समाजसेवी पूर्ण चंद गुप्ता के निधन पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल व शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने दुःख प्रकट किया

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर  –  12 सितंबर  : 

            भाजपा जिला सचिव संजीव गर्ग ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके पिता समाजसेवी स्वर्गीय पूर्ण चंद्र गुप्ता का निधन 4 सितंबर को हो गया था ,उनके निधन पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने फोन के माध्यम से संजीव गर्ग से बात करके परिवार को सांत्वना दी व अपना दुख व्यक्त किया।

             शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर,भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सपरा ,विधायक घनश्यामदास अरोड़ा,नगर निगम मेयर मदन चौहान, डिप्टी मेयर प्रवीण शर्मा, पिन्नी ,स्वर्गीय सुषमा स्वराज की बहन वंदना स्वराज ,भाजपा जिला मीडिया प्रमुख कपिल मनीष गर्ग,पूर्व मंत्री कर्णदेव काम्बोज, चेयरमैन रामनिवास गर्ग, चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी,अग्रवाल सभा प्रधान मनोज गुप्ता,चेयरमैन डाक्टर रीषीराज,चेयरपर्सन रोजीमलिक आंनद,सहारनपुर भाजपा विधायक राजीव गुम्बर आदि ने समाजसेवी स्वर्गीय श्री पूरन चंद गुप्ता के आकस्मिक निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की व परिवार को संत्वना दी।

             हरियाणा स्टेट लॉ कमिशन सदस्य एडवोकेट मुकेश गर्ग ने बताया कि स्वर्गीय श्री पूर्णचंद गुप्ता चाचा जी के निधन से पूरे परिवार को क्षति हुई है,स्वर्गीय पूर्णचंद गुप्ता चाचा जी की आत्मिक शांति के लिए 14 सितंबर बुधवार को श्रद्धांजलि सभा व रस्म पगड़ी गुप्ता पैलेस जगाधरी में आयोजित होगी।

गाँव ऊर्जनी में 50 से अधिक सैनी समाज के युवा व मुस्लिम भाजपा में हुए शामिल :  कँवर पाल

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर  –  12 सितंबर  : 

            हरियाणा सरकार में शिक्षा ,वन व पर्यटन मंत्री कंवरपाल ने जानकारी देते हुए बताया कि जगाधरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत गांव ऊर्जनी में आयोजित कार्यक्रम में सैनी समाज व मुस्लिम समाज के 50 से ज्यादा लोगों ने विभिन्न राजनीतिक पार्टियों को छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

            शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि भाजपा पार्टी में शामिल होने वाले लोगों को पार्टी में पूरा मान सम्मान दिया जाएगा।शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने गांव वालों की मांग पर गांव में विकास कार्यों के लिए 10 लाख रुपये की ग्रांट दान देने की भी घोषणा की इसके उपरांत जगाधरी विधानसभा के गांव शेखूमाजरा में शिक्षा मंत्री कंवरपाल का नागरिक अभिनंदन किया गया।

            गांव शेखपुरा में आयोजित कार्यक्रम में छछरौली क्षेत्र को सब डिवीजन बनाए जाने  की घोषणा पर सतीश,सुरेश,राकेश आदि गाँववासियों ने शिक्षा मंत्री कंवरपाल का पगड़ी पहनाकर अभिनंदन किया, शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने गांव वालों की मांग पर सड़क निर्माण व नाला निर्माण किए जाने की घोषणा की। गांव ऊर्जनी में भी सब डिवीजन की घोषणा का स्वागत करते हुए शिवचरण नम्बरदार, रमेश,रवि आदि ने शिक्षा मंत्री कंवरपाल को पगड़ी पहनाकर व शाल भेंटकर सम्मानित किया गया,

            शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि क्रांतिवीर योजना के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं, 17 साल 6 माह की आयु में युवा सेना में भर्ती होकर देश की सेवा भी करेगा और उसको ट्रेनिंग भी प्रदान की जाएगी उसको सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाएगा और रिटायरमेंट के पश्चात उसको एक अच्छी धनराशि भी सेना द्वारा प्रदान की जाएगी, हरियाणा सरकार ने घोषणा की है कि क्रांतिवीर को हरियाणा सरकार नौकरी की प्राथमिकता देगी,शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि किसानों की भलाई के लिए हरियाणा भाजपा सरकार ने मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल शुरू किया है जिसके अंतर्गत किसानो को उसकी फसल का भुगतान सीधा उसके खाते में प्रदान किया जा रहा है।

            शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि हरियाणा भाजपा सरकार सरकारी स्कूलों का शिक्षा स्तर ऊंचा उठाने का पूरा प्रयास कर रही है और इसी कड़ी के अंतर्गत पारदर्शिता के साथ सरकारी स्कूलों में टीचर्स की ट्रांसफर ड्राइव की जा रही है, स्कूलों के विकास के लिए हरियाणा सरकार ने सीधा सरकारी विधालयों में धनराशि भेंज दी है जिससे सरकारी विधालयों में विकास कार्य जल्द से जल्द हो सकें, हरियाणा की भाजपा सरकार परिवार पहचान पत्र के माध्यम से डाटा इकट्ठा कर रही है इसके अनुसार जरूरतमंद व्यक्ति का बीपीएल कार्ड ,वोटर कार्ड अपने आप ही बन जाएगा इसके लिए उसे किसी अधिकारी या नेता के घर चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

            शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि उनका लक्ष्य है कि जगाधरी विधानसभा में ज्यादा से ज्यादा कार्यों को जल्दी से जल्दी पूरा किया जाए और इसके लिए वह पूरी मेहनत से कार्य कर रहे हैं, शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि जगाधरी विधानसभा के हर गांव में जाकर वह विकास कार्यों के लिए धनराशि प्रदान कर रहे हैं ताकि गांव वालों की मांग पर विकास कार्य प्राथमिकता के साथ हो सके।

            इस दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता अशोक चौधरी बहादूरपूर,मंडल अध्यक्ष कल्याण सिंह, मंडल महामंत्री डॉ जगदीश धीमान ,भाजपा जिला मीडिया प्रमुख कपिल मनीष गर्ग, भाजपा जिला उपाध्यक्ष रामपाल शाहजहांपुर,भाजपा नेता मुदित बंसल,मंडल मीडिया प्रभारी कर्मसिंह,गौतम गर्ग,डायरेक्टर रामजतन डमौली,चौधरी सतीश,राकेश शेखूमाजरा,मंगतराम भीलपुरा,सुरेंद्र सरपंच, सुरेश शेखूमाजरा, प्रीतम सिंह,मांगा राम,शिवचरण नम्बरदार ऊर्जनी,रमेश ऊर्जनी,रवि ऊर्जनी,चुहड सिंह,अजमेर सैनी ,चेयरमैन बलविंदर मुजाफत,राजेश सैनी आदि सैंकड़ों लोग उपस्थित रहे।

जगदीप सिद्धू, सरगुन मेहता और गीताज़ बिंद्राखिया ने रविवार को नेक्सस एलांते मॉल का दौरा किया

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ – 12 सितंबर :

आगामी फिल्म “मोह” की स्टार कास्ट (सरगुन मेहता और गीताज़ बिंद्राखिया), निर्देशक जगदीप सिद्धू ने रविवार को नेक्सस एलांते मॉल का दौरा किया। उन्हें देख उनके फैन्स सितारों की एक झलक पाने के लिए फैन्स काफी संख्या में जमा हो गए। स्टार कास्ट ने अपने डायलॉग्स और गानों से वहां मौजूद दर्शकों का खूब मनोरंजन किया, जिसे देखकर फैन्स ने खूब तालियां बजाई और अपना भरपूर मनोरंजन किया।

Breaking News : ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष की अपील खारिज

ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन के मामले पर जिला जज  अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की अपील खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि मामला सुनने योग्य है। काशी विश्वनाथ धाम क्षेत्र-ज्ञानवापी परिसर छावनी में तब्दील है।  पढ़ें पल-पल का अपडेट

दोपहर दो बजे से अदालत की कार्यवाही शुरू होने वाली है। अभी कुछ देर पहले दोनों पक्षों के वकील भी कोर्ट परिसर के अंदर पहुंच चुके हैं। वादी महिलाएं भी कोर्ट पहुंच गई हैं। सभी ने अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी के चैंबर में भजन-कीर्तन किया।

  • जिला जज कोर्ट में आज के फैसले से तय हो जाएंगी कई बातें
  • देश की आजादी के वक्त ज्ञानवापी में मस्जिद थी या मंदिर
  • यहां प्‍लेसेज ऑफ वर्शिप ऐक्‍ट 1991 लागू होगा या फिर नहीं
  • प्रशासन अलर्ट, धारा 144 लागू, सोशल मीडिया पर भी नजर

डेमोक्रेटिक फ्रंट(ब्यूरो) वाराणसी – 12 सितंबर :

ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में सोमवार का दिन बेहद अहम रहा। ज्ञानवापी स्थित शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और विग्रहों के संरक्षण पर वाराणसी कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। जिला जज डॉ. अजय कृष्‍ण विश्‍वेश की अदालत ने इस याचिका पर आगे भी सुनवाई करने का फैसला लिया है। जज का फैसला आते ही कोर्ट परिसर हर हर महादेव के जयकारे से गूंज उठा। वकीलों ने भी जमकर नारे लगाए। आज दोपहर 2 बजकर 25 मिनट पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। 

मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा कि ये फैसला न्यायोचित नहीं है। हम फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। जज साहब ने फैसला सांसद के कानून को दरकिनार कर दिया। ऊपरी अदालत के दरवाजे हमारे लिए खुले हैं। उन्‍होंने कहा कि न्यायपालिका आपकी है। आप सांसद के नियम को नही मानेंगे। सब लोग बिक गए हैं।

वाराणसी के पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने फैसले से पहले बताया था, ‘शहर के संवेदनशील इलाकों में धारा 144 लागू है। शहर में हिंदू-मुस्लिमों की मिली-जुली आबादी वाले इलाके में पुलिस फोर्स तैनात है। पुलिस ने कुछ इलाकों में बीती रात से ही गश्त बढ़ा दी थी, ताकि आदेश के बाद कानून-व्यवस्था के हालात न बिगड़ें।’

