Wednesday, December 25

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – 26 सितम्बर 22 :

नोटः आज से शरद नवरात्र प्रारम्भ, घटस्थापन, महाराज अग्रसेन जयंती, मातामह, नाना/नानी का श्राद्ध।

इस बार शारदीय नवरात्रि पर घटस्थापना के दिन बेहद ही शुभ और दुर्लभ योग बन रहा है। नवरात्रि पर मां दुर्गा की विशेष पूजा – आराधना और साधना की जाती है।  नवरात्रि के नौ दिन मां के नौ स्वरूपों का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि के पहले दिन प्रतिपदा तिथि तिथि पर कलश स्थापना के साथ मां शक्ति की आराधना का महापर्व शुरू हो जाता है।

प्रथम नवरात्रा – माँ शैल पुत्री :

  • शैल का अर्थ है हिमालय, पर्वतराज हिमालय के यहां जन्म लेने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहते हैं
  • मां शैलपुत्री को पार्वती स्वरूप में भगवान शंकर की पत्नी के रूप में भी जाना जाता है

आज आश्विन माह के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा है। कलश-स्थापना के बाद मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री का पूजन किया जाएगा। शैल का अर्थ है हिमालय और पर्वतराज हिमालय के यहां जन्म लेने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। हिमालय हमारी शक्ति, दृढ़ता, आधार व स्थिरता का प्रतीक है। मां शैलपुत्री को पार्वती स्वरूप में भगवान शंकर की पत्नी के रूप में भी जाना जाता है। नवरात्रि के प्रथम दिन योगीजन अपनी शक्ति मूलाधार में स्थित करते हैं और योग साधना करते हैं।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः आश्विऩ,

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः प्रतिपदा रात्रिः 03.09 तक है,  

वारः सोमवार।  

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः हस्त 30.16 तक है, 

योगः शुक्ल प्रातः 08.04 तक,

 करणः किंस्तुघ्न, 

सूर्य राशिः कन्या, चंद्र राशिः कन्या, 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.15, सूर्यास्तः 06.09 बजे।