आम आदमी पार्टी (आआपा) के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर उसकी सरकार को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाए जाने के कुछ दिन बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विश्वास मत हासिल करने के लिए 22 सितंबर को पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। पंजाब में आआपा के 11 विधायकों को 25-25 करोड़ का ऑफर… हरपाल चीमा ने भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप। राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार ने पहले दावा किया था कि भाजपा ने उसके कुछ विधायकों को 25-25 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी। जर्मनी में मौजूद भगवंत मान ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘आपने यह सुना होगा कि कैसे उन्होंने भारी जनादेश के साथ निर्वाचित सरकार को सत्ता से बाहर करने के प्रयास के तहत हमारे विधायकों से संपर्क करने और उन्हें पैसे तथा अन्य प्रलोभन देने की कोशिश की।’’
- बीजेपी पर आप विधायकों को खरीदने की कोशिश का आरोप
- भाजपा ने पंजाब सरकार गिराने के लिए हमारे विधायकों को 20-25 करोड़ रुपये की पेशकश की : आआपा
- पंजाब में ‘ऑपरेशन लोटस’, आआपा के 11 विधायकों को 25-25 करोड़ का ऑफर… हरपाल चीमा ने BJP पर लगाए गंभीर आरोप
- 11 विधायकों में दिनेश चड्डा, रमन अरोड़ा, बुद्ध राम, कुलवंत पांडोरी, नरिंद्र कौर भराज, रजनीश दहिया, रुपिंद्र सिंह हैप्पी, शीतल अंगुरल, मनजीत सिंह बिलासपुर, लभ सिंह उगोके और बलजिंद्र सिंह शामिल थे
- भारत पर तब ऐसी क्या मुसीबत पड़ी थी कि इंदिरा गांधी ने दान कर दिए थे पूरे जेवर, बच्चे तक पैसे डोनेट करने पहुंचे थे
- भाजपा द्वारा आआपा विधायकों को खरीदने पार्टी के आरोपों की शिअद ने सीबीआई जांच की मांग की
डेमोक्रेटिक फ्रंट (ब्यूरो) नयी दिल्ली – 19 सितंबर :
पंजाब की आम आदमी पार्टी (आआपा) सरकार 22 सितंबर को प्रदेश विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर विश्वास मत हासिल करेगी। पंजाब आप द्वारा भाजपा पर सूबे की आप सरकार गिराने की कोशिशों का आरोप लगाने के कुछ दिन बाद सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 22 सितंबर को राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का एलान किया। इस सत्र में सरकार विश्वास प्रस्ताव लाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “पंजाब के लोगों ने हमारी सरकार को जबरदस्त बहुमत दिया है लेकिन लोकतांत्रिक मूल्यों का नुकसान पहुंचाने वाली कुछ ताकतें हमारे विधायकों को धन-दौलत के सहारे लुभाने की कोशिश कर रही हैं। इस कारण हमने इस विशेष सत्र में राज्य के लोगों का भरोसा हासिल करने का फैसला लिया है।” पंजाब आआपा ने पिछले सप्ताह दावा किया था कि उसके कम से कम 10 विधायकों को भाजपा ने छह महीने पुरानी सरकार को गिराने के लिए 25-25 करोड़ रुपये की पेशकश करते हुए संपर्क किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आआपा के विधायकों को धन-दौलत के तराजू में तोला नहीं जा सकता क्योंकि वह पार्टी की विचारधारा के प्रति समर्पित और वचनबद्ध हैं। पंजाब में सरकार को अस्थिर करने के नापाक मंसूबे बुरी तरह नाकाम साबित हुए हैं क्योंकि हमारी पार्टी के विधायक राज्य के लोगों के प्रति वफादार हैं।
उन्होंने कहा कि इस विशेष सत्र में लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिशों का पर्दाफाश किया जाएगा। विधानसभा मतदान के दौरान भी सभी पार्टियों ने वोटरों को पैसे का लालच देने की कोशिश की थी लेकिन पंजाब के लोग आम आदमी पार्टी और इसके चुने हुए विधायकों के साथ चट्टान की तरह खड़े रहे।
प्रदेश की 117 सदस्यीय विधानसभा में 92 विधायकों के साथ आम आदमी पार्टी के पास पूर्ण बहुमत है। वहीं, कांग्रेस के पास 18 विधायक हैं और वह मुख्य विपक्षी दल है। शिअद के 3, भाजपा के 2 और बसपा के 1 विधायक हैं, जबकि विधानसभा में एक निर्दलीय सदस्य भी है।
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बीते सप्ताह आरोप लगाया था कि भाजपा अपने ऑपरेशन लोटस के तहत राज्य के कुछ आप विधायकों को तोड़ने के लिए 25-25 करोड़ रुपये देने का लालच दे रही है। भाजपा का ऑपरेशन लोटस विभिन्न राज्यों में लोकतांत्रिक तरीके की चुनी गई सरकारों को गिराने के लिए है। इसी के तहत दिल्ली में भी भाजपा ने सरकार को गिराने की कोशिश की और अब पंजाब में आआपा सरकार गिराने की साजिश रची है।
हरपाल चीमा द्वारा डीजीपी गौरव यादव को आआपा विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश संबंधी दी गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने 14 सितंबर को एक एफआईआर दर्ज करते हुए मामले की जांच का काम विजिलेंस ब्यूरो को सौंप दिया है। इस जांच में साइबर सेल के अधिकारियों को भी शामिल किया गया है।
दिल्ली विधानसभा ने 1 सितंबर को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा पेश किया गया विश्वास प्रस्ताव पारित किया गया था। विश्वास प्रस्ताव जीतने के बाद केजरीवाल ने कहा था कि वह इसे देश के सामने यह साबित करने के लिए लाए हैं कि भाजपा उनके विधायकों को नहीं खरीद सकती और भगवा पार्टी का ऑपरेशन लोटस दिल्ली में विफल हो गया।