फैसले के मद्देनजर पूरे शहर को हाई अलर्ट पर रखा गया था। सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग की जा रही थी। जिला अदालत परिसर में खास चौकसी बरतते हुए बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वॉड भी तैनात किया गया था।

पांच हिंदू महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मौजूद हिंदू देवी-देवताओं की पूजा की अनुमति मांगी थी। इन महिलाओं ने खासतौर पर श्रृंगार गौरी की हर दिन पूजा करने की इजाजत चाही थी। कोर्ट के आदेश पर मस्जिद में सर्वे भी किया गया था। सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद के तहखाने में शिवलिंग मौजूद है, जबकि मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था। केस में अब तक क्या हुआ, 3 पॉइंट्स में समझिए…

  • 18 अगस्त 2021 को 5 महिलाएं ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मां श्रृंगार गौरी, गणेश जी, हनुमान जी समेत परिसर में मौजूद अन्य देवताओं की रोजाना पूजा की इजाजत मांगते हुए कोर्ट पहुंची थीं। अभी यहां साल में एक बार ही पूजा होती है।
  • इन पांच याचिकाकर्ताओं का नेतृत्व दिल्ली की राखी सिंह कर रही हैं, बाकी चार महिलाएं सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक बनारस की हैं।
  • 26 अप्रैल 2022 को वाराणसी सिविल कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों के सत्यापन के लिए वीडियोग्राफी और सर्वे का आदेश दिया था।
  • मान्यता है कि 1669 में औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर का एक हिस्सा तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद बनवाई थी। कुछ इतिहासकार कहते हैं कि 14वीं सदी में जौनपुर के शर्की सुल्तान ने मंदिर को तुड़वाकर ज्ञानवापी मस्जिद बनवाई थी।
  • कुछ मान्यताओं के अनुसार अकबर ने 1585 में नए मजहब दीन-ए-इलाही के तहत विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद बनवाई थी।
  • मस्जिद और विश्वनाथ मंदिर के बीच 10 फीट गहरा कुआं है, जिसे ज्ञानवापी कहा जाता है। इसी कुएं के नाम पर मस्जिद का नाम पड़ा। स्कंद पुराण में कहा गया है कि भगवान शिव ने स्वयं लिंगाभिषेक के लिए अपने त्रिशूल से ये कुआं बनाया था।
  • शिवजी ने यहीं अपनी पत्नी पार्वती को ज्ञान दिया था, इसलिए इस जगह का नाम ज्ञानवापी या ज्ञान का कुआं पड़ा। किंवदंतियों, आम जनमानस की मान्यताओं में यह कुआं सीधे पौराणिक काल से जुड़ता है।
  • मसाजिद कमेटी की जवाबी बहस 22 अगस्त से लगातार जारी है। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि वर्ष 1936 में वक्फ बोर्ड का गठन हुआ था। वर्ष 1944 के गजट में यह बात सामने आई थी कि ज्ञानवापी मस्जिद का नाम शाही मस्जिद आलमगीर है।
  • संपत्ति शहंशाह आलमगीर यानी औरंगजेब की थी। वक्फ करने वाले के तौर पर भी बादशाह आलमगीर का नाम दर्ज था। इस तरह से बादशाह औरंगजेब द्वारा 1400 साल पुराने शरई कानून के तहत वक्फ की गई (दान दी गई) संपत्ति पर वर्ष 1669 में मस्जिद बनी और तब से लेकर आज तक वहां नमाज पढ़ी जा रही है।
  • इसके अलावा, 1883-84 में अंग्रेजों के शासनकाल में जब बंदोबस्त लागू हुआ तो सर्वे हुआ और आराजी नंबर बनाया गया। आराजी नंबर 9130 में उस समय भी दिखाया गया था कि वहां मस्जिद है, कब्र है, कब्रिस्तान है, मजार है, कुआं है। पुराने मुकदमों में भी यह तय हो चुका है कि ज्ञानवापी मस्जिद वक्फ की प्रॉपर्टी है।
  • सरकार भी इसे वक्फ प्रॉपर्टी मानती है, इसी वजह से काशी विश्वनाथ एक्ट में मस्जिद को नहीं लिया गया। वर्ष 2021 में मस्जिद और मंदिर प्रबंधन के बीच जमीन की अदला-बदली हुई, वह भी वक्फ प्रॉपर्टी मान कर ही की गई। इसलिए मां शृंगार गौरी का मुकदमा सिविल कोर्ट में सुनवाई योग्य नहीं है।

वाराणसी के प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर में बनी ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर जारी विवाद वर्षों पुराना है। इन मंदिर-मस्जिद को लेकर 213 साल पहले दंगे भी हो चुके हैं। हालांकि, आजादी के बाद इस मुद्दे को लेकर कोई दंगा नहीं हुआ। ज्ञानवापी को हटाकर उसकी जमीन काशी विश्वनाथ मंदिर को सौंपने को लेकर दायर पहली याचिका अयोध्या में राम मंदिर मुद्दा उठने के बाद 1991 में दाखिल हुई थी। 

