Thursday, January 16

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़/जीरकपुर – 3 अगस्त, 22 : 

हम पेड़ों के बिना एक ऐसी दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं जहां हरियाली एक ऐसी चीज है जो केवल अछूते हिस्सों के लिए आरक्षित है। ‘वन महोत्सव’ का अर्थ है कि पेड़ उत्सव सालाना सावन महीने में मनाया जाता है।  इसकी शुरुआत के.एम. मुंशी ने 1950 में वन संरक्षण और वृक्षारोपण के लिए जनता में उत्साह पैदा करने के लिए की गई थी 
बचपन स्कूल जीरकपुर की प्रिंसिपल श्रीमती मुक्ता शर्मा ने कहा कि हमने वन महोत्सव और हरित दिवस मनाकर बच्चों में जलवायु जागरूकता और प्रकृति के प्रति प्रेम की भावना पैदा करने का प्रयास किया है।

यहां बच्चे प्रकृति के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करने वाले सुंदर हरे रंग के कपड़े पहनकर आए और बड़े उत्साह के साथ पौधे लगाए।