार्ड के पार्षद के एरिया में कार्यक्रम होगा उसमें पार्षद का नाम सबसे ऊपर लिखा जाएगा और वह मेयर का नाम उस कार्ड में प्रिंट नहीं करवाया जाएगा। मेयर ने यहां तक कह दिया कि कार्ड का सिस्टम बंद करवाकर व्हाट्स एप्प पर ही मैसेज भेजें जाने चाहिए। मेयर ने कहा कि ड्डूमाजरा कार्यक्रम की नेम प्लेट पर एरिया पार्षद का नाम शामिल रहा।

स्नेक बाइट का मुद्दा: कमिश्नर बोली-लोगों को चूहों को रोटी नहीं डालनी चाहिए , इसी से सांप भी आते हैं

            सदन में सैक्टर 42 सी में सांप काटने से महिला की मौत का मुद्दा रखा गया। जिस पर कमिश्नर ने निगम के एमओएच को आदेश दिए कि संबंधित वार्ड के पार्कों की मानीटरिंग की जाए। वहीं जो लोग पार्कों आदि में रोटी डाल रहे हैं उनके चालान जारी किए जाए। कमिश्नर ने कहा कि चूहा लोगों द्वारा डाली रोटी को खाने आता है और उसके पीछे सांप आता है। वहीं उन्होंने कहा कि लोगों को चूहों को खाना डालना बंद करना चाहिए। तभी चूहों की संख्या कम हो सकती है। सैक्टर 42 सी में एक 45 वर्षीय महिला की मौत हुई है।

            वहीं ,दूसरी ओर कांग्रेसी पार्षद गुरप्रीत सिंह गाबी ने कहा कि निगम की पिक अप गाड़ी मंदिरों में चढ़ने वाले फूलों और मरे हुए जानवरों को भी उठाती है। यह धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ है। यही फूल आगे मंदिरों में चढ़ाए जाते हैं। कहा गया कि जिन गाड़ियों में मंदिरों के लिए फूल उठाए जा रहे हैं उसी में मरे हुए जानवरों को ले जाया जा रहा है। ऐसे में ड्राइवर पर कार्रवाई होनी चाहिए। इसके पीछे एक न्यूज पेपर में छपी खबर का हवाला दिया गया। इस पर कमिश्नर ने कहा कि मामले में इन्क्वायरी मार्क की जा चुकी है। वहीं बताया कि वह एक ट्रेनिंग सेशन था, इसलिए इन फूलों से बनाई गई धूप-बत्ती मंदिर नहीं गई। वहीं कहा है कि लापरवाही बरतने वाले ड्राइवर आदि पर जांच के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

शहर के वेंडर्स के लिए शौचालय तक नहीं

            सदन में वेंडर्स के लिए मूलभूत सुविधाओं का मुद्दा भी रखा गया। दरअसल यह कहा गया कि कई वेंडर्स महिलाएं हैं और उनके लिए शौचालय आदि की मूल•ाूत सुविधाएं भी नहीं हैं। जिस पर कमिश्नर ने कहा कि चीफ आर्किटेक्ट से मंजूरी के बाद ही इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़े करने आदि के फैसले लिए जा सकते हैं। टाउन वेंडिंग कमेटी(टीवीसी) से यह मुद्दा पास करवा सारे वेंडिंग जोन पर मूलभूत सुविधाओं के प्रस्ताव पारित होकर प्रशासन के पास चले जाएंगे।

