सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 15 सितंबर :
कला और सांस्कृतिक विरासत के भारतीय राष्ट्रीय न्यास (इंटैक) की यमुनानगर शाखा के द्वारा गुरु नानक खालसा कॉलेज मे एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया ।
मौके पर एच ई सी एस दिल्ली की निदेशिका एवं संकाय सदस्य डाॅ पूर्णिमा दत्त ने बताया कि इंटैक की स्थापना 1984 में नई दिल्ली में भारत में विरासत जागरूकता और संरक्षण को प्रोत्साहित करने और उसका नेतृत्व करने के लिए एक संगठन बनाने की दृष्टि से की गई थी 1984 से इंटैक ने भारत की प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संरक्षण का बीड़ा उठाया है और आज यह भारतीय विरासत और संस्कृति के संरक्षण के लिए समर्पित देश का सबसे बड़ा संगठन है।
उन्होंने बताया कि इंटैक की 215 भारतीय शहरों में इकाईयां कार्यरत हैं साथ ही बेल्जियम मे 3 और यूनाइटेड किंगडम में भी इसकी अनेकों इकाईयां हैं । मौके पर लेफ्टिनेंट जनरल पीवीएसएम तथा एस एम अंबाला रंणजीत सिंह ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य समाज के विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरंक्षित करने के लिए जागरूक करना है तथा इसके लिए श्रेष्ठ नागरिक गुणों को भी विकसित करना है ।
कार्यशाला मे यमुनानगर के 10 विद्यालयों और 10 काॅलेजों के लगभग 80 प्रतिभागियों ने भाग लिया ।महाराजा अग्रसेन काॅलेज के इतिहास के प्राध्यापक डाॅ विरेन्दर सिंह ढिल्लो ने यमुनानगर जिला मे फैली ऐतिहासिक इमारतों,स्थलों,नामकरण तथा अन्य विषयों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि यमुनानगर मे फैली पौराणिक,ऐतिहासिक,बौद्ध,मुगलकाल व अन्य विरासतों को समय रहते संभालने की जरूरत है ताकि आने वाली पीढ़ियों को उनसे रूबरू करवाया जा सके।
इंटैक के जिला प्रमुख मेजर आर एस भट्ठी ने कार्यशाला मे पहुंचें विद्वानों,शिक्षकों और अन्य प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि समाज और सरकारों के द्वारा पर्याप्त ध्यान न दिए जाने के कारण हमारी महत्वपूर्ण विरासतों का धीरे धीरे क्षरण होता जा रहा है ।यह बहुत ही चिंताजनक बात है ।इसलिए वर्तमान और भावी पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक विरासतों को बचाने के लिए तथा उन्हें जगाने के लिए इस इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है ।मेजर भट्टी ने उम्मीद जाहिर किया कि इस कार्यशाला के भविष्य मे आशाजनक परिणाम सामने आएंगे ।
प्रबंध समिति के अध्यक्ष सरदार रणदीप सिंह जौहर ने इस कार्यशाला के आयोजन पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा है कि ऐसे आयोजन वक्त की जरूरत हैं। इस अवसर पर काॅलेज प्राचार्य डॉ मेजर हरिन्दर सिंह कंग ,एसोसिएशन प्रोफेसर डॉ कमलप्रीत कौर सहित अनेक विभागों के प्राध्यापक और विद्यार्थी भी उपस्थित थे।