Tuesday, December 3

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – 06 सितम्बर 22 :

नोटः आज पद्मा एकादशी व्रत (वैष्णव), श्रीवामन जयंती, श्रावण द्वादशी।

Rama Ekadashi 2021: रमा एकादशी पर करें व्रत, भगवान विष्णु के साथ मां  लक्ष्मी भी होती हैं प्रसन्न - Rama Ekadashi 2021 date time before Diwali  significance lakshmi puja tlifd - AajTak
पद्मा एकादशी

आज पद्मा एकादशी व्रत (वैष्णव) :  विष्‍णु पुराण में पद्मा एकादशी का बहुत ही खास महत्‍व बताया गया है। इसके अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की इस एकादशी पर भगवान नारायण करवट लेते हैं। इस कारण से यह परिवर्तनी एकादशी भी कहलाती है। इस एकादशी का व्रत करने से आपको सभी पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

वामन जयंती भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को मनाई जाती है

श्री वामन जयंती : वामन जयंती भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को मनाई जाती है। जबकि सनातन धर्म के अनुसार चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की द्वादशी को वामन द्वादशी मनायी जाती है। द्वादशी तिथि के दिन मनाये जाने के कारण ही इसे ‘वामन द्वादशी’ भी कहा जाता है।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः भाद्रपद़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः द्वादशी रात्रिकाल 12.05 तक है, 

वारः बुधवार। 

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः उत्तराषाढ़ा सांय 04.00 तक है, 

योगः शोभन रात्रि 25.15 तक, 

करणः बव, 

सूर्य राशिः सिंह, चंद्र राशिः मकर, 

राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.06, सूर्यास्तः 06.32 बजे।