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में हिंदू पक्ष का दावा खारिज हो सकता है। अंजुमन इंतेजामिया प्रबंध समिति ने सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर करके कहा है कि ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराने वाला वाराणसी सिविल कोर्ट का आदेश स्पष्ट रूप से द प्लेसेज ऑफ वर्शिप (स्पेशल प्रोविजंस) एक्ट 1991 का उल्लंघन है। इसके बाद ज्ञानवापी विवाद की पूरी बहस इसी कानून के इर्द-गिर्द टिकी हुई है।

‘मैंने बचपन में एक बात सुनी थी। कबूतर जब बिल्ली को देखता है तो वह जानता है कि बिल्ली उसे खा जाएगी। बिल्ली को कबूतर बहुत स्वादिष्ट लगता है। कबूतर इतना भोला और नादान होता है कि वह सोचता है कि आंखें बंद कर लूंगा तो बिल्ली दिखेगी नहीं। इस तरह से बिल्ली उसको खा जाती है। 1947 की स्थिति में धार्मिक स्थलों को बनाए रखना, यानी कबूतर की तरह बिल्ली से आंखें मूंदना है।’ 9 सितंबर 1991 को लोकसभा में द प्लेसेज ऑफ वर्शिप बिल (उपासना स्थल विधेयक) पर बहस के दौरान यह बात भाजपा नेता उमा भारती ने कही थी।

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में स्थित शाही ईदगाह मस्जिद का भी ज्ञानवापी की तर्ज पर सर्वे कराने के लिए याचिका दाखिल की गई है।
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में स्थित शाही ईदगाह मस्जिद का भी ज्ञानवापी की तर्ज पर सर्वे कराने के लिए याचिका दाखिल की गई है।

वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद अभी थमा भी नहीं था कि अब मथुरा में श्री कृष्ण जन्म भूमि के परिसर में स्थित मस्जिद के भी सर्वे कराए जाने की याचिका अदालत पहुंच गई है। उधर ताजमहल के भी शिव मंदिर तेजो महालया होने के दावे को लेकर याचिका दायर की गई है। इस बीच हिंदू संगठनों के कुछ कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में कुतुब मीनार के पास हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए इसका नाम बदलकर विष्णु स्तंभ किए जाने की मांग की। हालांकि, भारत में मंदिर-मस्जिद से जुड़ा विवाद नया नहीं है। इसमें सबसे ज्यादा चर्चा राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद की हुई, जो 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद थम गया। 

सनातन धर्म में पितृ पक्ष का क्या महत्त्व है और यमलोक से परिजनों के पास क्यों आते हैं पितर

           सनातन धर्म में किसी की मृत्यु के बाद उस व्यक्ति का श्राद्ध किया जाता है जो कि बेहद जरूरी होता है। इसलिए पितृ पक्ष का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है और इस दौरान 15 दिनों तक लोग अपने पितरों तक का श्राद्ध व तर्पण करते हैं।  मान्यता है यदि विधि-विधान से पितरों का तर्पण न किया जाए तो उनको मुक्ति प्राप्त नहीं होती।  श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है. कहा जाता है कि पितृ पक्ष में यमराज पितरों को अपने परिजनों से मिलने के लिए मुक्त कर देते हैं और 15 दिनों तक पितर धरती पर रहते हैं।  इस दौरान यदि पितरों का श्राद्ध न किया जाए तो वह नाराज हो जाते हैं।

राजविरेन्द्र वशिष्ठ, धर्म/संस्कार डेस्क, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

           ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जब सूर्य नारायण कन्या राशि में विचरण करते हैं तब पितृलोक पृथ्वी लोक के सबसे अधिक नजदीक आता है। श्राद्ध का अर्थ पूर्वजों के प्रति श्रद्धा भाव से है। जो मनुष्य उनके प्रति उनकी तिथि पर अपनी सामर्थ्य के अनुसार फलफूल, अन्न, मिष्ठान आदि से ब्राह्मण को भोजन कराते हैं। उस पर प्रसन्न होकर पितृ उसे आशीर्वाद देकर जाते हैं। पितरों के लिए किए जाने वाले श्राद्ध दो तिथियों पर किए जाते हैं, प्रथम मृत्यु या क्षय तिथि पर और द्वितीय पितृ पक्ष में जिस मास और तिथि को पितर की मृत्यु हुई है अथवा जिस तिथि को उसका दाह संस्कार हुआ है। इसमें एक पिंड का दान और एक ब्राह्मण को भोजन कराया जाता है। पितृपक्ष में जिस तिथि को पितर की मृत्यु तिथि आती है, उस दिन पार्वण श्राद्ध किया जाता है। पार्वण श्राद्ध में 9 ब्राह्मणों को भोजन कराने का विधान है।

