Sunday, April 20

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – 12 सितम्बर 22 :

Shradh Will Start From Saturday Nut | Shradh 2022: आज से शुरू होंगे श्राद्ध,  जानिए क्या है शुभ योग औऱ इन दिनो कैसे पार होगी नैया
आज श्राद्ध की तृतीया तिथि है

नोटः आज तृतीया तिथि का श्राद्ध है। 

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः आश्विऩ, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः द्वितीया प्रातः 11.36 तक है,

वारः सोमवार। 

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः उत्तराभाद्रपद प्रातः 06.59 तक है, 

योगः अतिगण्ड प्रातः 09.31 तक, 

करणः गर 

सूर्य राशिः सिंह, चंद्र राशिः मीन, 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.09, सूर्यास्तः 06.26 बजे।