एससीबी साइबर टीम ने बचाये 11 लाख रु, रिटायर्ड प्रिंसिपल को कर रहे थे ब्लैकमेल

“ब्लैकमेलिंग” बना साइबर अपराधियों का पसंदीदा हथियार, बिना डरें 1930 पर करें शिकायत : ओ पी सिंह आईपीए

अजय कुमार, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला – 1 सितंबर :

साइबर अपराधियों ने ब्लैकमेलिंग को अपना नया हथियार बनाया है।  इज़्ज़तदार लोग डरते हुए पैसे दे देते है और शिकायत नहीं करते है।   एक सेवानिवृत प्रिंसिपल को अश्लील वीडियो अपलोड करने की धमकी देकर साइबर अपराधियों ने 24 लाख रूपए ठग लिए।  जब साइबर अपराध की मोडस ऑपरेंडी समझ आयी तो सेवानिवृत प्रिंसिपल ने 1930 पर शिकायत दर्ज की।  एससीबी प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए आगे बताया, साइबर टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 11 लाख रूपए आरोपी के खाते में फ्रिज कर रिफंड कर दिए है। वही शिकायत प्राप्त होने के बाद स्थानीय पुलिस ने आगे कार्रवाई शुरू कर दी है।  
कभी यूट्यूब अधिकारी, तो कभी थानेदार, तो कभी एसपी बन किया फ़ोन, कहा केस में से निकलवा देंगे नाम

एससीबी प्रवक्ता ने बताया की शिकायत कर्त्ता ने 1930 पर शिकायत दी कि 16.08.2022 को सुबह एक फ़ोन आया, जिसमें सामने वाले ने खुद को एसएचओ साइबर सेल बताया और कहा की आपकी अश्लील वीडियो यूट्यूब पर अपलोड हुई है और उसे हटाने के लिए यूट्यूब के अधिकारी से बात करनी होगी। कथित फ़र्ज़ी थानेदार ने यूट्यूब अधिकारी के नाम से किसी राहुल शर्मा का नंबर दिया। पीड़ित द्वारा यूट्यूब अधिकारी से बात करने पर, वीडियो डिलीट करने के लिए फीस के तौर पर 31500 मांगे गए जिसे भुगतान पीड़ित ने तुरंत कर दिया ।  पैसे आने बाद फिर से फ़र्ज़ी यूट्यूब अधिकारी ने पीड़ित से 1.26 लाख कि डिमांड ये कहते हुए कि गयी कि अभी 4 वीडियो और है जिसे डिलीट करना है। और इसी तरह कभी इंस्टाग्राम से तो कभी व्हाट्सप्प से वीडियो डिलीट करवाने के नाम पर पीड़ित से पैसे ऐंठते रहे।पीड़ित ने आगे शिकायत में बताया कि फिर से उसे एक कॉल आयी जहाँ ठगों ने खुद को जिले का पुलिस अधीक्षक बताया। साइबर अपराधी  ने कहा की आपके खिलाफ शिकायत आयी है और 5 लाख रूपए दोगे तो में केस में से नाम निकलवा देंगे।  पीड़ित ने डरते हुए पैसे ऑनलाइन माध्यम से दे दिए। और इसी डर का फायदा उठाकर पीड़ित से 15 लाख रूपए और ले लिए। शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपियों ने झूठा लेटर भी भेजा जिसमें कहा गया की सीबीआई के पास भी यह केस गया था और हमने इस केस में से आपका नाम निकलवा दिया है। लेकिन उस लेटर में कई त्रुटियां देख पीड़ित को शक हुआ और तब समझ आया की उसके साथ ठगी हुई है।  पीड़ित ने तुरंत 1930 पर शिकायत दर्ज करवाई।  साइबर टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 11 लाख रूपए फ्रीज़ कर दिए।