          श्राद्ध का अर्थ अपने देवताओं, पितरों, परिवार और वंश के प्रति श्रद्धा प्रकट करना है। जब स्वजन अपने शरीर को छोड़कर चले जाते हैं। वह चाहे किसी भी रूप में अथवा किसी भी लोक में हों, श्राद्ध पक्ष के समय अपनी तिथि पर पृथ्वी पर आते हैं। उनकी तृप्ति के लिए श्रद्धा के साथ जो शुभ संकल्प और तर्पण किया जाता है, उसको हमारे पितृ सूक्ष्म रूप में आकर अवश्य ग्रहण करते हैं। अपनी तिथि के दिन हमारे पितृ सवेरे सूर्य की किरणों पर सवार होकर आते हैं। वे अपने पुत्र पौत्र अथवा वंशजों से अपेक्षा करते हैं कि उन्हें अन्न-जल प्रदान करें। ब्राह्मण को भोजन कराने एवम पितृ जल देने से वे एक वर्ष के लिए तृप्त हो जाते हैं। इन सोलह दिनों में न कोई शुभ कार्य किया जाता है और न ही कोई नई वस्तु खरीदी जाती है।

           धर्म ग्रंथों के मुताबिक श्राद्ध के सोलह दिनों में लोग अपने पितरों को जल देते हैं तथा उनकी मृत्युतिथि पर श्राद्ध करते हैं। ऐसी मान्यता है कि पितरों का ऋण श्राद्ध द्वारा चुकाया जाता है। वर्ष के किसी भी मास तथा तिथि में स्वर्गवासी हुए पितरों के लिए पितृपक्ष की उसी तिथि को श्राद्ध किया जाता है। पितरों की संतुष्टि के उद्देश्य से श्रद्धापूर्वक किये जाने वाले तर्पण, ब्राह्मण भोजन, दान आदि कर्मों को श्राद्ध कहा जाता है। इसे पितृयज्ञ भी कहते हैं। श्राद्ध के द्वारा व्यक्ति पितृऋण से मुक्त होता है और पितरों को संतुष्ट करके स्वयं की मुक्ति के मार्ग पर बढ़ता है। श्राद्ध या पिण्डदान दोनो एक ही शब्द के दो पहलू है पिण्डदान शब्द का अर्थ है अन्न को पिण्डाकार मे बनाकार पितर को श्रद्धा पूर्वक अर्पण करना इसी को पिण्डदान कहते है दक्षिण भारतीय पिण्डदान को श्राद्ध कहते हैं।

           सनातन धर्म के मरणोपरांत संस्कारों को पूरा करने के लिए पुत्र का प्रमुख स्थान माना गया है। शास्त्रों में लिखा है कि नरक से मुक्ति पुत्र द्वारा ही मिलती है। इसलिए पुत्र को ही श्राद्ध, पिंडदान का अधिकारी माना गया है। और नरक से रक्षा करने वाले पुत्र की कामना हर मनुष्य करता है।

क्यों आवश्यक है श्राद्ध:

  • श्राद्ध पितृ ऋण से मुक्ति का माध्यम है
  • श्राद्ध पितरों की संतुष्टि के लिये आवश्यक है
  • महर्षि सुमन्तु के अनुसार श्राद्ध करने से श्राद्धकर्ता का कल्याण होता है
  • मार्कंडेय पुराण के अनुसार श्राद्ध से संतुष्ट होकर पितर श्राद्धकर्ता को दीर्घायु, संतति, धन, विघ्या, सभी प्रकार के सुख और मरणोपरांत स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदान करते हैं
  • अत्री संहिता के अनुसार श्राद्धकर्ता परमगति को प्राप्त होता है

           पितरों के निमित्त श्राद्ध तर्पण आदि का समय दिन के मध्यान काल मे माना जाता है। इस वर्ष आश्विन कृष्ण पूर्णिमा और प्रतिपदा तिथि 10 और 11 सितम्बर दोनों दिन अपराह्न व्यापिनी है। अतः यहां प्रतिपदा का श्राद्ध 10 सितंबर को किया जाएगा। इस वर्ष प्रतिपदा अपराह्न काल के अधिक भाग को 10 सितंबर के दिन ही व्याप्त कर रही थी इसलिए प्रतिपदा का महालय श्राद्ध 10 सितंबर को किया जाएगा और द्वितीया का श्राद्ध 11 सितम्बर को किया जाएगा। 25 सितम्बर रविवार को अमावस्या तिथि का श्राद्ध / सर्वपित्र श्राद्ध का समापन होगा।

  • यदि श्राद्ध नहीं किया जाता है, तो पितरों को बड़ा ही दुःख होता है

         ब्रह्म पुराण पुराण में उल्लेख है की यदि श्राद्ध नहीं किया जाता है, तो पितर श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को श्राप देते हैं। श्राप के कारण वह वंशहीन हो जाता अर्थात वह पुत्र रहित हो जाता है, उसे जीवनभर कष्ट झेलना पड़ता है, घर में बीमारी बनी रहती है।

राशिफल, 12 सितंबर 2022

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उसकी राशि ही काफी होती है। राशि से उस या अमूक व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में जानना आसान हो जाता है। इतना ही नहीं, ग्रह दशा कोअपने विचारों को सकारात्मक रखें, क्योंकि आपको ‘डर’ नाम के दानव का सामना करना पड़ सकता है। नहीं तो आप निष्क्रिय होकर इसका शिकार हो सकते हैं। आपका कोई पुराना मित्र आज कारोबार में मुनाफा कमाने के लिए आपको सलाह दे सकता है, अगर इस सलाह पर आप अमल करते हैं तो आपको धन लाभ जरुर होगा। घरेलू मामलों पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है। आपकी ओर से की गयी लापरावाही महंगी साबित हो सकती है। आपके प्रिय/जीवनसाथी का फ़ोन आपका दिन बना देगा।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – 12 सितंबर 22 :

