सूरतगढ़ में मानसून से जानमाल नुकसान होने पर कौन जिम्मेदार? किस पर होगी कार्यवाही?

करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरतगढ़ 7 जुलाई 22

मानसून में भारी बरसात की चेतावनी लगातार दी जा रही है। दो बरसातों में ही नगरपालिका प्रशासन का ढीला रवैया और ड्यूटी के प्रति लापरवाही सबके सामने आ गई मगर बिगडे़ हालात से सीख नहीं ली और पानी निकास में बाधा बने निर्माणों अतिक्रमणों को नहीं हटाया। ऐसे अतिक्रमण तत्काल हटाने थे मगर अधिकारी सड़कों पर देखने पहुंचे तब ऐसा हो।

सूरतगढ़ शहर में बाजारों में नालों पर पक्के निर्माण हैं जिससे वे बंद हैं। उनसे पानी की तेज निकासी नहीं होती इसलिए जगह जगह बरसात का पानी भरा रहता है।
बरसात और बाढ कभी भी आ सकती है। मौसम विभाग का लगातार अलर्ट आ रहा है। जिला कलेक्टर तो नालों की साफ सफाई का आदेश पहले ही दे चुका। नगरपालिका प्रशासन ने बहुत हल्के में लिया कलेक्टर का आदेश।
नालों पर पक्के अतिक्रमण का लाभ उठाते हैं दुकानदार। सामान रखते हैं। जो दुकानदार नियम कानून मानते हैं जिन्होंने नालों पर अतिक्रमण नहीं किया उनकी दुकानें पीछे रह कर दब रही है। अतिक्रमी शटर से छह सात फुट आगे। नगरपालिका प्रशासन की लापरवाही का अतिक्रमण वाले ले रहे लाभ और नियम मानने वाले उठा रहे नुकसान।
आलीशान भवनों कोठियों के आगे नालों पर पक्के अतिक्रमण रैंप दस बारह फुट सड़क पर। शहर में बरखा का पानी
घरों में दुकानों में घुसा और जान माल का नुकसान हुआ तब कौन होगा सीधा जिम्मेदार नगरपालिका अध्यक्ष या अधिशासी अधिकारी?
नगरपालिका अध्यक्ष जनता के आक्रोश को सहेगा।
सरकार की ओर से आपदा की समस्त जिम्मेदारी का जवाब तलब होगा ईओ से और निलंबन की कार्यवाही हो जाती है कुछ घंटों में। अधिशासी अधिकारी,सफाई निरीक्षक, जमादार सभी की जिम्मेदारी।
नगरपालिका प्रशासन नुकसान से पहले जागता तो दो बरसातों के हालात पर कार्यवाही कर देता।
अभी भी प्रशासन की ओर से कार्यवाही हो।
अधिशासी अधिकारी अतिक्रमणों को हटाने का नोट बना कर तुरंत आदेश के लिए अध्यक्ष को प्रस्तुत करे। इसके बावजूद अध्यक्ष आदेश न दे तो उपखण्ड अधिकारी या जिला प्रशासन से निर्देश प्राप्त कर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही कर प्रशासनिक जिम्मेदारी का पालन करे।

  • सबसे बड़ा सवाल है कि अतिक्रमण का लाभ दुकानदार या भवन मालिक उठाए तब दंड नगरपालिका प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी क्यों भोगे?
    नगरपालिका अध्यक्ष क्योंकि स्थानीय सरकार है इसलिए अपनी जिम्मेदारी से हट नहीं सकते।
    सूरतगढ़ के नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा और अधिशासी अधिकारी विजय प्रताप सिंह को समयबद्ध कार्य के तहत 8 जुलाई 2022 को निर्णय करना है कि सूरतगढ़ को बचाना है या नुकसान कराना है?