वहीं शहर के डार्क प्वाइंट्स का मुद्दा भी मीटिंग में उठाया गया। कहा गया कि डार्क प्वाइंट्स पर आपराधिक वारदातें हो रही हैं। जिस पर कमिश्नर ने बताया कि इस पर काम किया जा रहा है। शहर में बढ़ रहे स्ट्रे डॉग्स, खौफ में शहरवासी शहर में आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर पार्षदों के सवालों के जवाब में कमिश्नर ने बताया कि 25 जून को एनिमल बर्थ कंट्रोल का कार्यक्रम सैक्टर 38(वेस्ट) स्थित अइउ सेंटर में शुरू कर दिया गया था। 734 कुत्तों की 25 जून के बाद से नसबंदी की गई है। निगम की ओर से दो गाड़ियां शहर में काटने वाले कुत्तों को पकड़ने के लिए लगाई गई हैं। सैक्टर 38 (वेस्ट) के सेंटर में सिर्फ 110 डॉग्स को रखने की क्षमता है। उन्हें नसबंदी के बाद उसी जगह पर ही छोड़ दिया जाता है। रायपुर कलां में फरवरी में 400 डॉग्स को रखने का कार्यक्रम पूरा हो जाएगा।

आउटसोर्स कर्मियों के लिए बीमा पॉलिसी शुरू की गई 

            हाल ही में निगम की एक गार्बेज कलेक्शन गाड़ी के नीचे दबकर मारे गए कर्मी के मुआवजे को लेकर हाउस में सवाल उठे। निगम कमिश्नर ने कहा कि निगम के अंतर्गत काम करने वाले आउटसोर्स कर्मियों की इंश्योरेंस करवाई जा रही है। वहीं मेयर सर्बजीत कौर ने कहा कि मृतक के परिवार में किसी को वहीं या उसकी योग्यता के अनुरुप नौकरी दी जाएगी। पार्षदों ने कहा कि निगम की गाड़ी के नीचे दब कर अब तक दो कर्मियों की मौत हो चुकी है। निगम की गाड़ियों की मेंटेनेंस करवाई जानी चाहिए। इस पर कमिश्नर ने कहा कि ऐसी गाड़ियों की मैकेनिकल चैकिंग करवाई जाएगी ताकि आगे से ऐसा हादसा न हो। प्लेटफार्म एकदम से नीचे नहीं आता: निगम निगम के इंजीनियरिंग विभाग के अफसरों ने बताया कि पहले जिस गाड़ी से सफाई कर्मी की मौत हुई थी वह स्मार्ट सिटी के अंतर्गत थी। वहीं अब जिस गाड़ी से हादसे में कर्मी की मौत हुई है वह निगम के एमओएच विभाग की थी। उसे इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि कोई भी बटन दबाए तो हाइड्रोलिक प्रेशर से एकदम न तो प्लेटफार्म नीचे आता है और न ही ऊपर जाता है। जब तक उसके साथ कोई छेड़छाड़ न की जाए। हालाांकि इसकी विस्तृत ऑडिटिंग की जा रही है। इस पर कांग्रेसी पार्षद गुरप्रीत सिंह गाबी ने कहा कि क्या निगम कहना चाहता है कि कर्मी खुद जानबूझकर उसके नीचे आकर दब कर मर गया।

बंदरों के आतंक से बबला दुखी

            भाजपा पार्षद हरप्रीत कौर बबला ने कहा कि उनके वार्ड में बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। उन्हें लगातार वार्ड निवासियों के कॉल आते हैं कि बंदर उनके घरों की छत आदि पर आ रहे हैं। ऐसे में मंकी बाइट का भी खतरा बना हुआ है। इस पर कमिश्नर ने कहा कि चीफ कंजरवेट ऑफ़ फोरेस्ट्स(सीसीएफ) को भी लिखा था। हालांकि बंदरों से जुड़ा मुद्दा प्रशासन के अधिकार क्षेत्र में है। वहीं दूसरी ओर प्रमुख एजेंडा दिव्यांगों के लिए कम्युनिटी सेंटर्स में ढांचा खड़ा करना , शहर के विकास और सुविधाओं से जुड़े और भी एजेंडे शामिल रहे । अन्य एजेंडों में सैक्टर -35 में वी-5 रोड पर 86.53 लाख रुपए की लागत से पेवर ब्लॉक्स लगाने, ड्डूमाजरा कॉलोनी में डार्क स्पॉट्स पर लाइट्स लगाने, सैक्टर -56 के पार्क में बच्चों के लिए नए झूले लगाने संबंधी एजेंडा शामिल रहे।