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मेष/aries

12 सितंबर 22 :

जैसे ही आप हालात पर पकड़ बनाने की कोशिश शुरू करेंगे, आपकी घबराहट ग़ायब हो जाएगी। जल्दी ही आप पाएंगे कि यह परेशानी साबुन के उस बुलबुले की तरह है, जो छूते ही फूट जाता है। कोई बेहतरीन नया विचार आपको आर्थिक तौर पर फ़ायदा दिलायेगा। अपनी बातों पर क़ाबू रखें, क्योंकि इसके चलते बड़े-बुज़ुर्ग आहत महसूस कर सकते हैं। बेकार की बातें करके समय बर्बाद करने से बेहतर है कि आप शांत रहें। याद रखें कि समझदार कामों के ज़रिए ही हम जीवन को अर्थ देते हैं। उन्हें महसूस करने दें कि आप उनका ख़याल रखते हैं। आज के इस ख़बसूरत दिन प्रेम-संबंध में आपकी सभी शिकायतें ग़ायब हो जाएंगी। नए विचारों और आइडिया को जाँचने का बेहतरीन वक़्त। आज के दिन आपका वैवाहिक जीवन एक ख़ूबसूरत बदलाव से गुज़रेगा। छोटे भाई के साथ घूमने जा सकते हैं इससे आप दोनों के रिश्तों में प्रगाढ़ता आएगी।

अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

वृष/Taurus

12 सितंबर 22 :

आप आज ख़ुद को रोज़ाना की अपेक्षा कम ऊर्जावान महसूस करेंगे। स्वयं को ज़रूरत से ज़्यादा काम के नीचे न दबाएँ, थोड़ा आराम करें और आज के कामों को कल तक के लिए टाल दें। आपकी माता पक्ष से आज आपको धन लाभ होने की पूरी संभावना है। हो सकता है कि आपके मामा या नाना आपकी आर्थिक मदद करें। अपने जीवन-साथी के साथ बेहतर समझ ज़िन्दगी में ख़ुशी, सुकून और समृद्धि लाएगी। संभव है कि कोई आपसे अपने प्यार का इज़हार करे। इस राशि के लोग बड़े ही दिलचस्प होते हैं। ये कभी लोगों के बीच रहकर खुश रहते हैं तो कभी अकेले में हालांकि अकेले वक्त गुजारना इतना आसान नहीं है फिर भी आज दिन में कुछ समय आप अपने लिए जरुर निकाल पाएंगे। आप अपने जीवन की कुछ यादगार शामों में से एक आज अपने जीवनसाथी के साथ बिता सकते हैंं। रिश्तों से परे आपकी अपनी भी एक दुनिया है और उस दुनिया में आज आप दस्तक दे सकते हैं।

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मिथुन/Gemini

12 सितंबर 22 :

घरेलू परेशानियाँ आपको तनाव दे सकती हैं। ख़र्चों में इज़ाफ़ा होगा, लेकिन साथ ही आमदनी में हुई बढ़ोत्तरी इसको संतुलित कर देगी। प्रभावशाली और महत्वपूर्ण लोगों से परिचय बढ़ाने के लिए सामाजिक गतिविधियाँ अच्छा मौक़ा साबित होंगी। अपने साथी के साथ बाहर जाते वक़्त ठीक तरह से व्यवहार करें। इस राशि के लोग बड़े ही दिलचस्प होते हैं। ये कभी लोगों के बीच रहकर खुश रहते हैं तो कभी अकेले में हालांकि अकेले वक्त गुजारना इतना आसान नहीं है फिर भी आज दिन में कुछ समय आप अपने लिए जरुर निकाल पाएंगे। अगर आप और आपका जीवनसाथी खाने-पीने पर ज़्यादा ध्यान देंगे, तो सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। जब आपके पास ज़्यादा खाली समय हो, तो नकारात्मक विचार आपको ज़्यादा परेशान करते हैं। अतः सकारात्मक पुस्तकें पढ़ें, कोई मनोरंजक फ़िल्म देखें या मित्रों के साथ समय व्यतीत करें।

अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

कर्क/Cancer

12 सितंबर 22 :

आज का दिन मौज-मस्ती और आनन्द से भरा रहेगा- क्योंकि आप ज़िन्दगी को पूरी तरह जिएंगे। आप ऐसे स्रोत से धन अर्जित कर सकते हैं, जिसके बारे में आपने पहले सोचा तक न हो। आपको ख़ुश रखने के लिए आपके बच्चे जो कुछ बन पड़ेगा, वह करेंगे। आज ही लंबे वक़्त से चले आ रहे झगड़ों को सुलझा लें, क्योंकि हो सकता है कि कल बहुत देर हो जाए। दिल के करीबी लोगों के साथ आपका वक्त बिताने का मन करेगा लेकिन आप ऐसा कर पाने में सक्षम नहीं हो पाएंगे। वैवाहिक जीवन के कुछ साइड इफ़ेक्ट्स भी होते हैं; आज आपको इनका सामना करना पड़ सकता है। धीरे-धीरे ही सही लेकिन जिंदगी अब ट्रैक पर आ रही है इस बात का अहसास आज आपको होगा।

