ट्राइसिटी में गणेश चतुर्थी की धूम
- चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल से लोग राजस्थानी कलाकारों की मूर्ति खरीदने आते हैं
चंडीगढ़ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट – 22 अगस्त :
शहर में एक परिवार मुंबई के रंग और राजस्थानी खड़ियां मिट्टी से गणपति बप्पा की मूर्तियों तैयार कर रहा है। राजस्थान निवासी फूलचंद का पूरा परिवार गणेश चतुर्दशी से छह महीने पहले ही गणपति बप्पा की मूर्तियों के मॉडल तैयार करने में जुट जाता है।
गणेश चतुर्थी से एक माह पहले होती है पेंटिंग
फूलचंद ने बताया कि गणेश चतुर्थी के छह माह पहले वे मूर्ति बनाने का काम शुरू करते हैं। एक माह पहले पेंटिंग की प्रक्रिया शुरू होती है। गणेश पूजा से पांच दिन पहले मूर्तियों की बिक्री शुरू हो जाती है।
सोमवार देर शाम तक बप्पा की मूर्ति खरीदने वालों का जीरकपुर में तांता लगा रहा। यहां सिर्फ चंडीगढ़ ही नहीं बल्कि पंजाब, हरियाणा व हिमाचल के लोग भी बप्पा की मूर्ति खरीदने पहुंचे थे। शाम तक करीब एक हजार बड़ी और छोटी मूर्तियां बिक चुकी थीं।
फूलचंद की पिछली चार पीढ़ियां मूर्तिकला के लिए जानी जाती हैं। राजस्थान का यह दस सदस्यीय परिवार यहां करीब 25 साल से मूर्तिकला के प्रचार प्रसार में जुटा है। हर साल गणेश चतुदर्शी से छह माह पहले ही फूलचंद मूर्तियों के मॉडल तैयार कर लेते हैं। उन्होंने बताया कि एक से ढाई फुट की मूर्ति बनाने में एक माह का समय लगता है। तीन से दस फुट की मूर्ति बनाने में चार माह का समय लगता है।
तीन से दस फुट की मूर्तियों के अलग-अलग 55 मॉडल तैयार
फूलचंद ने बताया कि एक से ढाई फुट की मूूर्तियों के करीब 15 मॉडल तैयार किए गए हैं। वहीं तीन से दस फुट की मूर्तियों के 55 अलग-अलग मॉडल तैयार किए गए थे। इन मूर्तियों पर ऑयल पेंट का प्रयोग नहीं बल्कि वाटर प्रूफ रंग का इस्तेमाल किया जाता है। 12 फुट की 25 मूर्तियां स्पेशल मांग पर बनाईं थीं।