बैंक से 25 लाख रुपए का कर्ज़ लेकर फ्रॉड करने वाला भगौड़ा दोषी विजीलैंस ब्यूरो द्वारा काबू

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

            पंजाब विजीलैंस ब्यूरो की तरफ से पंजाब ग्रामीण बैंक, ब्रांच जगतपुर जटां, फगवाड़ा, ज़िला कपूरथला में हुए फ्रॉड के सम्बन्ध में भगौड़े चले आ रहे दोषी सतीश झा निवासी गाँव चक्क हकीम, फगवाड़ा को जाली दस्तावेज़ों के आधार पर मिलीभुगत से 25,00,000 रुपए का कर्ज़ मंजूर करवा के बैंक से धोखाधड़ी करने के दोषों के तहत आज गिरफ्तार कर लिया है।

            इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए विजीलैस ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने बताया कि उक्त धोखाधड़ी के विरुद्ध विजीलैस इंक्वारी नंबर 10/2017 ज़िला जालंधर की पड़ताल पर मुकदमा नंबर 11 तारीख़ 31- 08- 2020 को आइपीसी की धाराओं 409, 420, 467, 468, 471, 120- बी और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 13 (1) (ए) (2) के अंतर्गत विजीलैस ब्यूरो के थाना जालंधर में दर्ज हुआ था। उन्होंने बताया कि उक्त मुलजिम ने यह कर्ज़ बैंक मैनेजर हरभजन सिंह कपूर और बैक पैनल के वैलूयर सतीश कुमार शर्मा की मिलीभुगत से मंज़ूर करवाया था।

            उन्होंने बताया कि कि उपरोक्त मुकदमे में कुल 16 दोषी हैं जिनमें से छह दोषियों – राज कुमार निवासी ठठ्यिला मोहल्ला, फगवाड़ा, वैलूयर सतीश कुमार शर्मा, सुभाष कुमार निवासी महिन्दवानी, ज़िला होशियारपुर, अवतार सिंह निवासी आशा पार्क कालोनी, फगवाड़ा, पंकज निवासी मोहल्ला रतनपुरा, फगवाड़ा और रजेश कुमार निवासी मोहल्ला रतनपुरा, फगवाड़ा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। बाकी रहते दोषियों की गिरफ्तारी के लिए विजीलैंस ब्यूरो की तरफ से तलाश की जा रही है जिनको जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा।

            इस केस के और विवरण देते हुये उन्होंने बताया कि विजीलैंस की तरफ से पड़ताल के दौरान पाया गया कि गाँव चक्क हकीम के कुल क्षेत्रफल 35 कनाल 03 मरले में भाई घनैया इनकलेव नामी रिहायशी कालोनी बनी हुई है। इस कालोनी के उक्त खसरा नंबरों के क्षेत्रफल में से सुखविन्दर कौर अटवाल और मनिन्दर कौर अटवाल की 8 कनाल 15 मरले की हिस्सा बराबर मालकी है जिन्होंने अपनी ज़मीन की देखभाल और ख़रीद-फ़रोख़्त के लिए गुरचरन सिंह अटवाल निवासी गाँव अनोखवाल को दो अलग-अलग दस्तावेज़ों के द्वारा मुखत्यारे खास मुकर्रर(अधिकृत) किया हुआ था जिसने आगे राज कुमार निवासी ठठियारा मोहल्ला, फगवाड़ा को मुखत्यारे ख़ास मुकर्रर(अधिकृत) कर दिया।

            उन्होंने बताया कि राज कुमार के कहे अनुसार वह साल 2009-10 के दौरान उक्त अवतार सिंह फगवाड़ा के पास प्राईवेट तौर पर काम करता था तो यह दस्तावेज़ उसके मालिक अवतार सिंह ने साथ सहमत होकर उसके नाम रजिस्टर्ड करवाया था। गुरचरन सिंह का अवतार सिंह जानकार भी था। गाँव चक्क हकीम में भाई घनैया इनकलेव कालोनी का करीब 101 मरले क्षेत्रफल अलग-अलग प्लाटों के रूप में बिक्री हो जाने के बाद करीब-करीब 74 मरले क्षेत्रफल, जो सड़कों और गलियों का बकाया बच गया उसकी मालकी माल रिकार्ड की जमांबन्दी में असली मालिकों के नाम पर ही चल रही थी।  

            राज कुमार (मुखत्यारे ख़ास) और इसके मालिक अवतार सिंह ने फ्रॉड करने की नियत से विभाग राजस्व से फ़र्द जमांबन्दी निकलवा कर गाँव चक्क हकीम की भाई घनैया इनकलेव कालोनी की सड़कों वाले बचते क्षेत्रफल करीब 74 मरले में से छोटे-छोटे प्लाट बेचने सम्बन्धी राज कुमार (मुखत्यारे ख़ास) ने अपने मालिक अवतार सिंह, प्रदीप कुमार, पंकज कुमार और अन्य जानकार व्यक्तियों के नाम करारनामे लिख दिए जो बाद में इन व्यक्तियों ने अपने हक में लिखे हुए करारनामे उक्त पंजाब ग्रामीण बैक में मैनेजर हरभजन सिंह कपूर को दे कर वैलूयर सतीश कुमार शर्मा की मिलीभुगत से नये मकानों के निर्माण संबंधी बैक से लाखों रुपए का कर्ज़ मंजूर करवा लिया जबकि वास्तव में इन्होंने कोई मकान का निर्माण ही नहीं करवाया न ही वहां निर्माण हो स्कता था बल्कि इन्होंने गाँव चक्क हकीम में ही पड़ते दूसरों कॉलोनियों में लोगों की कोठियों के आगे खड़े होकर फ़र्ज़ी तौर पर बैक के नाम आड़ रहने करवा दीं।

            इस संबंधी सभी फ्रॉड में बैक मैनेजर हरभजन सिंह कपूर और वैलूयर सतीश कुमार शर्मा ने अपने पद का दुरुपयोग करके कर्ज़ लेने वाले व्यक्तियों का पूरा-पूरा साथ दिया जिस कारण इन दोनों की कर्ज़ लेने वाले उक्त व्यक्तियों के साथ मिलीभुगत होने के कारण बैंक और सरकार को कुल रकम 3,40,71,000 रुपए का वित्तीय नुक्सान होना साबित हुआ था।

            प्रवक्ता ने बताया कि इसी तरह उक्त दोषी सतीश झा की तरफ से भी तारीख़ 30- 06- 2015 को एक साढ़े 5 मरले का प्लाट खरीदने के बाद इंतकाल नंबर मंजूर करवा कर मैनेजर हरभजन सिंह कपूर और वैलूयर सतीश कुमार शर्मा की मिलीभुगत से उक्त पंजाब ग्रामीण बैक से नये मकानों के निर्माण संबंधी बैक से 25, 00, 000 रुपए का कब्ज़ा मंजूर करवा लिया गया जबकि वास्तव में इसने कोई मकान का निर्माण ही नहीं करवाया है।