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Leo
सिंह/Leo

12 सितंबर 22 :

परिवार के इलाज से जुड़े ख़र्चों में इज़ाफ़े को नकारा नहीं जा सकता है। अगर आप लोन लेने वाले थे और काफी दिनों से इस काम में लगे थे तो आज के दिन आपको लोन मिल सकता है। शाम के समय सामाजिक गतिविधियाँ उससे कई बेहतर रहेंगी, जितनी आपने उम्मीद की थी। आपका प्यार न सिर्फ़ परवान चढ़ेगा, बल्कि नई ऊँचाइयों को भी छूएगा। दिन की शुरुआत प्रिय की मुस्कान से होगी और रात उसके सपनों में ढलेगी। इस राशि के बच्चे आज खेलकूद में दिन बिता सकते हैं, ऐसे में माता-पिता को उनपर ध्यान देना चाहिए क्योंकि चोट लगने की संभावना है। यूँ तो जीवन हमेशा कुछ नया और चौंकाने वाली चीज़ आपके सामने लाता है। लेकिन आज आप अपने जीवनसाथी का एक अनोखा पहलू देखकर ख़ुशी से चौंक जाएंगे। शांति का वास आपके दिल में रहेगा और इसीलिए आप घर में भी अच्छा माहौल बना पाने में कामयाब होंगे।

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कन्या/Virgo

12 सितंबर 22 :

ख़ुद को परिष्कृत करने की कोशिश कई तरीक़ों से अपना असर दिखाएगी- आप ख़ुद को बेहतर और आत्मविश्वास से भरा हुआ महसूस करेंगे। घर में किसी फंक्शन के होने की वजह से आज आपको बहुत धन खर्च करना पड़ेगा जिसके कारण आपकी आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है। ऐसे मुद्दों पर बात करने से बचें, जिनको लेकर प्रियजनों से वाद-विवाद होने की संभावना है। अपने प्रिय के बिना समय बिताने में दिक़्क़त महसूस करेंगे। आपके द्वारा आज खाली समय में ऐसे काम किये जाएंगे जिनके बारे में आप अक्सर सोचा करते हैं लेकिन उन कामों को कर पाने में समर्थ नहीं हो पाते। दिन में जीवनसाथी के साथ बहस के बाद एक बेहतरीन शाम गुज़रेगी। अगर आज कुछ अधिक करने को नहीं है तो अपने घर के सामानों को दुरुस्त करके आप अपने को व्यस्त रख सकते हैं।

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Libra
तुला/Libra

12 सितंबर 22 :

आप ख़ुद को ऊर्जा से सराबोर महसूस करेंगे- लेकिन काम का बोझ आपमें खीज पैदा करेगा। अगर आप अपनी रचनात्मक प्रतिभा को सही तरीक़े से इस्तेमाल करें तो वह काफ़ी फ़ायदेमंद साबित होगी। बच्चे आपको अपनी उपलब्धियों से गर्व का अनुभव कराएंगे। आपका काम दरकिनार हो सकता है- क्योंकि आप अपने प्रिय की बांहों में ख़ुशी, आराम और उल्लास महसूस करेंगे। रात के समय आज आप घर के लोगों से दूर होकर अपने घर की छत या किसी पार्क में टहलना पसंद करेंगे। आपका जीवनसाथी हाल में हुई खटपट को भुलाकर अपने अच्छे स्वभाव का परिचय देगा। घर से बाहर रहने वाले जातकों को आज अपने घर की बहुत याद सताएगी। अपने मन को हल्का करने के लिए आप घर वालों से कई देर तक बात कर सकते हैं।

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वृश्चिक/Scorpio

12 सितंबर 22 :

आपका आकर्षक बर्ताव दूसरों का ध्यान आपकी तरफ़ खींचेगा। रुका हुआ धन मिलेगा और आर्थिक हालात में सुधार आएगा। परिवार वालों का हँसी-मज़ाक भरा बर्ताव घर के वातावरण को हल्का-फुल्का और ख़ुशनुमा बना देगा। मतभेद के चलते व्यक्तिगत संबंधों में दरार पड़ सकती है। आज समय की नजाकत को देखते हुए आप अपने लिए समय निकाल सकते हैं लेकिन ऑफिस के किसी काम के अचानक आ जाने के कारण आप ऐसा करने में सफल नहीं हो पाएँगे। रिश्तेदारों को लेकर जीवनसाथी के साथ नोंकझोंक हो सकती है। आज आपके जोशीले अंदाज से आपके सहकर्मी आपसे आकर्षित हो सकते हैं।

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धनु/Sagittarius

12 सितंबर 22 :

