Wednesday, December 25

डेमोक्रेटिक फ़्रोंट संवाददाता, पंचकूला – 1 सितंबर :

हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री चन्द्र ने आरोप लगाया कि हरियाणा प्रदेश में भ्रष्टाचार की गंगोत्री बह रही है और इसमें गोते लगाकर प्रदेश को लुटने वालों को मुख्यमंत्री और सरकार का संरक्षण प्राप्त है। हरियाणा प्रदेश  बनने के बाद ऐसा  पहली बार हो रहा है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में  कोई ऐसा पेपर होगा  जिसके लीक होने की खबर सुर्खियों में न रही हो अब तक हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित 30 से अधिक परिक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं और इतना ही नहीं यहां तक कि हरियाणा लोक सेवा आयोग और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के कर्मचारी और अधिकारी भी रंगे हाथों पकड़े गए। लेकिन सरकार ने दोषियों को सजा देने की अपेक्षा इन्हें हमेशा बचाने का ही काम किया है ताकि सरकार की असलियत का पर्दाफाश न हो जाए।

      चन्द्र मोहन ने कहा कि हाल ही में सोशल मीडिया में एक रिश्वत का मामला बड़ा  ही चर्चित हो रहा है  जिसमें सरकार समर्थित एक विधायक के परिवार को भी नौकरी हासिल करने के लिए रिश्वत देनी पड़ती है । मैं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मांग करता हूं कि हरियाणा में भ्रष्टाचार का जो मकड़जाल फैला हुआ है  उसकी तह तक जाने के लिए इस मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो  से  करवाई जाए ताकि  सरकार की गिरती हुई साख का पर्दाफाश हो ‌सके और बिना पर्ची और खर्ची  की सरकार के नाम पर लोगों से किए जा रहे धोखे को उजागर किया जा सके।

      उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी विडंबना यही है कि वर्तमान सरकार के मंत्री भी  हरियाणा में भ्रष्टाचार की बात स्वीकार कर चुके हैं। लेकिन सरकार भ्रष्टाचार के मामले उजागर करने की अपेक्षा उन्हें दबाने में ज्यादा विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा कि जैसा राजा वैसी प्रजा यह बात भी हरियाणा सरकार पर पूर्ण रूप से चरितार्थ होती है।  हरियाणा प्रदेश में वह दिन सौभाग्यशाली होगा जिस दिन अखबारों में अधिकारी और कर्मचारियों को  रिश्वत के मामले सुर्खियों में न छाए हुए हो।

         चन्द्र मोहन ने कहा कि नगर निगम फरीदाबाद जहां पर पिछले दिनों करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ था और इसकी आंच अभी शांत भी नहीं हुई थी कि वहां कल दो कर्मचारियों को 50 हजार रुपए और 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है। कल ही आदमपुर में एक खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के उप निरीक्षक को एक डिपो होल्डर से 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। इसी प्रकार पानीपत में शांति अस्पताल के डाक्टर से 1 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने का मामला भी सामने आया है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में यह हरियाणा किस और जा रहा है। आज सबसे बड़ा विचारणीय विषय यही है।

      चन्द्र मोहन ने कहा कि आज का दिन अभी खाली नहीं गया है और विजिलेंस ने भिवानी वक्फ बोर्ड रेंट कलेक्टर पटवारी  नफीस अहमद को को चार दुकानों का नक्शा पास करवाने की एवज में 50 हजार रुपए मांग रहा था उसे 30 रुपए की रिश्वत लेते हुए आज ही पकड़ा है। इसी तरह से कराधान शाखा में तैनात  लिपिक कैन्हया लाल को भी  50 हजार रुपए ‌की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया  है और हरियाणा का नाम ऐसे अधिकारी और कर्मचारी गौरवान्वित कर रहे हैं। ऐसे रिश्वतखोरों पर सरकार द्वारा सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

      उन्होंने कहा कि  इससे बड़ी विडंबना प्रदेश में और क्या हो सकती है कि  नौकरी देने के नाम पर युवाओं को गुमराह किया जा रहा है और यही कारण है कि हरियाणा प्रदेश में बेरोजगारी का भूत  युवाओं को डरा रहा है ।  अध्यापकों  के हजारों पद खाली पड़े हैं लेकिन उनको नौकरी देने कि अपेक्षा  रेशनलाईजेशन के नाम पर उनके पदों को समाप्त किया जा रहा है। इन सब बातों का ज़बाब  भाजपा -जजपा सरकार को लोगों को देना  ही होगा अन्यथा प्रदेश में आने वाले चुनावों में इसका खामियाजा इस सरकार भुगतना पड़ेगा।