राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/गुजरात
‘‘वातावरण की संभाल और सफ़ाई के लिए पंजाब सरकार की तरफ से प्लास्टिक लिफ़ाफों पर मुकम्मल पाबंदी लगाई गई, इस पाबंदी के नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए लाज़िमी है कि देश भर में ऐसी पाबंदी एकसमान लगाई जाये। इसलिए केंद्र सरकार को पहल करते हुये ऐसी सांझा नीति बनानी चाहिए, क्योंकि वातावरण की संभाल रखना हम सभी की सांझी ज़िम्मेदारी है।’’
यह बात पंजाब के वातावरण मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने वातावरण बारे देश के सभी राज्यों के वातावरण, वन और मौसमी परिवर्तन संबंधी मंत्रियों की दो दिवसीय राष्ट्रीय कान्फ़्रेंस के पहले दिन आज अपने संबोधन के दौरान कही।
मीत हेयर ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशों पर वातावरण और पंजाब प्रदूषण रोकथाम बोर्ड वातावरण की संभाल के लिए निरंतर यत्न कर रहा है। उन्होंने साथ ही कहा कि राज्य सरकार की तरफ से प्लास्टिक लिफ़ाफों के निर्माण, खरीद, बेच और प्रयोग पर लगाई मुकम्मल पाबंदी पर उद्योगों की तरफ से यही बात उठाई जाती है कि पड़ोसी राज्यों की तरफ से ऐसी पाबंदी नहीं लगाई गई है।
वातावरण मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से पलास्टिक लिफाफों पर पाबंदी है, चाहे वह 75 माइक्रोन हो या फिर 100 माइक्रोन हो परंतु दूसरे राज्यों में ऐसे लिफाफों पर पाबंदी न होने के कारण पंजाब के उद्योग यह शिकायत करते हैं कि दूसरे राज्यों और केंद्र की तरफ से ऐसी पाबंदी नहीं की।
मीत हेयर ने केंद्र सरकार के आगे माँग रखी कि यदि प्लास्टिक पर पाबंदी करनी है तो मुकम्मल पाबंदी एकसमान की जाये क्योंकि वातावरण को साफ़-सुथरा रखना सभी राज्यों की सांझी ज़िम्मेदारी है। पंजाब की तरह सभी राज्यों में पाबंदी लगाने का काम केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। उन्होंने आगे यह भी माँग रखी कि ऐसे उद्योगों को प्लास्टिक के निर्माण से विकल्प के लिए रियायतें भी दीं जाएँ।
मीत हेयर ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने पंजाब के मंडी गोबिन्दगढ़ को पूर्ण तौर पर रिवायती ईंधन से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। मंडी गोबिन्दगढ़ उत्तरी भारत का पहला शहर होगा जहाँ सभी उद्योगों में रिवायती ईंधन की जगह पूर्ण तौर पर पी. एन. जी. ( पाईप कम्परैसड गैस) का प्रयोग किया जाता है। 237 औद्योगिक इकाईयों में से 154 पी. एन. जी. गैस में तबदील हो चुकी हैं और बाकियों का काम चल रहा है। इससे इस औद्योगिक शहर की हवा की शुद्धता में बहुत सुधार हुआ है।
वातावरण मंत्री ने आगे संबोधन करते हुये कहा कि पंजाब ने बायो मैडीकल अवशेष प्रबंधन में बड़ा कदम उठाया है और पंजाब देश का पहला राज्य है जहाँ बायो मैडीकल अवशेष को इकट्ठा करने के लिए बार कोड का प्रयोग किया जाता है जिससे ग़ैर कानूनी गतिविधियों पर रोक लगी है।
राष्ट्रीय कान्फ़्रेंस में वातावरण मंत्री के साथ पंजाब प्रदूषण रोकथाम बोर्ड के चेयरमैन प्रो. आदर्श पाल विग भी शिरकत कर रहे हैं।