भगवानपुर में खनन माफिया के हौसले बुलंद, एनजीटी के आदेशों को ठेंगा दिखाकर दिन-रात कर रहे अवैध खनन

  • खनन विभाग और खनन कंपनी की मिलीभगत से सरकार को लगाया करोड़ों का चूना
  • खनन मंत्री बोले अवैध खनन किसी भी सूरत में नहीं होगा बर्दाश्त

कोशिक खान, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर :

एनजीटी  द्वारा खनन पर रोक के बावजूद भी बिलासपुर के गांव भगवानपुर में धड़ल्ले से अवैध खनन बदस्तूर जारी है। खनन विभाग व रायलटी कंपनी मिलीभगत कर चांदी कूट रहे हैं। अवैध खनन को स्टॉक से परचेज दिखाकर  सरकार को करोड़ों रूपयों का चूना लगाया जा रहा है।

ज्ञात हो कि एनजीटी ने पर्यावरण की सुरक्षा को देखते हुए बरसाती नदियों में एक जुलाई से 15 सितंबर तक खनन करने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया हुआ है। उसके बावजूद भी खनन माफिया दिन ढलते ही रात के अंधेरे में नदियों में धड़ल्ले से अवैध खनन कर रहे हैं। खनन माफिया स्क्रीनिंग प्लांट संचालक अवैध खनन सामग्री को रॉयल्टी कंपनी में खनन विभाग के साथ मिलीभगत कर बड़ी आसानी से वैध माल बनाकर बेच रहे हैं। इस समय लगभग सभी घाटों पर खनन पूरी तरह से बंद है। रॉयल्टी कंपनी द्वारा 1 जुलाई से पहले ही सभी स्क्रीनिंग प्लांटों को सिर्फ कागजों में परचेज दे दी गई है। जो सरासर सरकारी नियमों के खिलाफ है। ऐसे में  रॉयल्टी कंपनी स्क्रीनिंग प्लांट संचालक और उनके साथ खनन विभाग मिलीभगत करके सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे हैं। कई स्क्रीनिंग प्लांट तो ऐसे ही लगे हुए हैं जिनके पास किसी भी तरह का स्टॉक नहीं है और खनन विभाग ने मिलीभगत करके सिर्फ कागजों में उनके स्टॉक को वेरीफाई कर देते हैं ताकि वह इधर उधर से अवैध खनन कर  प्लांट चलाकर रेत बजरी भेजकर उनके ई रवाना बड़ी आसानी से काट सकें।

अवैध खनन नहीं होगा बर्दाश्त ….खनन मंत्री

इस बारे में खनन मंत्री मूलचंद शर्मा का कहना है कि यमुनानगर में अवैध खनन को रोकने के लिए चार खनन इंस्पेक्टर नियुक्त किए गए हैं। विभाग की तरफ से छह खनन घाटों को टर्मिनेट भी किया गया है। इनके अलावा जहां पर भी अवैध खनन होगा तो उन सभी घाटों को भी टर्मिनेट किया जाएगा। जो घाट टर्मिनेट किए गए थे उनकी दोबारा से ऑक्शन कराई जाएगी। कहीं पर भी अवैध खनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा अवैध खनन करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।

सबसे बड़ा जांच का विषय यह है कि स्क्रीन प्लांटों पर कागजों में स्टॉक दर्शाया हुआ है और वह पिछले 1 महीने से रेत बजरी रोजाना बेच रहे हैं और कागजों में दर्शाया गया स्टॉक वैसे के वैसे ही पड़ा हुआ है। खनन विभाग और खनन कंपनी की मिलीभगत से यह खेल खेला जा रहा है। क्षेत्रवासी अशफाक कामिल विनोद जसवीर रामजतन पालेराम ने बताया कि बरसाती नदियों में एनजीटी द्वारा लगाई गई रोक का कहीं पर भी असर होता दिखाई नहीं दे रहा है। एनजीटी की रोक के बावजूद भी अवैध खनन धड़ल्ले से हो रहा है। इससे एक तरफ जहां पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं वही ट्रकों में ओवरलोड वाहन गांव की गलियों व सड़कों को भी क्षतिग्रस्त कर रहे हैं। 

क्षेत्रवासियों की मांग है  कि अवैध खनन व ओवरलोड वाहनों पर  अंकुश लगना चाहिए।