आज आप ऊर्जा से लबरेज़ होंगे- आप जो भी करेंगे उसे आप उससे आधे वक़्त में ही कर देंगे, जितना वक़्त आप अक्सर लेते हैं। आज सफलता का मंत्र यह है कि उन लोगों की सलाह पर पैसे लगाएँ, जो मौलिक सोच रखते हों और अनुभवी भी हों। दोस्त और जीवनासाथी आराम तथा ख़ुशी देंगे, नहीं तो बाक़ी दिन उबाऊ और नीरस गुज़रेगा। आपका महबूब आज आपको बड़ी ख़ूबसूरती से कुछ ख़ास करके चौंका सकता है। अपने व्यक्तित्व और रंग-रूप को बेहतर बनाने का कोशिश संतोषजनक साबित होगी। जीवनसाथी की वजह से आपको महसूस होगा कि उनके लिए दुनिया में आप ही सबसे महत्वपूर्ण हैं। आज आपके जोशीले अंदाज से आपके सहकर्मी आपसे आकर्षित हो सकते हैं।

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मकर/Capricorn

12 सितंबर 22 :

आज आप ऊर्जा से लबरेज़ होंगे- आप जो भी करेंगे उसे आप उससे आधे वक़्त में ही कर देंगे, जितना वक़्त आप अक्सर लेते हैं। परिवार के किसी सदस्य के बीमार पड़ने की वजह से आपको आर्थिक परेशानी आ सकती है, हालांकि इस वक्त आपको धन से ज्यादा उनकी सेहत की चिंता करनी चाहिए। बच्चे ज़्यादा वक़्त साथ बिताने की मांग करेंगे- लेकिन उनका बर्ताव सहयोगी और समझदारी भरा होगा। आज अपने ख़ूबसूरत कामों को दिखाने के लिए आपका प्रेम पूरी तरह खिलेगा। आप चाहें तो परेशानियों को मुस्कुराकर दरकिनार कर सकते हैं या उनमें फँसकर परेशान हो सकते हैं। चुनाव आपको करना है। आज आप एक बार फिर समय में पीछे जाकर शादी के शुरुआती दिनों के प्यार और रुमानियत को महसूस कर सकते हैं। माता के साथ आज आप अच्छा समय बिता सकते हैं, आज वो आपसे आपकी बचपन की बातें शेयर कर सकती हैं।

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कुम्भ/Aquarius

12 सितंबर 22 :

आपका बच्चों जैसा भोला स्वभाव फिर सतह पर आ जाएगा और आप शरारती मनोदशा में होंगे। भविष्य में अगर आपको आर्थिक रुप से मजबूत बनना है तो आज से ही धन की बचत करें। प्रभावशाली और महत्वपूर्ण लोगों से परिचय बढ़ाने के लिए सामाजिक गतिविधियाँ अच्छा मौक़ा साबित होंगी। आपकी आँखें इतनी चमकीली हैं कि वे आपके प्रिय की अंधेरी रात को भी रोशन कर सकती हैं। जिंदगी में चल रही आपाधापी के बीच आज आपको अपने लिए पर्याप्त समय मिलेगा और और आप अपने पसंदीदा कामों को कर पाने में कामयाब हो पाएंगे। अगर आप अपने जीवनसाथी से स्नेह की आशा रखते हैं, तो यह दिन आपकी आशाओं को पूरा कर सकता है। आज आप बच्चों के साथ बच्चों के जैसा ही व्यवहार करेंगे जिससे आपके बच्चे सारे दिन आपसे चिपके रहेंगे।

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मीन/Pisces

12 सितंबर 22 :

आपका सकारात्मक रुख़ आपके आसपास के लोगों को प्रभावित करेगा। आज घर से बाहर बड़ों का आशीर्वाद लेकर निकलें इससे आपको धन लाभ हो सकता है। नयी चीज़ों पर ध्यान लगाएँ और अपने सबसे अच्छे दोस्त की मदद लें। किसीकी दख़लअंदाज़ी के चलते आपके और आपके प्रिय के रिश्ते में दूरियाँ आ सकती हैं। खाली समय का पुरा आनंद उठाने के लिए आपको लोगों से दूर होकर अपने पसंदीदा काम करने चाहिए। ऐसा करके आपमें सकारात्मक बदलाव भी आएंगे। जीवनसाथी की वजह से आपकी कोई योजना या कार्य गड़बड़ हो सकता है; लेकिन धैर्य बनाए रखें। भविष्य की चिंता से अधिक चिंतन की आवश्यकता होती है, इसलिए बेवजह चिंता करने की बजाय आप कोई रचनात्मक योजना बना सकते हैं।

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panchang

पंचांग, 12 सितम्बर 2022

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – 12 सितम्बर 22 :

Shradh Will Start From Saturday Nut | Shradh 2022: आज से शुरू होंगे श्राद्ध,  जानिए क्या है शुभ योग औऱ इन दिनो कैसे पार होगी नैया
आज श्राद्ध की तृतीया तिथि है

नोटः आज तृतीया तिथि का श्राद्ध है। 

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः आश्विऩ, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः द्वितीया प्रातः 11.36 तक है,

वारः सोमवार। 

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः उत्तराभाद्रपद प्रातः 06.59 तक है, 

योगः अतिगण्ड प्रातः 09.31 तक, 

करणः गर 

सूर्य राशिः सिंह, चंद्र राशिः मीन, 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.09, सूर्यास्तः 06.26 बजे।