गुलाम नबी आजाद ने अपनी पार्टी के झंडे का भी अनावरण किया है। उन्होंने कहा, झंडे का पीला रंग रचनात्मकता, एकता और विविधता को दर्शाता है। सफेद रंग शांति और नीला रंग स्वतंत्रता, खुले विचार, कल्पना और सागर की गहराई से आकाश की ऊंचाई तक को दिखाता है। आजाद ने कहा, लोगों ने उर्दू, संस्कृति, हिंदी में नाम सुझाए थे। हालांकि हम ऐसा नाम चाहते थे जिसमें डेमोक्रेटिक, शांति और स्वतंत्र तीनों बाते हों।
- कांग्रेस से अलग होकर गुलाम नबी आजाद ने अपनी नई पार्टी का ऐलान किया
- गुलाम नबी आजाद ने अपनी पार्टी का नाम डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी रखा
- इस मौके पर गुलाम नबी आजाद ने पार्टी का नाम और झंडे का अनावरण किया
डेमोक्रेटिक फ्रंट, जम्मू(ब्यूरो) – 26 सितंबर :
कांग्रेस के पूर्व नेता और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को अपनी नई पार्टी के नाम का ऐलान कर दिया। उन्होंने अपनी पार्टी का नाम डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी रखा है। कांग्रेस से नाता टूटने के बाद गुलाम नबी आजाद ने अपने दम पर नई पार्टी गठित करने के संकेत दे दिए थे। इसके बाद उनकी नई पार्टी के नाम को लेकर कयासबाजी का दौर शुरू हो गया था। तमाम अटकलबाजियों को विराम देते हुए गुलाम नबी आजाद ने नवरात्रि के पहले दिन अपनी नई पार्टी के नाम का ऐलान कर दिया।
गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता 26 अगस्त को त्याग दी थी। इसके बाद से ही उनके द्वारा नई पार्टी का गठन करने का अनुमान लगाया जा रहा था। गुलाम नबी ने कई मौकों पर खुद भी इसके संकेत दिए थे। कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद उन्होंने कहा था कि वह समर्थकों से मुलाकात और राय – विचार करने के बाद नई पार्टी लॉन्च करने की घोषणा करेंगे। अपनी पार्टी के नाम का ऐलान करने से पहले गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कहा, “लोगों ने नई पार्टी के लिए तकरीबन 1500 नाम मुझे भेजे थे। इनमें से कई नाम उर्दू और संस्कृत में भी थे। इनमें हिन्दी और उर्दू का मिश्रित नाम जैसे हिन्दुस्तानी भी था। मैं अपनी पार्टी का नाम लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और स्वतंत्रता को प्रदर्शित करने वाला रखना चाहता हूं।”
उन्होंने कहा कि आजाद का मतलब उनके नाम से नहीं है। बल्कि इसका मतलब स्वतंत्र से है। उनकी पार्टी स्वतंत्र लोकतांत्रिक पार्टी होगी जो आम लोगों से जुड़ी होगी। आजाद ने आगे कहा कि राजनीति में कोई दुश्मन नहीं होता। हां राजनीतिक दलों की नीतियों पर मतभेद हो सकते हैं। हम उसकी का विरोध करते हैं।
जम्मू हवाई अड्डे से आजाद सीधे गांधी नगर स्थित अपने आवास पहुंचे। अपने आवास के बाहर पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत में आजाद ने कहा कि मैं यहां पर नेताओं व कार्यकर्ताओं से मिलने लिए आया हूं। पार्टी लांच करने से पहले सोमवार को मीडिया को आमंत्रित करूंगा। उनके करीबियों के अनुसार नाम व झंडा फाइनल हो चुका है। जल्द ही इसका एक दो दिन में खुलासा हो जाएंगा। सूत्रों ने बताया कि आजाद की आज पहले नवरात्र पर पार्टी के नाम की घोषणा करने की तैयारी है।
आजाद के आवास पर दिन भर बैठकों का दौर चला। इसमें पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद, डा. मनोहर लाल शर्मा, जीएम सरूरी, अब्दुल मजीद वानी, बलवान सिंह, गौरव चोपड़ा, जुगल किशोर आदि शामिल हुए। इस दौरान पार्टी के नाम पर चर्चा की गई। जम्मू का दो दिवसीय दौरा पूरा करने के बाद आजाद 27 सितंबर को श्रीनगर का रुख करेंगे। वह दो दिन तक कश्मीर में पार्टी नेताओं से बैठकें करेंगे।
आजाद को जम्मू कश्मीर से पंद्रह हजार से अधिक लोगों ने पार्टी के नाम के सुझाव दिए थे। हालांकि वह पार्टी के नाम पर दिल्ली में विचार विमर्श कर चुके हैं लेकिन फाइनल करने के लिए उन्होंने जम्मू कश्मीर के नेताओं से भी विस्तार से चर्चा की। सितंबर माह में गुलाम नबी आजाद का यह दूसरा दौरा है। इससे पहले कांग्रेस छोड़ने के बाद चार सितंबर को जम्मू कश्मीर आए थे। रैलियां की और चार सौ से अधिक प्रतिनिधिमंडलों से बातचीत की थी।
पार्टी का एजेंडा स्पष्ट किया लेकिन पार्टी के नाम का फैसला नहीं हो पाया था। आजाद अनुच्छेद 370 पर अपनी राय को स्पष्ट कर चुके है कि यह अनुच्छेद फिर से वापिस नहीं आ सकता क्योंकि इसके लिए संसद में दो तिहाई बहुमत चाहिए। वह कह चुके है कि उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने, स्थानीय लोगों के लिए नौकरियां व भूमि के अधिकार सुरक्षित करने के लिए संघर्ष करेंगे।
वह महिलाओं के सम्मान, कश्मीरी विस्थापितों के पुनर्वास करने, हर क्षेत्र के बराबर विकास करने पर काम करेंगे। आजाद के समर्थन में कांग्रेस के अधिकतर नेता पहले ही पार्टी छोड़ चुके हैं।